कितने दिनों की -
प्रतीक्षा बाद ...
जब सुनी वो -
ममतामयी ..करुणामयी ..
ममतामयी ..करुणामयी ..
अविरल ..अनवरत ...
अनाहत नाद ...!!!
अनाहत नाद ...!!!
सौभाग्य के बादल...
उमड़-घुमड़ कर ..
घन घन करते ...ढोल बजाते ....
खोले जब उर के द्वार ...!
देखा ...........
श्रुति में द्युति लिए ...
पाहुना घर आया है ...!!!!!!
नवरंग से दुकूल लिए ...
सप्त रंग बहार लिए ..
सप्त रंग बहार लिए ..
श्रुति में द्युति लिए ...
पाहुना घर आया है ...!!!!!!
हाँ ..उसी के लिए ही मैंने -
भुवन सजाया है ..!
देखो भवन मेरा -
रंगीन सुकृति से सजा है ...!
झड़ गयी है धूल -
कई दिनों से पसरी थी ..
मनः पटल पर... जमी थी जो ....
ढेरों..ढेरों परतें उसकी ...!!
बगिया मेरी, छिटकी हुई-
कुछ बूँद पश्चात् ही ..
हरी-भरी ...
लग रही है ...!!
कोने कोने में-
अहेतुक बिखर गयी है ..
संविद मुस्कान मेरी ...
अज्रस उर्जा से संचारित -
मेरे मन की सरिता -
बढ़ गयी है -
एक नए आवेग से -
अगले पड़ाव पर -
जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!
*अहेतुक -अकारण
*संविद- चेतनायुक्त
*अज्रस -बिना रुके या लगातार
bahut sundar bhaav addbhut.
ReplyDeleteमेरे मन की सरिता -
ReplyDeleteबढ़ गयी है -
एक नए आवेग से -
अगले पड़ाव पर -
जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!jo milegi tumko
श्रुति में द्युति लिए ...
ReplyDeleteपाहुना घर आया है ...!!!!!!
हाँ ..उसी के लिए ही मैंने -
भुवन सजाया है ..!
सुंदर!
सुनार भावाभिवाक्ति....
ReplyDeleteHi.
ReplyDeleteKavita ka har bhav,. vilakshan..
Hindi ka anuraag, vilakshan..
Kruti tei badli, sukruti main..
Sahaj, madhur hai, kavita anupam.
Sundar kavita..
जीवन में नव उर्जा का संचार करती सुन्दर कविता.
ReplyDeleteखूबसूरत शब्दों से बुनी सुन्दर रचना ..
ReplyDeleteजीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!वाह...!!
ReplyDeleteखूबसूरत रचना....
सादर बधाई...
आशा संजोये स्वागत गीत....
ReplyDeleteबेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
jeevan main nirantar aage badhne ka paigam dete hue ati sunder kavya rachna!!! jjevan main nayi urja se apne din sunder banane ka satat prayas hai aapki rachna main !! badhai !!!!
ReplyDeleteकोने कोने में- अहेतुक बिखर गयी है ..संविद मुस्कान मेरी ... अज्रस उर्जा से संचारित -मेरे मन की सरिता -बढ़ गयी है -एक नए आवेग से -अगले पड़ाव पर -जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर दिल को छूने वाले भाव... जब वह आता है तो कुछ कुछ ऐसा ही होता है...
अनुपमा जी , आपकी रचनाओं से मधुर-मधुर संगीत निकलता रहता है . मन झुमने लगता है.और क्या कहूँ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हिंदी लिखती हैं आप........बधाई |
ReplyDeleteतस्वीर में डोलती लहरों की तरह ही आपकी रचनाओं में स्पन्दन हें ...बधाई !
ReplyDeleteइस लाजवाब रचना के लिए बधाई
ReplyDeleteनीरज
स्पंदन सा, मोहक सा, उजला सा, मीठा सा :)
ReplyDeleteमेरे मन की सरिता -
ReplyDeleteबढ़ गयी है -
एक नए आवेग से -
अगले पड़ाव पर -
मंज़िल तभी तो मिलेगी जब यह अगले पड़ाव की ओर बढ़ जाए।
जीवन में संचार देती बेहतरीन सुंदर पोस्ट बहुत अच्छी लगी,...मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है ,....
ReplyDeletesundar abhivaykti..........
ReplyDeleteएक नए आवेग से -
ReplyDeleteअगले पड़ाव पर -
जीवन के कुछ नए आयाम पाने के लिए.....!!
बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति अनुपमा जी,धन्यवाद।
Pahlee baar aayee hun aapke blog pe...man prasann ho gaya!
ReplyDeleteसकारात्मक सोंच लिए सुंदर रचना......
ReplyDeleteमेरे मन की सरिता -
ReplyDeleteबढ़ गयी है -
एक नए आवेग से -
अगले पड़ाव पर -
go ahead.
मेरे नए पोस्ट भोजपुरी भाषा का शेक्शपीयर- भिखारी ठाकुर पर आपका इंतजार करूंगा । धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत बढ़िया भाव लिए सुन्दर रचना
ReplyDeleteGyan Darpan
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bahut khub....man ki purn abhivyakti
ReplyDeleteइस कविता के भाव आपने पसंद किये ...आभार ...|ये थोड़ा पहले लिखी हुई है ...परिकल्पना पर भी ये छप चुकी है |
ReplyDeleteबेहद ख़ूबसूरत और शानदार रचना ! दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ!
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
सुंदर भाव पूर्ण अच्छी प्रस्तुति,..
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर स्वागत है
very beautiful poem and picture!!!!!!!!!
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