19 July, 2013

आज रात चाँद को पुकारती रही


आज रात चाँद को पुकारती रही
व्योम मंच पर न किन्तु चाँद आ सका....
बादलों की ओट में कहीं रहा छिपा
दामिनी प्रकाश पुंज वारती रही ....
आज रात चाँद  को पुकारती रही ...

देखती रही खड़ी नयन पसार कर ...
है वियोग ही मिला सदैव  प्यार कर ...
तारकों से आरती उतारती रही ...

आज रात चाँद को पुकारती रही ...

हो गई उदास और रात रो पड़ी....
वारने लगी अमोल अश्रु की लड़ी ...
दूर से खड़ी उषा निहारती रही ...
आज रात चाँद को पुकारती रही ....

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शोभा श्रीवास्तव का लिखा ये गीत .....
अब सुनिए मेरी आवाज़  में.......
कृपया ईयर फोन से  सुने अन्यथा आवाज़ बिखरती है ....




43 comments:

  1. रात तो चाँद को पूरे आकाश में चाहती है..हर समय..सुन्दर गीत, मधुर गायन..

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  2. शब्द और गायन दोनों मर्मस्पर्शी.

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  3. bahut sundar evam madhur gayan . sunkar bahut achchha laga .

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  4. अनुपमा जी , आपको सुना और गुना भी..अभी प्रसंशा के दो बोल भी नहीं मिल रहे हैं..

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  5. bahut hi sundar geet aur utni hi sumadhur aavaaz.... :) Best Wishes....

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  6. बेहतरीन गीत को बहुत ही सुंदर गाया आपने, गीत और गायन दोनों ही लाजवाब, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  7. लाजवाब,..गीत और गायन दोनों ही मर्मस्पर्शी.बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..

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  8. जितना सुंदर गीत है उतना ही कर्णप्रिय गायन .... सुंदर प्रस्तुति

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  9. अच्छी रचना, बहुत सुंदर
    पहले भी आपकी आवाज में गीत सुने हैं, ये भी बहुत सुंदर है।
    क्या कहने..



    मेरी कोशिश होती है कि टीवी की दुनिया की असल तस्वीर आपके सामने रहे। मेरे ब्लाग TV स्टेशन पर जरूर पढिए।
    MEDIA : अब तो हद हो गई !
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/07/media.html#comment-form

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  10. लाजवाब..बेहतरीन..
    mera naya blog

    rahulkmukul.blogspot.com

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  11. सुन्दर सुमधुर गीत के लिए शोभा जी को बधाई. आपकी आवाज़ में इस गीत को सुनना बहुत अच्छा लगा. बहुत अच्छा गाती हैं आप, बहुत बधाई.

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  12. बहुत बहुत आभार अरुण ...!!

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  13. वाह वाह !!! क्या बात है,
    बहुत उम्दा गीत और साथ में आपकी आवाज ,,,लाजबाब,

    RECENT POST : अभी भी आशा है,

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  14. उम्दा गीत ............,लाजबाब

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  15. .सुन्दर गीत, मधुर गायन............. बधाई.

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  16. बहुत सुंदर गीत
    पर इस गीत को आपकी आवाज ने जीवंत कर दिया
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
    केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------

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  17. बहुत अच्छे से अपने इन क्लिष्ट पंक्तियों को गाया है. मधुर गायिकी. कविता भी बहुत अच्छी है. अब पता चला धेमुराघाट पर की मेरी शिकायत चाँद से एकलौती नहीं थी :)

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  18. आज रात चाँद को पुकारती रही
    व्योम मंच पर न किन्तु चाँद आ सका....
    बादलों की ओट में कहीं रहा छिपा
    दामिनी प्रकाश पुंज वारती रही ....
    आज रात चाँद को पुकारती रही ...

    देखती रही खड़ी नयन पसार कर ...
    है वियोग ही मिला सदैव प्यार कर ...
    तारकों से आरती उतरती रही ...आरती उतारती रही गीत बंदिश और प्रस्तुति सभी बे जोड़ ंउबार्क ंउबारक मुबारक

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  19. आपको अंदाज़ा भी नहीं आपकी इस प्रस्तुति से मेरी सुबह कितनी अच्छी हो गयी है!!गीत, संगीत आवाज़ सब इतना मधुर है! :)

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  20. वाह ! सुभानअल्लाह...गीत के लिए शोभा जी को बधाई और गायन के लिए आपको ढेर सारी बधाईयाँ..अनुपमा जी !

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  21. बहुत ही सुन्दर गीत..उसपर आपकी मधुर आवाज...
    क्या कहने.. बहुत ही बढ़ियाँ...
    :-)

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  22. आपकी आवाज़ सुनने की अभिलाषा है परन्तु मैं ऑफिस में ही कंप्यूटर का इस्तेमाल करता हूँ जहाँ स्पीकर या ईयर फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता......क्या कोई तरीका है जिससे डाउनलोड करके मोबाइल में सुना जा सके ????

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    1. आभार इमरान जी ....आपके मोबाइल पर अगर यू ट्यूब आता हो तो भी आप सुन सकते हैं .....मेरा चैनल यू ट्यूब पर है ...anupamatripathi1 पर ....

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  23. Achachha gaaya, par aapne humari abhi tak MUMBAI me ki gai farmaish par dhyan nahi diya, That will suit to your voice.

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    1. आभार बल्लु भैया .....गाना ही मेरे दिमाग से निकल गया ......कृपया दुबारा मेल कर दें ......

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  24. नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (21 -07-2013) के चर्चा मंच -1313 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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    1. हृदय से आभार अरुण ....!!

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  25. खुबसूरत भावो की अभिवय्क्ति…।

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  26. गीत के बोल बहुत सुन्दर है और गायन कर्णप्रिय और मधुर . अप्रतिम .

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  27. मधुर गीत जैसे बादलों की ओट में चन्द्रमा के सम्मुख खींच लाया !
    सरस !

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  28. मधुर गीत के साथ मधुर आवाज ,बहुत अच्छा
    latest post क्या अर्पण करूँ !
    latest post सुख -दुःख

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  29. सभी श्रोतागणों का हृदय से आभार .....!

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  30. मधुर स्वर....मधुर विरह गीत.....बहुत ही खूबसूरत....
    साभार.....

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  31. इस गीत में आपकी मधुर आवाज़ दिल को छू गई । हार्दिक बधाई बहन अनुपमा जी ! रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

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  32. वाह!! सुन्दर गीत---आपके गायन ने चार चाँद लगा दिये..आनन्द आ गया!!

    बधाई!!

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  33. वाह वाह वाह ! जितने सुंदर गीत के बोल उतनी ही सुमधुर उनकी प्रस्तुति ! अनुपमा जी आपने समाँ बाँध दिया ! आपकी कर्णप्रिय आवाज़ ने आत्मा को तृप्त कर दिया ! आभार आपका !

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  34. माधर्य पूर्ण कर्ण मधु स्वरलहरी

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  35. बहुत ही प्यारा गीत है ..और आवाज़ ..? उसने आत्मा को छू लिया . यह किस्मत है की किसी गीत को ऐसा प्यार मिले. मेरे गीत तरसते रहे हैं इसके लिये.

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  36. आपकी गायकी और लेखनी दोनों खुबसूरत है अनुपमा जी बहुत सुन्दर |

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  37. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार २६ मई 2016 को में शामिल किया गया है।
    http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!