कोई तो सन्देस है लाई ,
सीली सी हवा है ,
मौन है क्षण ,
यूँहीं कुछ बोलती है कविता !!
अंबर छाए घन ,
रस घोलती है कविता ....!!
लड़ियन बूंदन से ,
भरी अंजुरी मेरी ,
मन भिगोती है कविता ....!!
आस उड़ेलती ,
रंग पलाश सी ,
आज …,
झर झर बरसती है कविता !!
यूँहीं कुछ बोलती है कविता !!