25 July, 2012

मौन सी एक सुबह .........................!!





मेरी चूड़ी   सी ...
वर्षा की बूंदो मे है खनखनाहट ....
मेरी बिंदिया सी ..
तुम्हारे चेहरे  पे है मुस्कुराहट...
अदरक की चाय सी ....
सुबह  में है  खुश्बू....
खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
सुर लहरी छेड़ रहा है ...
तुमसे  रौशन है मेरा जहाँ ...

*********************************************************************

43 comments:

  1. बारिश से भीगा प्यार

    ReplyDelete
  2. ये रोशनी कभी मद्धम न हो.....
    बहुत प्यारे भाव....

    सस्नेह
    अनु

    ReplyDelete
  3. yeh mausam rangeen sama..kya baat hain!!
    bhagwan tum dono ke pyar ko sada yu he banie rakhe.......

    ReplyDelete
  4. वाह ... बेहतरीन भाव

    ReplyDelete
  5. खनखनाती, महकती, मुस्कुराती सी रचना... बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  6. अच्छी उपमाएं दी हैं !

    ReplyDelete
  7. और सुबह-सुबह खांसता सा बह रहा है नल
    ध्वनियो और एहसासों का बेहतरीन प्रयोग

    ReplyDelete
  8. बारिश का असली आनंद उठाया जा रहा है .... सुंदर

    ReplyDelete
  9. वाह ! अखबार से सुर लहरी..नया अंदाज..

    ReplyDelete
  10. सुबह, बारिश और अदरक की चाय...वाह..

    ReplyDelete
  11. तुम्हारे चेहरे पे है मुस्कुराहट...
    अदरक की चाय सी ....
    क्या बात है ...साथ में पकोड़ों का सा कुछ भी नहीं ?:):).
    खूबसूरत ख्याल..

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरे शिखा जी गाने वालों का ध्यान पकौड़े तक जाता ही नहीं ....पकौड़े खाने से गला खराब हो जाता है ...:))गाना सुनना हो तो पकौड़े खिलाने के पहले सुन लिजियेगा ....:))
      बहुत आभार रचना पसंद करने के लिये ...!!

      Delete
  12. sama sa bandh diya

    ReplyDelete
  13. जहाँ यूँ ही रौशन रहे..शुभकामनाएं...

    ReplyDelete
  14. यूं ही रौशन रहे सारा जहाँ..खनकती सी खुबसूरत रचना..

    ReplyDelete
  15. मेरी चूड़ी सी ...
    वर्षा की बूंदो मे है खनखनाहट ....
    मेरी बिंदिया सी ..
    तुम्हारे चेहरे पे है मुस्कुराहट..
    अदरक की चाय सी ....
    सुबह में है खुश्बू....
    खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
    सुर लहरी छेड़ रहा है ...
    तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ..

    बहुत सुन्दर भाव, श्रेष्ठ अल्फाज !

    ReplyDelete
  16. bhaut khubsurat rahi barish...aur usme bheege ye khubsurat bhaavo ke shabd....behtreen....

    ReplyDelete
  17. अदरक की चाय सी ....
    सुबह में है खुश्बू....
    खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
    सुर लहरी छेड़ रहा है ...
    तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ...

    मुलायम एहसास के साथ

    ReplyDelete
  18. बहुत खूब ..
    सुंदर रचना ..
    अदरक वाली चाय की खुशबु
    अखबार की खरखराहट अच्छी लगी :)

    ReplyDelete
  19. सुबह सुबह मिल जाय,गर अदरक वाली चाय
    सारा दिन पढते रहे, दिन मस्ती में कट जाय,,,,,

    बहुत बढ़िया प्रस्तुती,,,,

    RECENT POST काव्यान्जलि ...: आदर्शवादी नेता,

    ReplyDelete
  20. Kya baat hai, bahut sundar! Ab baarish mein yeh sab raang talash karunge.:)

    ReplyDelete
  21. बहुत खूबसूरत कविता... वर्षा की बूंदों की तरह...

    ReplyDelete
  22. सुबह सुबह प्रेम की रौशनी आ जाए तो अंधेरा कभी नहीं आता ... लाजवाब प्रस्तुति ..

    ReplyDelete
  23. वर्षा की यह फुहार यूं ही झर-झर झरती रहे।

    ReplyDelete
  24. मौन का मुखरित होना यही तो है, सुन्दर भाव, बधाई.

    ReplyDelete
  25. वाह ! बहुत सुन्दर |

    ReplyDelete
  26. एक नन्हा जंगली फूल
    बन गया विशेष
    बेश कीमती रचना सुन्दर ,मनोहर ,बेहतरीन प्रतीक विधान और विहान लिए ..कृपया यहाँ भी पधारें -

    कविता :पूडल ही पूडल
    कविता :पूडल ही पूडल
    डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१

    जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
    इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .

    (१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,

    यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर

    फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल

    यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .

    ReplyDelete
  27. बहुत ही खूबसूरत!

    ReplyDelete
  28. क्या बात है... बहुत सुंदर रचना...
    सादर।

    ReplyDelete
  29. सुंदर प्रस्तुति.

    बधाई.

    ReplyDelete
  30. अदरक की चाय सी ....
    सुबह  में है  खुश्बू....
    खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
    सुर लहरी छेड़ रहा है ...
    तुमसे  रौशन है मेरा जहाँ ...
    .... बहुत सुंदर रचना... .

    ReplyDelete
  31. भावों की वृष्टि , भीगे , मन हर्षित हुआ. बहुत सुँदर .

    ReplyDelete
  32. अदरक की चाय सी ....
    सुबह में है खुश्बू....
    खड़खड़ाता हुआ अख़्बार ...
    सुर लहरी छेड़ रहा है ...
    तुमसे रौशन है मेरा जहाँ ...

    ....बहुत कोमल अहसास...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

    ReplyDelete
  33. इस मौन सुबह मे आप सभी ने अपने अपने मन के भाव देखे ...मेरी रचना साकार हुई ...!!
    हृदय से आभार आप सभी का ...!!

    ReplyDelete
  34. वाह.....रोमांटिक...:) :)
    हलकी बारिश आज सुबह से हो रही है इधर...बड़ा अच्छा लगा ऐसे में पढना इसे :)

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!