tag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post8857509990732839736..comments2024-03-05T14:36:27.519+05:30Comments on anupama's sukrity : क्या कहता है मन .....Anupama Tripathihttp://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-55203292950628372962013-10-27T19:53:01.910+05:302013-10-27T19:53:01.910+05:30और माँ भी तो आस पास ही हैं ....
चौका समेटतीं ....!...और माँ भी तो आस पास ही हैं ....<br />चौका समेटतीं ....!!!!!!<br />जब माँ की आवाज़ कानो मे गूँजती है .....<br />परों से भी हल्का मन ....<br />कब नींद से घिर जाता है ...<br />पता ही नहीं चलता ....!!<br />...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-20006557357762203802013-10-25T22:20:54.458+05:302013-10-25T22:20:54.458+05:30यह मन ही तो है जो हमें हर उस स्थान पर ले जाता है ज...यह मन ही तो है जो हमें हर उस स्थान पर ले जाता है जहाँ हम जाना चाहते हैं जहाँ अपने हैं, अपनों का प्यार है और ठंडी छाँव है वरना यह तन तो बंधा है एक ही खूंटे से ! अद्वितीय रचना अनुपमा जी ! बधाई स्वीकार करें ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-57533363602572547852013-10-25T20:29:02.428+05:302013-10-25T20:29:02.428+05:30हृदय से आभार आप सभी का अपने बहुमूल्य विचार देने हे...हृदय से आभार आप सभी का अपने बहुमूल्य विचार देने हेतु ......!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-11801060087229597272013-10-25T20:01:56.206+05:302013-10-25T20:01:56.206+05:30परों से भी हल्का मन .
...............................परों से भी हल्का मन .<br />..................................... nc post<br />Dr. pratibha sowatyhttps://www.blogger.com/profile/16493416545569678252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-86880582536622855712013-10-24T22:12:20.684+05:302013-10-24T22:12:20.684+05:30Bahut sundar. Bahut sundar. Saru Singhalhttps://www.blogger.com/profile/12860642404643756746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-62368698058080722442013-10-24T10:46:14.345+05:302013-10-24T10:46:14.345+05:30अनुपम..अनुपम...अनुपम...अनुपम..अनुपम...अनुपम...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-75117795607131487532013-10-23T13:36:51.279+05:302013-10-23T13:36:51.279+05:30बहुत ही सुन्दर |बहुत ही सुन्दर |इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-8791999907118291012013-10-23T02:20:47.710+05:302013-10-23T02:20:47.710+05:30बहुत बढ़िया ऊंचे पाए की रचना है यह।
हाइकु सा जीव...बहुत बढ़िया ऊंचे पाए की रचना है यह। <br /><br />हाइकु सा जीवन हमारा <br /><br />खिले हमेशा। सुन्दर प्रस्तुति। <br /><br /><br />अम्मा रहे पास। गुनगुनाती हर प्रात :<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-83067407251554602462013-10-22T19:03:35.981+05:302013-10-22T19:03:35.981+05:30चलती हुई सांस .....
अनुभूत होते भाव ....
बहती सी ...चलती हुई सांस .....<br />अनुभूत होते भाव ....<br />बहती सी नदी ...<br />सागर सा विस्तार ....<br />आज शरद पूनम की रात<br /> झरता हुआ चन्द्र का हृदयामृत ...sundar IRA Pandey Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/08619248491079311219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-56560114567468822172013-10-22T19:00:05.744+05:302013-10-22T19:00:05.744+05:30असीम भावों की उड़ान की सुन्दर अभिव्यक्ति।असीम भावों की उड़ान की सुन्दर अभिव्यक्ति।संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-77947969810390423742013-10-22T09:30:46.004+05:302013-10-22T09:30:46.004+05:30मन विचरता है सतत पर,
ठहरता है तनिक क्षणभर,
जगह जो ...मन विचरता है सतत पर,<br />ठहरता है तनिक क्षणभर,<br />जगह जो अनुकूल दिखती।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-41896959883698085052013-10-21T00:26:52.353+05:302013-10-21T00:26:52.353+05:30बेहद उम्दा प्रस्तुति |
आइये, कीजिये:- "झारखण...बेहद उम्दा प्रस्तुति |<br /><br />आइये, कीजिये:- <a href="http://pradip13m.blogspot.com/2013/10/jharkhand.html" rel="nofollow"><b>"झारखण्ड की सैर" </b></a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-71169391851364573382013-10-21T00:25:58.598+05:302013-10-21T00:25:58.598+05:30और माँ भी तो आस पास ही हैं ....
