25 February, 2012

रहे अक्षय मन .....!

हे नाथ ..!हे द्वारकाधीश ...
करो कृपा ..इतना ही दो आशीष ..!!
कई बार व्यथित हो जाता मन ..
नहीं सोच कहीं कुछ पता मन ..
दुःख में ही क्यूँ घबराता मन ...?
है सांस नहीं पल पता मन ...!!
अपने दुःख से ,
घर भर को मैं परेशान करूँ ...!!
मन आहत , कैसे विश्राम करूँ ..?
दुःख  भार स्वयं ही ...
कैसे वहन करूँ ...?
तब ,क्या संभव है ...
नहीं किसी को व्यथित करूँ .....?

क्षय विक्षय से दूर करो ..
बुद्धि विवेक आलोक दो ऐसा ...
स्वाद्ध्याय पर अविचल ..अडिग रहूँ .. ....
न हो संशय स्वजनों पर ....!!

मेरे नैनो पर छाया कैसा आवरण .....
करो क्षोभ हरण ..
हे उज्जवल कान्त ...स्निग्ध प्रशांत ...
हाथ  पकड़  उत्थान  करो  मेरा  ...
तब ..दे दो ऐसी सुर लहरी ...सगुन भक्ति ...
तुममें खो जाऊं ...
तुम्हारा ही गान  गाऊं.....मान  बढाऊं ..


मंजीरा  बाज  उठे  मन  का  ..
 रहूँ मुदित ..प्रमुदित ..जीते हुए ये जीवन ...!!


निर्निमेष ..अनिमेष देख तुम्हें हर पल ही ...
शुभ्र ज्योत्स्ना ..ग्रहण करूँ ..
शुभ्र चेतना का प्रसार हो ...
हो  शुभ जीवन ...चरणामृत  बरसे .....
अमृतमय  आप्लावित रहे ..
...रहे अक्षय मन ...

45 comments:

  1. बस 'उस' पर सब छोड़ दीजिये...
    kalamdaan.blogspot.in

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  2. बहुत,बेहतरीन अच्छी प्रस्तुति,सुंदर भावनात्मक रचना के लिए बधाई,.....

    NEW POST...फुहार...हुस्न की बात...

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  3. व्यथित न हो मन तो प्रभु खुद चलकर आयेंगे कैसे ...

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  4. सुन्दर...

    मनभावन रचना....

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  5. आपकी यह मनोकामना पूर्ण हो

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  6. बहुत सुंदर भाव से की गयी प्रार्थना .... स्वीकृत हो यही कामना है ...

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  7. सुंदर प्रार्थना दी !

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  8. दुःख से आहत मन प्रभु के द्वार जाने भर से ही शांति का अनुभव करता है...किसी ने कहा है-कहो उसी से जो कहे न किसी से, मांगो उसी से जो दे दे खुशी से...और उसके सिवाय कोई हमारा मन पढ़ भी तो नहीं सकता..बहुत सुंदर प्रार्थना !

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  9. सुंदर भावनात्मक रचना ...मनोकामना पूर्ण हो
    ..

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  10. बहुत सुंदर प्रार्थना !

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  11. क्षय विक्षय से दूर करो ..
    बुद्धि विवेक आलोक दो ऐसा ...
    स्वाद्ध्याय पर अविचल ..अडिग रहूँ .. ....
    न हो संशय स्वजनों पर ....!!
    Prabhu se ek sakaaratmak kaamnaa !

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  12. प्रस्तुति अच्छा लगी । मेरे नए पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपकी उपस्थिति पार्थनीय है । धन्यवाद ।

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  13. बहुत ही खूबसूरत कामना।

    सादर

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  14. सुंदर मन से निकले हर शब्द
    अंतर्मन को छु लेनेवाले भाव..
    बहूत हु सुंदर,प्रार्थना
    सुंदर भाव अभिव्यक्ती...

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  15. कोमल भावो की
    बेहतरीन.....

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  16. मंजीरा बाज उठे मन का ..
    रहूँ मुदित ..प्रमुदित ..जीते हुए ये जीवन ...!!
    बहुत सुंदर स्तुति......

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  17. जैसे शिशु को हवा में, देता पिता उछाल ।

    फिर भी मुस्काता रहे, विश्वासी शिशु बाल ।



    वैसे प्रभु को सौंप के, हो जाएँ आश्वस्त ।

    दिशा दशा सुधरें सकल, हों कल मार्ग प्रशस्त ।

    दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

    http://dineshkidillagi.blogspot.in

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  18. गहरे भाव।
    बेहतरीन रचना।

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  19. सुन्दर और भवपूर्ण ईश-प्रार्थना।

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  20. ...रहे अक्षय मन ..बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रार्थना ।

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  21. बहुत सुंदर और भावना मई प्रस्तुति .भगवान् जरुर स्वीकार करेगा /बधाई आपको इतनी अच्छी रचना के लिए /

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  22. और क्या माँगू हृदय से..

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  23. man se maangaa agar milegaa zaroor
    uske yahaan der ho saktee magar andher nahee

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  24. भक्तिभाव से संपूरित सुंदर रचना।

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  25. कितनी सुन्दर प्रस्तुति...
    सादर.

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  26. WAH ......SHIV ARTHAT BHOLE NATH ...SABSE JALDI PRASANN HONE WALE DEO ...JO MANGO WAHI MILEGA ....PADH KR MN BHAV VIHWAL HO UTHA ...SADAR BADHAI

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  27. विश्वास और आस्था- सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी.

    जय द्वारकाधीश!!!

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  28. स्निग्ध भावों को बिखेरती सुन्दर रचना ह्रदय में उतड रही है..

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  29. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  30. यह कविता आपके विशिष्ट कवि-व्यक्तित्व का गहरा अहसास कराती है।

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  31. जय द्वारकाधीश ... बहुत सुन्दर तरीके से आपने प्रभु से मन की ताकत मांगी है..प्रभु कल्याण करे |

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  32. बहुत सुन्दर भक्तिमयी प्रार्थना..

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  33. प्रार्थना कई पीड़ाओं और कष्टों से उबार लेती है. भक्तिभाव से छलकती कविता.

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  34. कमाल की भाव भक्तिमय प्रस्तुति है आपकी.
    पढकर मन मग्न हो गया है.

    आपकी सुकृति को सादर नमन.

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  35. हर दुःख को हरने वाले प्रभू के चरणों में वंदन ... सुन्दर भावमई रचना ...

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  36. स्वाद्ध्याय पर अविचल ..अडिग रहूँ .. ....
    बिलकुल मेरे मन की बात!
    शुभकामनाएं!

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  37. विस्वास और आस्था पर ही दुनिया टिकी है,...

    बहुत अच्छी प्रस्तुति,इस सुंदर रचना के लिए बधाई,...

    MY NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
    NEW POST ...फुहार....: फागुन लहराया...

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  38. आप का बहुत बहुत धन्यवाद की आप मेरे ब्लॉग पर पधारे और इतने अच्छे सन्देश दिए /आपका आशीर्वाद मेरी रचनाओं को हमेशा इसी तरह मिलता रहे यही कामना है /मेरी नई पोस्ट आपकी टिप्पड़ी के इन्तजार में हैं/ जरुर पधारिये /लिंक है /
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