नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

31 January, 2014

जीवन को और चाहिए भी क्या …???

सोलह कलाओं से खिला चंद्रमा ,
ऐश्वर्यपूर्ण लावण्यमई लाजवंती चंद्रिका ,
ऐसा ऐश्वर्य पा ,
लाज से निर्झर सी झरती,
यूं उतरती चली नदिया  में,
मानो लाज से गड़  गई है....!!

पा ज्योत्स्नामृत
वाचाल हो उठी
सुगम्भीर प्रशांता पावनी (नदी)
कल कल निनाद
गुंजायमान ज्यों किंकनी (घुँघरू)

जल प्रपात का विनोद ,
यह क्रीड़ा कौतुक  निहार
मन कौतूहल से आमोद ,
अक्षय ताजगी से प्रमोद .

निर्जनसे इस वन  में,
प्रकृति के चिर नवीन आकर्षण में,
स्वर श्रुतियों में अमृत घोल
बोल रही है मीठे बोल ,
बीत रहे  ये क्षण अनमोल .……
बोलो तो……
जीवन को और चाहिए भी क्या …???


29 January, 2014

मुझसे मेरा परिचय करवा दो


जीवन की अनमोल घड़ी यह
प्रातः की बेला मे खिलकर
छाई हुई ये धुंध  मिटा दो
मुझमें मेरा बसंत खिला दो ,

मुझसे मेरा परिचय करवा दो

बाग तुम्हारे महकूँ ऐसे
खिले पुष्प सी लहकूँ ऐसे
मौन खड़ी सुरभी बिखराऊँ,
भाव भाव  गुन शब्द  रचाऊँ
रजनी गंधा सी महका दो

मुझसे मेरा परिचय करवा दो

बहने लगे भाव की धारा
बहें शब्द  पा जाएँ  किनारा,
सप्त स्वरों में बहता मेरा
अभिनंदन वंदन बन जाये
कोयलिया का गान सुना  दो ,
मुझसे मेरा स्वत्व मिला दो

मुझसे मेरा परिचय करवा दो

 मन की आभा से खिली खिली ,
शब्दों  की ऐसी संरचना हो ,
स्वाति की इक बूंद सजल मन,
चातक  मन की  प्यास बुझा दो ,
रंग भरे रस यूँ छलका दो
मुझमें मेरा बसंत खिला दो… !!

मुझसे मेरा परिचय करवा दो



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22 January, 2014

फिर से शिशिर का स्वागत हो.......!!

यूँ छाई घन घोर कुहेलिका(धुन्ध)
शीत आवरण ओढ़े धरा,
तुहिन(ओस ) की बूँद बूँद लड़ियाँ  लतिका पर,
हो रही स्वागतातुर वसुंधरा....!!

शिशिर ने दे दी है दस्तक
अबोली न रहे मन की कथा,
कुछ तो बोलो कि
रंग बिखरें सूर्य की किरणों से ,
सतरंग सजे नेह गाथा ,

तुम प्रभासित हो
और ....जग पर छा जाओ ऐसे
दैदीप्यमान  उल्लास  तुम्हारा
चीर दे कुहेलिका   …… !!

 फिर सरसो  ऐसे कि
मन पर आह्लाद बरसे......!!
पलक पर पुलक की
कुछ  बूँद दे दो
के तुमसे  ही सुमिर सुमिर
फिर से रुचिर
शिशिर का स्वागत हो.



18 January, 2014

सौन्दर्य बोध


कोलाहल में शून्यता
स्वार्थ से परमार्थ का बोध
अपने से अपनों तक
और अपनों से अपने तक
सत्य स्वत्व है
निज घट यात्रा
एक अनुभूति
सबकी  अपनी
टुकड़ों टुकड़ों में बिखरी
माला सी गुंथी स्वयं मे ,
ईश्वर रूप
मूर्त में अमूर्त सी
प्रत्येक मनुष्य के ह्रदय में
ईश्वर तक की पहुँच है
स्थिरता है   ……
भटकन नहीं है
एक खोज सबकी अपनी अपनी .....
अनकही अनसुनी सी
एक  अनुभूति ईश्वरीय
सत्य का बोध ही
 सौन्दर्य बोध
सत्यम शिवम् सुंदरम है

