नवल -वर्ष की बात नवल हो -
आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..........!!!!
जीवन में सौगात नवल हो -
नवल प्रभा से खिली हो उषा -
गौरव से मस्तक हो ऊँचा -
सदा कर्मरत रहें हम सभी -
विजय पताका लहराए -
मधुर -सरस सुर गूंजे चाहूं दिस -
अनहद नाद मन सुन जाए .
नवल स्पर्श हो खुशियों का -
ये गहराता तम हट जाए -
बंसी की धुन सुन कृष्णा की -
राधामय मन हो जाए -
सुरभिमय हो सबका जीवन -
यही अर्चना प्रभु से मेरी -
स्वीकार करो प्रभु मेरा वंदन......!!!!!
आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..........!!!!
बेहतरीन!
ReplyDeleteआप को भी नव वर्ष की अग्रिम शुभ कामनाएं.
बहुत सुन्दर रचना!!!
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
भगवान सबको नववर्ष मे सुख दे और हर दिन नववर्ष लेकर आये।
ReplyDeleteHappy New Year to you all
ReplyDeletebahut shandaar...
ReplyDeletenav-varsh ki bahut bahut subhkamnayen....aapko bhi...:)
Very beautiful "RACHNA" for the "NEW YEAR" to start with.
ReplyDeleteMay this NEW YEAR brings all happiness to you and your family and you keep writing such good poems for us.
'"HAPPY NEW YEAR"
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आपको भी सपरिवार नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
सुन्दर रचना . नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .
ReplyDeleteहर पल यही है दिल की दुआ आपके लिए
ReplyDeleteखुशियों भरा हो साल नया आपके लिए...
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं.
नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं आपको भी.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना! आपको भी सपरिवार नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं !
ReplyDeleteप्रभु आपकी बातें सुन ले..
ReplyDeleteआपके लिए भी नववर्ष खुशियाँ लेकर आये..
नवल -वर्ष की बात नवल हो -
ReplyDeleteजीवन में सौगात नवल हो -
नवल प्रभा से खिली हो उषा -
गौरव से मस्तक हो ऊँचा -
नए वर्ष पर काव्यमय शुभकामना अच्छी लगी. कविता की लयात्मकता आपके कवि मन को चित्रित करती है.
मेरी हार्दिक शुभकामनायें
मन की सुंदर अभिव्यक्ति दिल के संवेदनशील तारों को झंकृत कर गयी।नव वर्ष 2011 की अशेष शुभकामनाओं के साथ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना..अच्छी लगी. नव वर्ष पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ.
ReplyDelete_____________
'पाखी की दुनिया' में नए साल का पहला दिन...
प्रेम -पुष्प की सदा हो वर्षा -
ReplyDeleteसुरभिमय हो सबका जीवन -
यही अर्चना प्रभु से मेरी -
स्वीकार करो प्रभु मेरा वंदन......!!!!!
xxxxxxxxxxxxxx
बहुत उम्दा सोच को सार्थक शब्द दिए हैं आपने ...काश ऐसा सब सोच पाते ..शुक्रिया
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति ! आपको भी नए वर्ष की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteलाजवाव - आभार
ReplyDeleteशाबाश ...लगता है लोगों को अपना अहसास कराने में कामयाब रहोगी ...हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteBahut hi sunder rachana . tumhe bhi naya varsh shubh-dayak ho swasthyadayak ho, bahut bahut pyar sahit sukh kamnayen.
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 29 -12 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में आज... जल कर ढहना कहाँ रुका है ?
मधुर -सरस सुर गूंजे चाहूं दिस -
ReplyDeleteअनहद नाद मन सुन जाए .
अनुपम भाव,सुन्दर प्रस्तुति.
अनहद नाद मन सुन जाये
तो सच में ही बेडा पार हो जाये.
बहुत सुन्दर प्रार्थना...
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो....
सादर.
खूबसूरत रचना ....आपको नववर्ष की शुभकामनाएं
ReplyDeleteसुन्दर प्रार्थना...
ReplyDeleteआपको नववर्ष की शुभकामनाएं
सादर.
सदा कर्मरत रहें हम सभी -
ReplyDeleteविजय पताका लहराए -
मधुर -सरस सुर गूंजे चाहूं दिस -
अनहद नाद मन सुन जाए .
नव-वर्ष की मंगल कामना के शब्द , मंत्र बन गये हैं , वाह !!!
संगीता जी बहुत बहुत आभार इस रचना को एक वर्ष बाद भी नयापन देने के लिए .... ...
ReplyDeleteलयात्मकता आप के अन्तर्मन में विद्यमान है। इस सुंदर प्रस्तुति को पढ़वाने के लिए बहुत बहुत बधाई।
ReplyDelete