06 September, 2014

तुम्हारे मेरे बीच की कड़ी

तुम्हारे मेरे बीच की कड़ी
सिर्फ एहसास ही नहीं है,
सिर्फ शब्द ही नहीं है,
सिर्फ प्रेम ,ईर्ष्या ,द्वेष या
सिर्फ  आक्रोश  भी नहीं है
बल्कि संकुलता से  परे ,
तुम्हारा वो सशक्त मौन है ,
मेरे चारों तरफ ,
जो तुम्हारे होने का प्रमाण  देता है
अपनी ऊर्जस्वितता में,

और बांधे रखता है सदा ,
दुख सुख में ,
हमे इस अटूट  बंधन में...!!

17 comments:

  1. सिर्फ अहसास ही नहीं , सशक्त मौन का घेरा बांधे रखता है एक दूजे से एक दूजे को !
    बेहतरीन अभिव्यक्ति !

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  2. मौन के साये में लिपटे अहसास .... कितना कुछ कह जाते हैं न बिना कहे
    बेहतरीन भाव

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  3. सुंदर ..एहसास बांधे रखता है

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  4. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति रविवार के - चर्चा मंच पर ।।

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    1. हृदय से आभार रविकर जी मेरी कृति को चर्चा मंच पर लेने हेतु ...!!

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  5. सुंदर ..एहसास सुन्दर रचना

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  6. भावप्रणव और बेबाक प्रस्तुति।

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  7. मौन का वृत चारों और ...
    भावपूर्ण रचना ...

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  8. मेरे चारों तरफ ,
    जो तुम्हारे होने का प्रमाण देता है
    अपनी ऊर्जस्वितता में,
    बहुत सुंदर भाव !

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  9. अहा ! बहुत प्यारी कविता है दीदी ! :)

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  10. मौन से बेहतर कोई भाषा नहीं
    सुन्दर रचना

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!