14 February, 2012

घूँघट में मुखड़ा छिपाए ....

हरी-हरी पतियाँ पीस-पीस,
असुंअन  जल सींच सींच ,
महीन महीन  मेहंदी कर लाये ..
हथेली सजाये ..
हरी-हरी जब
सुर्ख लाल रच जाये ..
ताक ताक  फूली न समाए ..
रूस-रूस रंग देखे ...
हियरा अकुलाये शरमाये....
कजरारे नैना राह तके ..
घूँघट में मुखड़ा छिपाए ....
मंद-मंद डोले मुस्काए ...
हर आहट पर धड़के जियरा  ..
हरी दरस को तरसे जियरा  ...
प्रेम  पिआरी प्रिय दुलारी ...
सजन सों नेहा लगाए ..
धन घड़ी आई ...
बजे  शहनाई ....
सखी ..थर-थर काँपे है जियरा ...
छूटा बाबुल का अंगना ..
क्यूँ बाजे है कंगना ..
चलो  रे ...डोली उठाओ कहार ..
पिया मिलन की ऋतू आई ....!!!!!

37 comments:

  1. अहा, शब्द बह रहे थे, प्रेम प्रवाह में...
    सशक्त अभिव्यक्ति..

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  2. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति । मेरे पोस्ट पर आकर मुझे प्रोत्साहित करें । धन्यवाद ।

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  3. ये उम्दा पोस्ट पढ़कर बहुत सुखद लगा!
    प्रेम दिवस की बधाई हो!

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  4. बहुत सुन्दर....

    पिया तो रीझ ही जायेंगे इस श्रृंगार पर..

    सस्नेह.

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  5. बहुत ही बढ़िया।

    प्रेम दिवस की हार्दिक बधाई।

    सार

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  6. लाजबाब प्रस्तुति !
    बहुत अच्च्छा लगा !
    आभार!

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  7. मिलन की इस रुत में प्रेम ने ली ऐसी अंगराई..बेहद मनभावन..शुभकामनाये..

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  8. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति
    कल 15/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है !
    क्‍या वह प्रेम नहीं था ?

    धन्यवाद!

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  9. बहुत सुन्दर रचना... वाह!!
    सादर.

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  10. वाह वाह बहुत ही सुन्दर लगा ये गीत |

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  11. दुलहन के मनोभावों से सजी खूबसूरत अभिव्यक्ति...

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  12. सुन्दर एहसासों से सजी हुई रचना ...

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  13. कई बार शब्द कम पड़ते है कुछ कहने के लिए. संगीतात्मकता हर वाक्य से टपक रही है . मन करें मै डूबूँ.

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  14. प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति.......

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  15. बहुत अच्छी रचना,सुंदर सुखद प्रस्तुति

    MY NEW POST ...कामयाबी...

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  16. बहुत ही शानदार गीत... प्रेम को व्यक्त करता हुआ..

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  17. प्रभावित करती गहरी प्रेमपगी अभिव्यक्ति.....

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  18. सुन्दर प्रेममय गीत !

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  19. बहुत गहरी प्रभावित करती अभिव्यक्ति..सुन्दर..बधाई अनुपमाजी..

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  20. हर आहट पर धड़के जियरा ..
    हरी दरस को तरसे जियरा ...

    Anupamji bahut hi sundar rachana ....aur grameen shabd ( maheen maheen )ka jikr kya kahane rachana me poorvanchal ki gandh ko sametati hui adbud lagati hai ...sadar badhai.

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  21. बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रवाहमयी रचना...

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  22. Bahut hi sundar geet.. bahut hi pyaara pravaah..
    gaate gaate padhne mein badaa hi mazaa aaya :)

    palchhin-aditya.blogspot.in

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  23. क्या सुन्दर प्रेममयी गीत..वाह ..

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  24. सुंदर रचना।
    बेहतरीन अभिव्‍यक्ति।

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  25. सुन्दर मनमोहक ,लजीली पोस्ट है आपकी आभार |

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  26. सुंदर भावाभिव्यक्ति.

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  27. प्रेम रस से सरोबर ...

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  28. बेहतरीन प्रेमरस में डूबी सुंदर रचना, बहुत अच्छी प्रस्तुति,.....

    MY NEW POST ...कामयाबी...

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  29. मेहंदी नहीं वो सपने होते हैं जो सजते हैं दो हाथों में ...
    प्रेम की सादगी भरी अभिव्यक्ति ...

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  30. एक तरफ तेज धड़कन , एक तरफ अंसुअन की धार , ... दुल्हन बनी गोरी की यही स्थिति होती है ...
    मिलन का आवेग हर शब्द में है

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  31. पिया को एक टक देख ही लूं .....इतने जतन से होती है तैयारी ...जब पिया मिलन की ऋतू आई ....बाबुल का अंगना छोड़ना पड़ा ...

    आभार आप सभी का इस रचना पर अपने भाव दिए ...!!

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!