21 June, 2011

सत्यम ..शिवम् ..सुन्दरं ....!!


एक रंग ..श्वेत..
सब रंग समाया ...!
यही सत्य जीवन ...
मेरी-तेरी काया ....!!

एक  रूप ईश्वर ....!!
शिव रूप परमेश्वर ..... 
सबके ईश हो तुम ...
सब में वेष्टित गुण ..
पापी हो या पुजारी ..
राजा हो या रंक ..
इस जग में ..
सब रूप समाया ... !!

सुंदर मन में .....
हम सब एक ...
तुम हम सब में ...
एक ब्रह्म....
परब्रम्ह ...!!

अद्वैत... 
प्रभु मेरे ...
बस एक कहा मानो  ..
दे दो..
वो दृष्टि मुझे ...
दिव्य ..स्वेद सी ..!!

और थोड़ी ..
प्रबलता मन की ...
प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
देख सकूँ हर सूँ ...
सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं ......!!
भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......!!!!!!!

42 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रार्थना .....

    दे दो..
    वो दृष्टि मुझे ...
    दिव्य ..स्वेद सी ..!!

    बहुत बढ़िया

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  2. भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......!!!!!!!

    मन पवित्र हो गया सुबह-सुबह इस रचना को पढ़कर।

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  3. शब्दों का पवित्र अर्ध्य।

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  4. और थोड़ी ..
    प्रबलता मन की ...
    प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
    देख सकूँ हर सूँ ...
    सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं ......!!
    भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......
    --
    बहुत सुन्दरम्
    धन्य हो गये रचना पढ़कर!

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  5. शिव भक्ति सिक्त कर गयी पंक्तिया . आभार .

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  6. आपके ब्लॉग की इस
    प्यारी सी प्रार्थना के साथ आज के दिन की शुरुआत हो रही है......जय गणेश:)

    एक रंग ..श्वेत..सब रंग समाया ...!यही सत्य जीवन ...मेरी-तेरी काया ....!!


    बस एक कहा मानो ..
    दे दो..
    वो दृष्टि मुझे ...
    दिव्य ..स्वेद सी ..!!

    भज मन ..सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं......!!!!!!!

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  7. kya baat hai bahut hi sunder shabdon main likhi sunder bhav liye bemisaal prarthanaa.badhaai sweekaren.

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  8. http://atultrivedi.myopenid.com/June 21, 2011 at 12:07 PM

    सुन्दर प्रार्थना , मन से , मन को छूती हुई .

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  9. सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार प्रार्थना! दिल को छू गयी!

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  10. बहुत अच्छी लगी प्रार्थना.
    -----------------------------
    कल 22/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की गयी है-
    आपके विचारों का स्वागत है .
    धन्यवाद
    नयी-पुरानी हलचल

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  11. भावपूर्ण अभिव्यक्ति ! सत्यं..शिवं...सुन्दरं... अद्भुत है यह कल्पना जो सत्य है वही कल्याणकारी है और वही सुंदर है..

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  12. आप की रचना सत्यं है ..शिवं भी है और .सुन्दरं तो है ही... आभार..

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  13. और थोड़ी ..
    प्रबलता मन की ...
    प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
    देख सकूँ हर सूँ ...
    सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं .

    बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.......शानदार .

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  14. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना |बधाई
    आशा

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  15. सुंदर मन में .....
    हम सब एक ...
    तुम हम सब में ...
    एक ब्रह्म....
    परब्रम्ह ...!!

    great...

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  16. पवित्र सी सुन्दर रचना.

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  17. pavitra bhavon se bharee prarthana mayee rachana, badhai.
    S.N.Shukla

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  18. Pavitra bhavon se bhari prarthana may rachana, badhai

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  19. अति उत्तम विचार……………काश ऐसा हो जाये।

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  20. सत्यम , शिवम सुन्दरम ...बहुत पवित्र कविता जैसे कोई आरती हो ......

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  21. दे दो..
    वो दृष्टि मुझे ...
    दिव्य ..स्वेद सी
    बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..

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  22. bahut achchhi prarthna . vo har jagah hai. prem ki nazaron se dikhta hai.
    bahut badhiya rachna.

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  23. अनुपमा जी सुन्दर प्रार्थना प्रभु सब को सुन्दर देखने और सुकर्म करने की शक्ति दे -बधाई हो

    वो दृष्टि मुझे ...
    दिव्य ..स्वेद सी ..!!

    और थोड़ी ..
    प्रबलता मन की ...
    प्रेम ऐसा मन में मेरे ...
    देख सकूँ हर सूँ ...
    सुन्दरं ...सुन्दरं ...सुन्दरं

    शुक्ल भ्रमर ५

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  24. satyam shivam sundaram...:)
    sab kuchh to isme hi samaya hua hai!!

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  25. सुंदर मन में .....
    हम सब एक ...
    तुम हम सब में ...
    एक ब्रह्म....
    परब्रम्ह ...!!
    bahut sundar Anupama ji .aabhar

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  26. अद्वैत...
    प्रभु मेरे ...
    बस एक कहा मानो ..
    दे दो..
    वो दृष्टि मुझे ...
    दिव्य ..स्वेद सी ..!!

    गहन अनुभूति.

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  27. सत्यम शिवम सुन्दरम ... आपकी यह रचना अति सुन्दर ..वाह

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  28. ईश्वर एक अच्छे दिल की मनोकामना पूरी करे
    शुभकामनायें !

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  29. प्रभु सब को सुन्दर देखने और सुकर्म करने की शक्ति दे|

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  30. एक रंग ,एक रूप सुंदर मन में ,
    पढ़ना बहुत अच्छा लगा |अच्छी पोस्ट के लिए बधाई
    आशा

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  31. दे दो..
    वो दृष्टि मुझे ...
    बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने ...बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  32. टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!

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  33. प्रार्थना की तरंगें ऐसे ही बहती हैं|पवित्र हो गया सत्यं ..शिवं ..सुन्दरं...से मन |

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  34. रचना का भक्ति भाव और सर्व कल्याण की भावना मन को छू गयी...बहुत सुन्दर प्रभु स्तुति..

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  35. satyam shivam sundaram
    sab kuch madhuram madhuram madhuram...

    सुंदर मन में .....हम सब एक ...
    तुम हम सब में ...
    एक ब्रह्म....
    परब्रम्ह ...!!
    Anupama ji adbhut...

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  36. आभार आप सभी का ...
    कृपया अपनी टिप्पणियों द्वारा आगे भी मार्गदर्शन देते रहें ....!!

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  37. यहाँ आकर मन शांत हुआ। आभार।

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  38. अद्वैत...
    प्रभु मेरे ...
    बस एक कहा मानो ..
    दे दो..
    वो दृष्टि मुझे ...
    दिव्य ..स्वेद सी ..!!
    ...........प्रभु ने तो दी है वो दृष्टि , हम अपनी आत्मा की आँखें खोलें तो सही , हम तो बस भौतिक प्राप्य में गर्त तक गिरे हुए हैं , प्रभु करे तो क्या ! हमारा आकलन खुद्दारी नहीं, बाहरी परिवेश है और वह भी पैसे से . पारिवारिक पृष्ठभूमि भी पैसे में है, संस्कारों में नहीं .

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  39. samarpan bhav aur sundar rachana, badhai

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  40. ईशदेव परम पूजनीय परमात्मा शिव को संभोदित बहुत ही शुद्ध शीतल और सुन्दर प्रार्थना..!!!!!!!

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!