कबीर पढ़ना और गाना अपने आप में एक आलौकिक आनंद देता है .....!!उनके भाव गाते वक़्त मैं इस दुनिया में होते हुए भी नहीं होती .....!!
इस गीत पर अन्य कलाकारों का सहयोग इस प्रकार है ...
हारमोनियम पर -नयन व्यास जी
सिंथ पर हैं -डॉ.मुकुल आचार्य जी
तबले पर -हामित वालिया जी
होस्ट हैं -डॉ पूनम कक्कड़ जी.
जब ज्योति जलती है ... हमारे बीच ...प्रेम की ...ज्ञान की ...भक्ति की ...हमारे अंदर ....
जब हम वेद-पुराण की बात करते हैं ....अपनी सभ्यता संस्कृति की बात करते हैं ...अपनी भावनाओं की बात करते हैं ...तो सहज ही ध्यान आता है कबीरदास जी का ...उनके दोहों को पढ़ना और सुनना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है ...!
पहले हम जीवन में भोग और विलास के पीछे भागते हैं एक अंधी दौड़ में ..जो हमें चाहिए उसके पीछे ....जब वो सब हमें मिल जाता है ...तब एक अजीब से खालीपन का एहसास होता है ...और याद आते हैं वो प्रभु जिन्हें हम अपने व्यस्त जीवन में....भूले- बिसराए बैठे हैं ...प्रभु से एकाकार होने का मन करता है ....और लगता है ...
साईं की नगरी परम अति सुंदर ...
जहाँ कोई जावे न आवे ...
उस नगरी तक ....उस प्रभु तक मैं अपना संदेस ...कैसे पहुँचाऊँ ...?
बिन सतगुरु आपनो नहीं कोई .....कहत कबीर सुनो भाई साधो ....सपने में प्रीतम आवे ...
जी हाँ अगर गुरु कृपा हो तो रास्ता आसान हो जाता है ....
कबीरदास जी कहते हैं ....
नैहरवा हमका न भावे ....
साईं की नगरी परम अति सुंदर ...अति सुंदर ...
जहाँ कोई जाए न आवै ..
चाँद सूरज जहाँ पवन न पानी ...
को संदेस पहुँचावे ...
दरद यह साईं को सुनावे ...
नैहरवा ....
बिन सतगुरु आपनो नहीं कोई ...
आपनो नहीं कोई ...
जो यह राह बतावे ...
कहत कबीरा सुनो भाई साधो ..
सपने में प्रीतम आवै ...
तपन यह जिया की बुझावे ...
नैहरवा ....
बिन सतगुरु आपनो नहीं कोई .....कहत कबीर सुनो भाई साधो ....सपने में प्रीतम आवे ...
जी हाँ अगर गुरु कृपा हो तो रास्ता आसान हो जाता है ....
कबीरदास जी कहते हैं ....
नैहरवा हमका न भावे ....
साईं की नगरी परम अति सुंदर ...अति सुंदर ...
जहाँ कोई जाए न आवै ..
चाँद सूरज जहाँ पवन न पानी ...
को संदेस पहुँचावे ...
दरद यह साईं को सुनावे ...
नैहरवा ....
बिन सतगुरु आपनो नहीं कोई ...
आपनो नहीं कोई ...
जो यह राह बतावे ...
कहत कबीरा सुनो भाई साधो ..
सपने में प्रीतम आवै ...
तपन यह जिया की बुझावे ...
नैहरवा ....
इस गीत पर अन्य कलाकारों का सहयोग इस प्रकार है ...
हारमोनियम पर -नयन व्यास जी
सिंथ पर हैं -डॉ.मुकुल आचार्य जी
तबले पर -हामित वालिया जी
होस्ट हैं -डॉ पूनम कक्कड़ जी.