26 December, 2010

25-अर्चना -(२०११ के लिए )

नवल -वर्ष की बात नवल हो -
जीवन में सौगात नवल हो -
नवल प्रभा से खिली हो उषा -
गौरव से मस्तक हो ऊँचा -

 सदा कर्मरत रहें हम सभी -
विजय पताका लहराए -
मधुर -सरस सुर गूंजे चाहूं दिस -
अनहद  नाद मन सुन जाए .

नवल स्पर्श हो खुशियों का -
ये गहराता तम हट जाए -
बंसी की  धुन सुन  कृष्णा की -
राधामय मन हो जाए -

प्रेम -पुष्प की सदा हो वर्षा -
सुरभिमय हो सबका जीवन -
यही अर्चना  प्रभु से मेरी    -
स्वीकार करो प्रभु मेरा वंदन......!!!!!


आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..........!!!!

22 December, 2010

24-स्मृति .....!!

 कैसे कह दूं मन से अपने -
 बीत गयी सो बात गई -
 पड़ी अटल छब मनः पटल पर -
 मैं न जानू बात नई -

 रह -रह कर बीते दिन की जो -
 यादें मन पर छाई थीं-
 खटकाती थीं दरवाजा  -
 यादों का दीपक लायी थीं -
 आती थीं रह जाती थीं -
 न जाने की जिद लायी थीं -

 घने -घने हो जाते थे -
 छाये जो मेघा यादों के -
 छिटक , ढलक ,फिर बरस पड़े -
 जल -नीर नयन की राह लिए -



शीतल पवन भी मर्म पर मेरे -
ठंडक ही दे जाती थी -
मनः पटल पर स्मृति  की छाया -
और सघन हो जाती थी -

जीवन है तो चलना है -
जग चार दिनों का मेला है -
इक रोज़ यहाँ ,इक रोज़ वहां -
हाँ ----ये ही रैन -बसेरा है .....!!

मिलना और बिछड़ जाना -
ये जीवन की सच्चाई है -
अब कोई मिलता --फिर कोई बिछड़ा --
यादों की परछाईं है ...!!

सुख देकर मन दुःख क्यों पाता -
बात नहीं मैं समझ सकी -
कैसे कह दूं मन से अपने -
बीत गई सो बात गई ..........!!!!!!!!!!!!!!!!!!