25 March, 2012

पूर्णता आस की ........!!


आस जब दूर होती है ...
ह्रदय का नूर होती है ...
पलक  से छलक जाती है ...
निराशा झलक जाती है ...!!
आस जब नैन बसती है ...
.निगाहें राह तकती हैं  ...!!

फिर  जब पास आती है ...
...तो थोड़ा   मुस्कुराती है ...
... आस जब   कंठ सजती है ...
...गुन-गुन  गीत गाती  है ..!!

आस जब साथ उड़ती  है ....
जीवन से प्रीत  होती है .....!!

आस जब जाग जाती है ...
तब ही तो सुबह  होती है ...!!


Glittering ...I see  the spark in your eyes ....!
Hope is bright ...
as bright as the red colour .....
mind's paradigm ......
stretch your hands ......
widen your horizon ....
and ...with a bright hope ....
Go ahead .....
TREAD THE PATH OF LIFE .....IN PURSUIT OF HAPPIENESS .....!!!

37 comments:

  1. बहुत सुन्दर अनुपमा जी....

    bubbling with hope and happiness......
    regards.

    ReplyDelete
  2. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ... बहुत खुबसूरत अहसास..

    ReplyDelete
  3. खूबसूरत विचार |

    ReplyDelete
  4. -- बहुत ही भावपूर्ण कृति !

    ReplyDelete
  5. पूर्णता की आस रह रह हृदय कचोटती है, थोड़ी और ऊर्जा भी भर जाती है।

    ReplyDelete
  6. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...

    इसी आस के सहारे जीवन आगे चलता है.... मन को संबल देती रचना

    ReplyDelete
  7. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...!!
    सुंदर... सच्ची बात... सार्थक अभिव्यक्ति...
    सादर बधाई।

    ReplyDelete
  8. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...!!सही बात।।

    ReplyDelete
  9. आस पर ही तो दुनिया टिकी है..

    ReplyDelete
  10. आस जब दूर होती है ...
    ह्रदय का नूर होती है .
    वाह ...बहुत ही बढिया।

    ReplyDelete
  11. आपके गायन की छाप, आपकी कविता में भी स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है.. और यह एक अद्भुत संगम होता है, जहां भाव स्वतः प्रवाहित होते हैं और शब्द गुनगुनाते हैं!! इस कविता के साथ भी यही स्थिति है मेरे मन में!! आभार!

    ReplyDelete
  12. आस जब दूर होती है ...
    ह्रदय का नूर होती है ...सुंदर प्रस्तुति...........

    ReplyDelete
  13. सही कहा...
    आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...!!
    बहुत संदेशप्रद रचना, बधाई.

    ReplyDelete
  14. सच कहा आस जब जाग जाती है
    तभी प्राप्त होती है
    क्यूंकि इसी आस पर तो दुनिया कायम है :)

    ReplyDelete
  15. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...!!बहुत सही दृष्टिकोण

    ReplyDelete
  16. आस की डोर पकडे हम बाधा को पार करने की उर्जा प्राप्त करते है . ये आस जीवन की सबसे अच्छी उत्प्रेरक है . सुँदर

    ReplyDelete
  17. जो आस संजोए रहता है, उसे निराशा कभी हाथ नहीं आते।

    ReplyDelete
  18. आस की डोर मजबूती से खींचती चली जाती है .बहुत सुन्दर..

    ReplyDelete
  19. सुन्दर शब्द सटीक अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  20. आस बनी रहे जो जीवन भी आसान होता है ... सुन्दर रचना ...

    ReplyDelete
  21. बहुत ही अच्छी प्रस्तुति । धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  22. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...!!

    ...बिलकुल सच...आशा ही जीवन का संबल है...

    ReplyDelete
  23. बहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति बधाई

    ReplyDelete
  24. sachchaai ko liye hue khoobsurat shabd.sundar rachna.

    ReplyDelete
  25. आस को लगे है काव्यमय भावनाओं के पंख!!

    ReplyDelete
  26. अति सुन्दर, सादर.
    कृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम प्रविष्टि पर भी पधारें.

    ReplyDelete
  27. यहाँ देखो ...आनंद की आस का अश्वमेध आ रहा हैं .....आभार

    ReplyDelete
  28. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है आपकी अनुपमा जी.
    अनुपम आस का मधुर अहसास कराती.
    अंधकारमयी रात का अंत कर प्रकाशमयी प्रात का स्मरण कराती.

    प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार जी.

    क्षमा प्रार्थी हूँ देर से आने के लिए.
    अस्वस्थता के कारण ब्लोग्स पर आना जाना बहुत कम रहा.
    आपकी मेल के लिए भी आभारी हूँ.

    ReplyDelete
  29. बहुत उम्दा एवं भावपूर्ण...अच्छी लगी रचना.

    ReplyDelete
  30. आस जब जाग जाती है ...
    तब ही प्रात होती है ...!!

    आस ही तो है जो जीने का हौसला देती है .... बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  31. आस की पूर्णता की ओर अग्रसर होती बहुत ही सुकुमार सी मधुर रचना ! बहुत ही सुन्दर !

    ReplyDelete
  32. बहुत ही मधुर अहसास -------अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  33. अपने विचारों से आपने मेरा ब्लॉग सुशोभित किया .....बहुत आभार आप सभी का ......!!

    ReplyDelete
  34. खूबसूरत अहसास ,जो मैंने भी समझे और मन को भी भाए|
    शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!