08 September, 2010

आंसू या मोती ....!!-19


मीठे सुमधुर थे वो क्षण -
अब पल पल द्रवित होता है मन ....!
भूली बिसरी सी याद -
फिर कर गयी भ्रमण -
और भर आये नयन .......!

मनवा जब जब पीर पड़े-
तू काहे ना धीर धरे .....!
झर -झर असुअन नीर झरे-
इन असुअन का मोल ही क्या -
जब दुःख पड़ता तब-
आँखों से गिर जाते हैं-
नयनी तोरे नयना नीर भरे -
सयानी समझ -बूझ पग धरना -
मोती से इन असुंअन का -
मोल अनमोल समझना
अमिय की इस बूँद को -
नैनन में भर लेना ....!!
ह्रदय पीर बन जाये -
निर्झर नीर ...!!
नैनन से मन की गागर -
गागर जब बन जाये सागर ---
आंसू तब बन जाएँ मोती --
मोती फिर बन जाये माला -
और कविता रस का प्याला......!!

30 comments:

  1. आँसू बन जाएँ मोती
    मोती बन जाए माला
    माला ......
    प्रशंसनीय ।

    ReplyDelete
  2. बहुत भाव पूर्ण मन को छूती रचना |बधाई
    आशा

    ReplyDelete
  3. यहाँ बारिश बिल्कुल नहीं हो रही . पर तुम्हारी कविता पूरा भिगों गयी .

    ReplyDelete
  4. नैनन से मन की गागर
    गागर बन जाये सागर ---
    आंसू बन जाएँ मोती --
    मोती बन जाये माला -
    कविता फिर रस का प्याला
    बहुत सुन्दर एवम भावपूर्ण रचना ! चित्र भी बहुत आकर्षित करता है ! बधाई एवम शुभकामनाएं !

    http://sudhinama.blogspot.com
    http://sadhanavaid.blogspot.com

    ReplyDelete
  5. सुन्दर और संवेदनशील रचना ..

    ReplyDelete
  6. मीठे सुमधुर थे वो क्षण -
    अब पल पल द्रवित होता है मन ....!
    भूली बिसरी सी याद -
    फिर कर गयी भ्रमण -
    भाव भीनी प्रस्तुति के लिए आभार।

    ReplyDelete
  7. very nice poem..............

    upedra (www.srijanshikhar.blogspot.com )

    ReplyDelete
  8. नैनन से मन की गागर -
    गागर बन जाये सागर ---
    आंसू बन जाएँ मोती --
    मोती बन जाये माला -
    कविता फिर रस का प्याला
    बहुत मार्मिक मन को छूती रचना |

    ReplyDelete
  9. अति सुन्दर। किसी कवि की पंक्तियाँ याद हो आई- मुझको तो हीरा मोती हैं
    तुमको केवल खारा पानी। है सही बात किस काम तुम्हारे आएँगें मेरे आँसू।

    ReplyDelete
  10. aasuo ke moti aur motio ke mala man ko choo gayi. kabilay tareef.

    ReplyDelete
  11. सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति। लाजबाव हैँ आपकी रचना। आभार! -: VISIT MY BLOG :- जब तन्हा होँ किसी सफर मेँ............. गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती हैँ।

    ReplyDelete
  12. Our emotions are priceless :-). classic creation..what a thought!!

    ReplyDelete
  13. मेरा ये प्रयास पसंद करने के लिए -
    कविता पसंद आने के लिए -
    सभी गुनीजनो का आभार-
    ह्रदय से -

    ReplyDelete
  14. संवेदनशील रचना ..

    ReplyDelete
  15. आंसू बन जाएँ मोती --
    मोती बन जाये माला -
    कविता फिर रस का प्याला
    .......

    क्या बात कही...वाह !!!

    भावपूर्ण सुन्दर रचना....

    ReplyDelete
  16. अत्यंत मार्मिक भावपूर्ण रचना...

    ReplyDelete
  17. नैनन से मन की गागर -
    गागर जब बन जाये सागर ---
    आंसू तब बन जाएँ मोती --
    मोती फिर बन जाये माला -
    और कविता रस का प्याला......!!

    बेहद खूबसूरत।

    सादर

    ReplyDelete
  18. वाह ..बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

    ReplyDelete
  19. कल 21/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  20. aapki ye kavita dil ko chhoo gayi....umda prastuti

    ReplyDelete
  21. भावपूर्ण/संवेदनशील सुन्दर रचना....
    सादर ...

    ReplyDelete
  22. आपका हृदय से आभार शास्त्री जी ये कविता चर्चा मंच मे लेने हेतु ...!!

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!