''ज़िंदगी एक अर्थहीन यात्रा नहीं है ,बल्कि वो अपनी अस्मिता और अस्तित्व को निरंतर महसूस करते रहने का संकल्प है !एक अपराजेय जिजीविषा है !!''
सुंदर ।
वाह्ह्ह्हह्ह्ह्हहआपकी मुराद पूरी हो
वाह .... बेर भई मेघा बरसो सच ....
बढ़िया सुंदर रचना व लेखन , अनुपमा जी धन्यवाद ! I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
हृदय से आभार आपका राजीव कुमार जी ...!!
सुंदर .......।
बहुत सुंदर संगीत मय प्रार्थना..
सुंदर आह्वान
मेघों को संगीतमय आमंत्रण ... अब तो बरसो प्यार बुझाओ ..मेघा आओ ... मेघा आओ ...
dharaa par dhanya-dhan bikhraao......der bhayi megha ab to barso sarso bahut sunder swaagat-geet hai varsha ka avahan kartaa saa ...
सुंदर रचना...........
इतना प्यारा ,इतना मधुर आमंत्रण - आना पड़ेगा मेघों को ,आयेंगे अवश्य !
बड़े खयाल की बंदिश जैसी भावपूर्ण रचना।
उम्मीद है बरखा रानी हर सुर और लय साथ लेकर आई होगी इस मानसून में. सुन्दर कृति.
नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!
सुंदर ।
ReplyDeleteवाह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
ReplyDeleteआपकी मुराद पूरी हो
वाह .... बेर भई
ReplyDeleteमेघा बरसो
सच ....
बढ़िया सुंदर रचना व लेखन , अनुपमा जी धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
हृदय से आभार आपका राजीव कुमार जी ...!!
ReplyDeleteसुंदर .......।
ReplyDeleteबहुत सुंदर संगीत मय प्रार्थना..
ReplyDeleteसुंदर आह्वान
ReplyDeleteमेघों को संगीतमय आमंत्रण ...
ReplyDeleteअब तो बरसो प्यार बुझाओ ..
मेघा आओ ... मेघा आओ ...
dharaa par dhanya-dhan bikhraao......der bhayi megha ab to barso sarso
ReplyDeletebahut sunder swaagat-geet hai varsha ka avahan kartaa saa ...
सुंदर रचना...........
ReplyDeleteइतना प्यारा ,इतना मधुर आमंत्रण - आना पड़ेगा मेघों को ,आयेंगे अवश्य !
ReplyDeleteबड़े खयाल की बंदिश जैसी भावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteउम्मीद है बरखा रानी हर सुर और लय साथ लेकर आई होगी इस मानसून में. सुन्दर कृति.
ReplyDelete