24 July, 2022

उनींदी पलकों पर छाई !!



उनींदी पलकों पर छाई

सपनो की लाली ,

 भोर  से थी जो चुराई ,

आहट  सी

कानो में जो गूंजती थी ,

लगा ,फिर आने को है

अहीरभैरव सी ,

कोई रागिनी अनुरागिनी सी कविता !!


   अनुपमा त्रिपाठी 

     ''सुकृति "

11 comments:

  1. आपकी लिखी रचना सोमवार 25 जुलाई 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  2. ऐसा लग रहा कि रुनझुन रुनझुन पायल बज उठी हो ..... सुन्दर रचना .

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    1. सादर धन्यवाद दी!!❤️

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  3. सच ! बहुत सुंदर छायाचित्र जैसी रचना ।

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  4. भोर का सुंदर स्वागत!!

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  5. भोर का सुंदर स्वागत!

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  6. रुनझुन सी मधुर अनुभूति हुई
    खूबसूरत सृजन।
    सादर।

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  7. वाह!!!
    भोर सी मनमोहक।

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  8. यूं ही प्रकृति से कुछ न कुछ चुराती रहें और कलम चलाती रहें

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  9. सुंदर रचना

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