07 May, 2022

शब्द वही होते हैं

शब्द वही होते हैं 
जुड़ते हैं तो वाक्य से वाक्या भी बनते हैं 
बुन लिए जाते हैं 
तो गर्माहट देते हैं 
गुन  लिए जाते हैं 
तो ज्ञान का अथाह सागर
स्पर्श करें जो भाव तो
समुद्र की लहरों से चंचल
तुम्हारे ...मेरे...
हाँ ... शब्द वही होते हैं ...!!!

अनुपमा त्रिपाठी
"सुकृति "

12 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (8-5-22) को "पोषित करती मां संस्कार"(चर्चा अंक-4423) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद कामिनी जी मेरी प्रविष्टि को चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु !!

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  2. निस्संदेह शब्द शक्ति पुंज होते हैं। सुंदर रचना।

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  3. वाह!बहुत सुंदर सृजन।
    सादर

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  4. शब्दों की सुंदर व्याख्या । सुंदर सराहनीय रचना ।

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  5. वाकई उन्हीं शब्दों से कोई कहानी बुन लेता है तो कोई भाव की सरिता बहा देता है

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  6. खूबसूरत सृजन

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  7. खूबसूरत सृजन

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  8. वाह, बहुत सुंदर

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  9. बहुत ही सुन्दर भाव हैं कविता के

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  10. सच शब्द जुलाहे का ताना बाना है जो कबीर के भावों में ढल कर अमर हो जाते हैं।
    बहुत सुंदर सृजन।

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  11. अति सुन्दर शब्द।

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!