''ज़िंदगी एक अर्थहीन यात्रा नहीं है ,बल्कि वो अपनी अस्मिता और अस्तित्व को निरंतर महसूस करते रहने का संकल्प है !एक अपराजेय जिजीविषा है !!''
10 October, 2014
03 October, 2014
प्रगाढ़ हरित अवलंब की छत्र छाया में......
प्रगाढ़ हरित अवलंब की छत्र छाया में
सत्व पूर्ण एक नीरवता है,
अविच्छिन्न .....!!
हथेलियों पर आक्रोश
ग्रहण करती हुई,
ग्रहण करती हुई,
सायास प्रकाश बचाने के प्रयास में
अकंपित अविचलित रहती हूँ मैं
प्रलयकारी इस वेग में भी .......!!
और इस तरह बचा ले जाती हूँ
तूफान के बीच भी
अंजुरी में सँजोयी
वो दिये की लौ
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सभी का जीवन उज्ज्वल प्रकाशमय हो ....विजयदशमी की अनेक शुभकामनायें !!
अंजुरी में सँजोयी
वो दिये की लौ
जो अंततः
उज्ज्वल कर देती है
हमारा जीवन .......!!
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सभी का जीवन उज्ज्वल प्रकाशमय हो ....विजयदशमी की अनेक शुभकामनायें !!