15 November, 2011

कितने दिनों की प्रतीक्षा बाद ...!!


कितने  दिनों की -
प्रतीक्षा  बाद ...
जब  सुनी  वो -
ममतामयी ..करुणामयी ..
अविरल ..अनवरत ...
अनाहत नाद ...!!!

सौभाग्य के बादल...
उमड़-घुमड़ कर ..
घन घन करते ...ढोल बजाते ....
खोले जब उर के द्वार ...!
देखा ...........

नवरंग से दुकूल लिए ...
सप्त रंग बहार लिए ..

श्रुति में द्युति लिए ...
पाहुना घर आया है ...!!!!!!

हाँ ..उसी के लिए ही मैंने -
 भुवन सजाया है ..!

देखो भवन  मेरा -
रंगीन सुकृति से सजा है ...!

झड़ गयी है धूल -
कई दिनों से पसरी थी ..
मनः पटल पर... जमी थी जो ....
ढेरों..ढेरों  परतें उसकी ...!!

बगिया मेरी, छिटकी हुई-
कुछ बूँद पश्चात्  ही ..
हरी-भरी ...
साफ सुथरी सी 
लग रही है ...!!

कोने कोने में-
अहेतुक बिखर गयी है ..
संविद मुस्कान मेरी ... 
अज्रस  उर्जा से संचारित -
मेरे मन की सरिता -
बढ़ गयी है -
एक नए आवेग से -
अगले पड़ाव पर -
जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!




*अहेतुक -अकारण 
*संविद- चेतनायुक्त
*अज्रस  -बिना रुके या लगातार 

31 comments:

  1. मेरे मन की सरिता -
    बढ़ गयी है -
    एक नए आवेग से -
    अगले पड़ाव पर -
    जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!jo milegi tumko

    ReplyDelete
  2. श्रुति में द्युति लिए ...
    पाहुना घर आया है ...!!!!!!

    हाँ ..उसी के लिए ही मैंने -
    भुवन सजाया है ..!

    सुंदर!

    ReplyDelete
  3. सुनार भावाभिवाक्ति....

    ReplyDelete
  4. Hi.
    Kavita ka har bhav,. vilakshan..
    Hindi ka anuraag, vilakshan..
    Kruti tei badli, sukruti main..
    Sahaj, madhur hai, kavita anupam.

    Sundar kavita..

    ReplyDelete
  5. जीवन में नव उर्जा का संचार करती सुन्दर कविता.

    ReplyDelete
  6. खूबसूरत शब्दों से बुनी सुन्दर रचना ..

    ReplyDelete
  7. जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!वाह...!!
    खूबसूरत रचना....
    सादर बधाई...

    ReplyDelete
  8. आशा संजोये स्वागत गीत....

    ReplyDelete
  9. jeevan main nirantar aage badhne ka paigam dete hue ati sunder kavya rachna!!! jjevan main nayi urja se apne din sunder banane ka satat prayas hai aapki rachna main !! badhai !!!!

    ReplyDelete
  10. कोने कोने में- अहेतुक बिखर गयी है ..संविद मुस्कान मेरी ... अज्रस उर्जा से संचारित -मेरे मन की सरिता -बढ़ गयी है -एक नए आवेग से -अगले पड़ाव पर -जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!

    बहुत सुंदर दिल को छूने वाले भाव... जब वह आता है तो कुछ कुछ ऐसा ही होता है...

    ReplyDelete
  11. अनुपमा जी , आपकी रचनाओं से मधुर-मधुर संगीत निकलता रहता है . मन झुमने लगता है.और क्या कहूँ..

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर हिंदी लिखती हैं आप........बधाई |

    ReplyDelete
  13. तस्वीर में डोलती लहरों की तरह ही आपकी रचनाओं में स्पन्दन हें ...बधाई !

    ReplyDelete
  14. इस लाजवाब रचना के लिए बधाई



    नीरज

    ReplyDelete
  15. स्पंदन सा, मोहक सा, उजला सा, मीठा सा :)

    ReplyDelete
  16. मेरे मन की सरिता -
    बढ़ गयी है -
    एक नए आवेग से -
    अगले पड़ाव पर -

    मंज़िल तभी तो मिलेगी जब यह अगले पड़ाव की ओर बढ़ जाए।

    ReplyDelete
  17. जीवन में संचार देती बेहतरीन सुंदर पोस्ट बहुत अच्छी लगी,...मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है ,....

    ReplyDelete
  18. एक नए आवेग से -
    अगले पड़ाव पर -
    जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!
    बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति अनुपमा जी,धन्यवाद।

    ReplyDelete
  19. Pahlee baar aayee hun aapke blog pe...man prasann ho gaya!

    ReplyDelete
  20. सकारात्मक सोंच लिए सुंदर रचना......

    ReplyDelete
  21. मेरे मन की सरिता -
    बढ़ गयी है -
    एक नए आवेग से -
    अगले पड़ाव पर -

    go ahead.

    ReplyDelete
  22. मेरे नए पोस्ट भोजपुरी भाषा का शेक्शपीयर- भिखारी ठाकुर पर आपका इंतजार करूंगा । धन्यवाद

    ReplyDelete
  23. बहुत बढ़िया भाव लिए सुन्दर रचना

    Gyan Darpan
    Matrimonial Site

    ReplyDelete
  24. इस कविता के भाव आपने पसंद किये ...आभार ...|ये थोड़ा पहले लिखी हुई है ...परिकल्पना पर भी ये छप चुकी है |

    ReplyDelete
  25. बेहद ख़ूबसूरत और शानदार रचना ! दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  26. सुंदर भाव पूर्ण अच्छी प्रस्तुति,..
    मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है

    ReplyDelete
  27. very beautiful poem and picture!!!!!!!!!

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!