15 January, 2014

ममता


मन आलोकित  कर देता
प्रातः  खिले सूर्य  जैसा
 खिलता है उर सरोज
स्पर्श सुधियों का ऐसा

एक अडिग विश्वास
सतत संग चलता है 
नैनों मे इक सपन
सुनहरा सजता है 

साथ चले जो साथ निभाए 
नित नित हर पल 
अमृत रस  से  भरा 
घड़ा जो छलकता है


सोकर भी जागी
आँखों में बसती है 
सुध बुध नहीं खोती है
ममता जगती  है

प्रकृति सी प्राकृत
ये शीतल रात्रि  में भी
ओस के मोती
भर भर प्रभास  पिरोती है

व्याप्त  नीरवता  में
कैसा है राग छिपा
पा विस्तार स्वरों का
गीतों  सी बहती है 

09 January, 2014

चन्द्र तुम मौन हो .......



मैं विकारी ... तुम निर्विकार ...!!
निराकार मुझमे लेते हो आकार ,
रजनी के ललाट  पर उज्ज्वल
यूं मिटाते हो हृदय कलुष ,
मैं आधेय तुम आधार ....!!

मेरे मन के एकाकी क्षणो को
 तुम ही तो भर  रहे हो,
बताओ तो -
क्यूँ लगता है मुझे

मेरे हृदय के असंख्य अनुनाद,
वो अनहद नाद ,
सुन रहे हो
समझ रहे हो ...!!
तभी तो ..
भीगी हुई चाँदनी सरस बरस रही है
चन्द्र तुम मौन हो,
और ....मेरे निभृत क्षणों   को----------
झर झर भर रहा है
अविदित मधुरता सरसाता हुआ,
बरसता हुआ अविरल,
शुभ्र ज्योत्सना सा
तुम्हारा हृदयामृत  .....!!

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निभृत -शांत सा ...एकाकी सा ...

08 January, 2014

सुनना न भूलें ....



कल दोपहर एक से दो बजे FM rain  102.6 पर मेरी रेडियो वार्ता सुनिएगा जिसमे मेरी सी डी Colours of music के विषय मे चर्चा भी होगी ,उसके कुछ गाने सुनवाउगी  आपको और कुछ अपनी पसंद के गीत भी ........सुनना  न भूलें ....

05 January, 2014

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो .....

एक कलाकार कल्पना शील होता है !कुछ नया सोचना और उसको पूरा करना, इसी  प्रयास मे लगा रहता है !
मेरे अंदर का कलाकार भी मुझे कभी सुस्ताने नहीं देता !!पिछले कई दिनों से अपने एक सपने को साकार करने मे प्रयासरत थी!!
 आप सभी के लिए अपनी एक औडियो सी डी तैयार की है बहुत उम्मीद है आप पसंद करेंगे ...!!

आठ गाने हैं !
1-पायो जी मैंने राम रतन धन पायो - lyrics-traditional
2-ओ श्यामा भव सागर पार कराओ  lyrics -Anupama tripathi
3-सखी साजन अबहुन  आए  lyrics-Ashish Rai
4-श्याम ने न आवन की ठानी-lyrics-Anupama Tripathi
5-आज रात चाँद को  lyrics-Shobha Shrivastava
6-घिर आई कारी बदरिया lyrics-traditional
7- पिया पिया पुकारे दिल नदिया किनारे lyrics-traditional
8-महिया .....पंजाबी और  हिन्दी   lyrics-Anupama tripathi and punjabi lyrics-traditional .




एक ही तरह के गाने न लेकर अलग अलग रंग लिए हैं ताकि सभी को गाने पसंद आयें |

कई दिनों की मेहनत से गाने ढूँढे ,उन्हें स्वर बद्ध किया फिर रिकॉर्ड किया !!एक गाना आशीष भाई  (राय )जी
का लिखा हुआ भी है |

अगर आप इसे सुनना चाहें तो tripathi_anupama@yahoo.com पर अपना पता भेज दें |वीपीपी से आपको सीडी भेज दी जाएगी |मूल्य 200/rs.है |वीपीपी शुल्क अलग |
पहला प्रयास है गलतियाँ भी ज़रूर हुई होंगी |उन्हें क्षमा करके आशा है आप मेरा प्रयास पसंद करेंगे ...!!