चौका समेटतीं ....!...और माँ भी तो आस पास ही हैं ....<br />चौका समेटतीं ....!!!!!!<br />जब माँ की आवाज़ कानो मे गूँजती है .....<br />परों से भी हल्का मन ....<br />कब नींद से घिर जाता है ...<br />पता ही नहीं चलता ....!!<br />सुबह उठती हूँ फिर .....<br />जब गुनगुनाता है जीवन <br /><br />KHUBSURAT BHAWRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-3088767041636417042013-10-20T10:59:25.664+05:302013-10-20T10:59:25.664+05:30bahut sundar bahut sundar सविता मिश्रा 'अक्षजा'https://www.blogger.com/profile/16410119759163723925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-67071475214967495862013-10-20T08:03:47.400+05:302013-10-20T08:03:47.400+05:30बहुत जरूरी होता है मन के लिए इसी प्रात की रश्मि लि...बहुत जरूरी होता है मन के लिए इसी प्रात की रश्मि लिए, ऊष्मा लिए जीवन के सर्द, तिमिर पथों से गुज़र जाना. तभी तो जीवन का सच्चा आनंद है. बहुत प्यारी कविता.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-86715760693953833022013-10-20T07:23:55.114+05:302013-10-20T07:23:55.114+05:30खोज लाता है गुलाबी सुबह का एक टुकड़ा .....
अपनी कि...खोज लाता है गुलाबी सुबह का एक टुकड़ा .....<br />अपनी किस्मत सहेज ...<br />मुट्ठी में भर कर ....!!<br />अनुपम भाव <br />वाह!!!वाह!!! क्या कहने<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-3295552569837702622013-10-19T23:50:49.892+05:302013-10-19T23:50:49.892+05:30
बढ़िया बिम्ब समेटे हैं व्यतीत के ,मन तो स्वयं एक अ...<br />बढ़िया बिम्ब समेटे हैं व्यतीत के ,मन तो स्वयं एक अपूर्व सत्ता है स्वतन्त्र। चाहे तो धुप को चन्दअनिया कर दे। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-30988838970607856132013-10-19T23:49:37.798+05:302013-10-19T23:49:37.798+05:30
बढ़िया बिम्ब समेटे हैं व्यतीत के ,मन तो स्वयं एक अ...<br />बढ़िया बिम्ब समेटे हैं व्यतीत के ,मन तो स्वयं एक अपूर्व सत्ता है स्वतन्त्र। चाहे तो धुप को चन्दअनिया कर दे। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-29447956348926107112013-10-19T23:25:00.703+05:302013-10-19T23:25:00.703+05:30शिशिर की गुलाबी प्रातः तभी गुनगुनाती है जब ये मन ग...शिशिर की गुलाबी प्रातः तभी गुनगुनाती है जब ये मन गुनगुनाता है। जब तक मन मुस्कुराये तो जीवन भी गुनगुनाये।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-64939928428350690762013-10-19T20:26:13.500+05:302013-10-19T20:26:13.500+05:30जी!! आभार आपका कि मेरी तुच्छ सलाह को आपने स्वीकार ...जी!! आभार आपका कि मेरी तुच्छ सलाह को आपने स्वीकार किया!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-4251280462110764802013-10-19T20:17:49.189+05:302013-10-19T20:17:49.189+05:30आभार सलिल जी हृदय से सहृद टिप्पणी के लिए ...
भरी द...आभार सलिल जी हृदय से सहृद टिप्पणी के लिए ...<br />भरी दोपहर ढूंढ लेता है मन ....<br />पीपल की छांव ....<br />यहाँ मन शब्द जोड़ने से आशा है अब ठीक वाक्य बन गया ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-17233875306491282012013-10-19T19:31:10.489+05:302013-10-19T19:31:10.489+05:30प्रकृति-माँ के खूबसूरत चित्रण से माँ के स्नेह तक ए...प्रकृति-माँ के खूबसूरत चित्रण से माँ के स्नेह तक एक समां बाँध दिया है आपने.. शब्द स्वतः प्रवाहित होते जाते हैं..<br />एक छोटी सी त्रुटि की ओर इंगित करने की धृष्टता कर रहा हूँ..<br />"भरी दोपहर भी ढूंढ लेता है ....<br />पीपल की छांव ...."<br />भरी दोपहर भी ढूंढ लेती है.. !!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-8904084131409452842013-10-19T18:19:08.434+05:302013-10-19T18:19:08.434+05:30हृदय से आभार शिवम भाई ....!!हृदय से आभार शिवम भाई ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-74026747132885078562013-10-19T18:16:43.429+05:302013-10-19T18:16:43.429+05:30हृदय से आभार अरुण ......!!हृदय से आभार अरुण ......!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1256317236222701096.post-70109566354875215802013-10-19T17:17:42.875+05:302013-10-19T17:17:42.875+05:30नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (20-1...नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (20-10-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"> चर्चामंच - 1404</a> पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थअरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.com