ये कैसी प्रक्रिया है .....
क्या मेरी प्रतिक्रिया है...
समेटना ...सहेजना ...संजोना ...संवरना-संवारना .....
खिलना- खिलाना ...
दूर रहकर भी बहुत पास रहना ...या ...
पास रहकर भी बहुत दूर रहना ....
जीते रहना ...सांस लेते रहना ...
पल-पल खोना बहुत ...पाना कम ...
फिर भी निरंतर आगे ही बढ़ते रहना ...
अदम्य साहस के साथ ....
और फिर ..
निराकार प्रेम बाँटते रहना ......
एक परीक्षा है.......जीवन ....!!
पल-पल खोना बहुत ...पाना कम ...
फिर भी निरंतर आगे ही बढ़ते रहना ...
अदम्य साहस के साथ ....
और उस ...और पाने की ...
एक प्रतीक्षा पुनः करते रहना .......और फिर ..
उस प्रतीक्षा के आकार को साकार करने हेतु ....
एक परीक्षा है.......जीवन ....!!
प्रकृति की मौन धारा से ...
मुझमे प्रवाहित होता हुआ ...आकर्षण है ...गुरुत्वाकर्षण है...
दिव्यता है ...
भव्यता है ...
सूक्ष्मता है ....
दक्षता है ....
एक परीक्षा है जीवन .....!!
सूक्ष्मता है ....
दक्षता है ....
एक परीक्षा है जीवन .....!!
सचमुच एक परीक्षा है..
ReplyDeleteसही कहा आपने जीवन एक परीक्षा ही तो है।
ReplyDeleteसादर
बिल्कुल सही कहा है आपने ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteएक परीक्षा है.......जीवन ....!!
ReplyDeleteबहुत सही !!
iss jeevan me saare bhautik gun hain....bas ham utirn ho pate hain, ya nahi , ye dekhna hai..:)
ReplyDeletebahut khub!
और हर इंसान यह परीक्षा देता रहता है ...
ReplyDeleteएक परीक्षा है.......जीवन ....!!... परिणाम की आशा से परे देते रहना है
ReplyDeleteआपका ब्लॉग भारतीय ब्लॉग संकलक "हमारीवाणी" में सम्मिलित है, परन्तु आपने हमारीवाणी क्लिक कोड अपने ब्लॉग पर नहीं लगाया है. हमारीवाणी में पोस्ट प्रकाशित करने के लिए हमारी वाणी क्लिक कोड से उत्पन्न लोगो पर क्लिक करना आवश्यक होता है.
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जीवन एक परीक्षा है और परीक्षक हम स्वयं है... क्या हर पल हम जान नहीं रहे होते क्या सही किया क्या गलत किया ?
ReplyDeleteएक प्रतीक्षा पुनः करते रहना .......
ReplyDeleteउस प्रतीक्षा के आकार को साकार करता हुआ ....
सुन्दर सम्प्रेषण.... वाह!
सादर बधाई...
सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति पढ़ने को मिली एक लंबे अंतराल के बाद.
ReplyDeleteकहते है सब्र का फल मीठा होता है.
यह फल मीठा ही नही लाजबाब है.
सुनीता जी ने तो नई पुरानी हलचल पर आपके नाम
'अनुपमा' पर भी मेरा ही लिंक दे दिया था.कई बार
खोला,पर अपने ही ब्लॉग पर पहुँचा.
अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.'नाम जप' पर अपने
अनुपम विचार व अनुभव भी बताईयेगा.
सच कहा.........जीवन सच में परीक्षा ही तो है.......बहुत सुन्दर लगी पोस्ट|
ReplyDeleteफुर्सत मिले तो हमारे ब्लॉग 'जज़्बात' पर भी नज़र डालें |
हर रोज एक नई परीक्षा है जिंदगी.
ReplyDeleteसार्थक अभिव्यक्ति.
जीवन सच में एक परीक्षा है...सुन्दर ..बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteजीवन को कितने यथार्थ रूप में परिभाषित किया आपने....." हर नया पल अनगिनत सवाल लेकर आता है, यह परीक्षा नहीं तो और क्या है "
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteछठपूजा की शुभकामनाएँ!
jindgi jeena ek pareeksha hi to hai.
ReplyDeleteएक परीक्षा है जीवन सही कहा है आपने.....
ReplyDeleteज़िन्दगी को हर कसौटी पर खरा होना पड़ता है।
ReplyDeleteसही कहा अनुपमा जी……………एक ऐसी परीक्षा जिस मे पास हुये या फ़ेल पता ही नही चलता सिर्फ़ चलते रहना आगे बढते रहना।
ReplyDeleteसच ...जीवन एक परीक्षा ही है.... सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteएक परीक्षा है.......जीवन ...
ReplyDeleteबहुत सही
प्रकृति की मौन धारा से ...
ReplyDeleteमुझमे प्रवाहित होता हुआ ...आकर्षण है ...
गुरुत्वाकर्षण है...
दिव्यता है ...
भव्यता है ...
सूक्ष्मता है ....
दक्षता है ....
