22 June, 2016

यूँहीं कुछ बोलती है कविता !!

कोई तो  सन्देस है  लाई ,
सीली सी हवा है ,
मौन है क्षण ,
यूँहीं कुछ बोलती है कविता !!

अंबर  छाए घन ,
रस घोलती है कविता ....!!

लड़ियन बूंदन से ,
भरी  अंजुरी  मेरी ,
मन भिगोती है कविता ....!!

आस  उड़ेलती ,
रंग पलाश सी ,
आज  …,
झर झर  बरसती है कविता !!
यूँहीं कुछ बोलती है कविता !!