14 March, 2013

अब मन छायो बसंत .......!!!!!!

किसलय अनुभूति देती .....
सागर सी ...
सुनील तरंग ...
सुशील उमंग ..!!!!

रंग भर भर ...  झर-झर निर्झर बहें....!
निसर्ग  झूम झूम गाए...
सुमंगल  स्वस्तिवाचन ....!!!!!


हुआ स्वर्ग सा  विस्तार  नयनाभिराम ...
सुलक्षण सुमन  ..सुविकसित सुवास ....
खिली खिली धरा ...
पा गई  ....सुनिधि सुहास ....!!!!

सुपर्ण सुनियोजित ....
प्रभास अनंत 


अहा ...आयो बसंत ....
मन भायो बसंत ....










अब मन छायो बसंत ...

34 comments:

  1. मन को भा गया पोस्ट ...

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  2. बहुत सरस प्रस्तुति,आभार.

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  3. बहुत सुन्दर पोस्ट!
    साझा करने के लिए आभार!

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  4. मन में कहीं गहरे उतर गया बसंत ,
    मधुऋतू ने जो ली अंगडाई .
    डाल -डाल हरियाली छाई..........
    अनुपमा ,सुंदर शब्दों में
    गुथी मनमोहिनी रचना .
    साभार..............

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  5. आहा आयो बसंत ...
    सुगंध फैलाती रचना.

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  6. मधुर सा बासंती माहौल रच दिया आपने, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  7. मधुर सा बासंती माहोल रच दिया है आपने, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  8. सुन्दर रचना...

    सादर
    अनु

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  9. बासंती रंग से पूरी तरह रंग दिया
    सादर !

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  10. बढ़िया प्रस्तुति-

    शुभकामनायें आदरेया-

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  11. किसलय जैसा सुंदर शब्द अब कविता से स्थगित हो गया है, इसकी कविता में पुनः उपस्थिति बसंत के आगमन की तरह लग रही है। सुंदर कविता आभार

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  12. सुन्दर एह्साह वसंत का
    latest postउड़ान
    teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "

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  13. बसंत की बहुत सुंदर उपस्थिति दर्ज कराती पोस्ट,,,,,,

    बीबी बैठी मायके , होरी नही सुहाय
    साजन मोरे है नही,रंग न मोको भाय..
    .
    उपरोक्त शीर्षक पर आप सभी लोगो की रचनाए आमंत्रित है,,,,,
    जानकारी हेतु ये लिंक देखे : होरी नही सुहाय,

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  14. संगीत बन बजते शब्द, गाकर भी सुन्दर लगेंगे।

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  15. आभार प्रवीण जी ....ज़रूर कोशिश करूंगी ....!!

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  16. सुपर्ण सुनियोजित ....प्रभास अनंत ....
    अहा ...आयो बसंत ....
    मन भायो बसंत ....

    मन के अंतस को छूते शब्द ... बसंत की खुसबू महक गई जैसे ...

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  17. सुंदर चित्रों के साथ सुंदर कविता । आहा आयो वसंत ।

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  18. बिलकुल बसंती हवा सी सुकून देती कविता. बहुत प्यारे शब्द.

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  19. बसंतोत्सव का स्वागत है ..
    बधाई !

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  20. सुन्दर..मनमोहक..चेतना का संचार..

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  21. बसंत के खुशनुमा अहसास को मन भरती हुई कविता .

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  22. पूरी रचना में एक अनुप्रासिक छटा बिखरी हुई है जो एक नाद सौन्दर्य रचती है .

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  23. Spring is such a beautiful season. Lovely read :)

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  24. सुमधुर, सुवास भरी सुंदर सुरुचिपूर्ण शब्दावली और गुलाबी चित्र से सजी सुंदर पोस्ट...बधाई अनुपमा जी.

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  25. मन ,उमंग ,तरंग सब बसंती कर दिया आपकी रचना ने ।

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  26. वाह अद्भुत...!!!!

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  27. बहुत उम्दा रचना | बधाई |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  28. किसलय अनुभूति देती .....
    सागर सी ...
    सुनील तरंग ...
    सुशील उमंग ..!!!!

    रंग भर भर ... झर-झर निर्झर बहें....!
    निसर्ग झूम झूम गाए...
    सुमंगल स्वस्तिवाचन ....!!!!

    very heart touching lines based on BASANT with great emotions.

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  29. वाह ! क्या वसंती सा वसंत ......

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  30. मित्रवर ....गुणीजन ....आप सभी का ह्रदय से आभार ....!!

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  31. अहा .... छा ही गया बसंत .... बहुत सुंदर

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!