एक परीक्षा है जीवन .....!!
bilkul sachchi bat.
एक परीक्षा है जीवन ..Bahut khoob!
ReplyDeletewww.poeticprakash.com
ek pariksha hai ye jeewan...sarvsaty..
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा अनुपमा जी आपने…जीवन एक ऐसी परीक्षा जिसे हर पल देना होता बिना किसी पूर्व तैयारी के, बस देना ही होता है सभी को... सुन्दर रचना
ReplyDeleteअतिसुन्दर...वाह!
ReplyDeleteVery beautiful post.Nice to read your poems after a along gap!Great going ......Keep it up!!!!
ReplyDeleteजीवन की परीक्षा को
ReplyDeleteबहुत अनमोल शब्दों में बाँधा अपने
वाह !!
फिर भी निरंतर आगे ही बढ़ते रहना ...
ReplyDeleteअदम्य साहस के साथ ....
--ये तो एकदम सही बात है!!
ReplyDelete♥
आदरणीया अनुपमा त्रिपाठी जी
सस्नेहाभिवादन !
प्रतीक्षा के आकार को साकार करता हुआ ....
निराकार प्रेम बाँटते रहना ......
एक परीक्षा है.......जीवन ....!!
अच्छी रचना है , किंतु कुछ उलझी हुई चल रही है , सहज संप्रेषित नहीं हो पा रही …
बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
आपका ब्लॉग भी बहुत ख़ूबसूरत और आकर्षक लगा । अभिव्यक्ति भी मन को छू गई । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद . ।
ReplyDeleteये कैसी प्रक्रिया है .....
ReplyDeleteक्या मेरी प्रतिक्रिया है...
समेटना ...सहेजना ...संजोना ...संवरना-संवारना .....
खिलना- खिलाना ...
दूर रहकर भी बहुत पास रहना ...या ...
पास रहकर भी बहुत दूर रहना ....बहुत ही सुन्दर भावो से दर्शाती जीवन एक परीक्षा है.
राजेंद्र स्वर्णकार जी नमस्कार ...
ReplyDeleteआपकी टिप्पणी बहुत अच्छी लगी |रचना में अगर कुछ छूटा सा या टूटा सा हो तो अवश्य पता चलाना चाहिए |तभी अपने लेखन को सुधार जा सकता है |स्पष्ट लेखन ज़रूरी है ...अन्यथा पढने वाले समझ ही नहीं पाएंगे क्या लिखा है |इस कविता में मैंने जीवन कैसे एक परीक्षा है यही कहना चाहा है ....रोज़ घटित होती हुई घटनाएँ और हमारे मन की स्थिति ....विविध परिस्थितियों से होते हुए हम गुज़रते हैं ....कुछ मिलाता है ...कुछ नहीं मिलाता ...कुछ अच्छा मिलाता है ..तो कुछ बुरा भी मिलता है ....उस बुराई को अपने अन्दर हावी नहीं होने देना ....फिर अच्छे की प्रतीक्षा करना ....प्रेम की प्रबलता से ही संभव है ...
प्रकृति और हमारा जीवन कितने जुड़े हैं ...और प्रकृति से हम आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं ...अच्छी बातों की प्रेरणा लेते हैं ....यही लिखने का प्रयास किया है .......किस प्रकार प्रयास किया जाये की सकारात्मकता बनी रहे ...
आगे भी इसी प्रकार टिप्पणी ज़रूर कीजियेगा जिससे लेखन स्पष्ट हो सके ....
एक परीक्षा है जीवन .....!!
ReplyDeleteऔर इस परीक्षा में सफल होने के लिए ता उम्र का संघर्ष हमें इक -इक सीधी ऊपरी कक्षा में पहुंचता रहता है ....
बहुत खूब लिखा है आपने.
ReplyDeleteबहाव के प्रतिकूल चलने पर परीक्षा है जीवन.
और बहाव के साथ चलने पर कोई सवाल ही नहीं बचता.
सार्थक व सकारात्मक अभिव्यक्ति,उत्कृष्ट रचना !
ReplyDeleteजिसे यथासंभव पास भी करना है.बहुत सुन्दर लिखा है अनुपमा जी.जरा अकार को आकार कर लें.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार अमृता जी ...त्रुटी सुधार दी है ..!!
ReplyDeleteजीवन की आकांक्षा .....
ReplyDeleteजीते रहना ...सांस लेते रहना ...
पल-पल खोना बहुत ...पाना कम ...
फिर भी निरंतर आगे ही बढ़ते रहना ...
बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ ! जीवन की सच्चाई को आपने बड़े ही खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है! उम्दा रचना!
आभार आप सभी का अपने विचार रखने के लिए...!!
ReplyDeleteअनुपमा जी नमस्कार, सच कहा आपने जीवन हमारा एक परीक्षा ही तो है।
ReplyDeletebhaut auche shabd
ReplyDeletebhaut auche shabd
ReplyDeleteSachmuch ek pariksha hai jeevan !! Bahut hi sunder baat prakrati ke madhyam se vyakt ki hai apne!!
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