01 December, 2022

शब्द शब्द कहती है !!

पेड़ों की झुरमुठ में
चहकते हुए पंछी
और
अनायास झरती
 बूंदों की लड़ी ,
वो घड़ी ,
साँसों की सरगम में ,
भावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
शब्दकार  के शब्दों में
जब अनगढ़ से भावों को
गढ़ती है
तब
मेरी कविता मुझसे
शब्द शब्द कहती है !!

अनुपमा त्रिपाठी
  "सुकृति "