05 June, 2012

बांस की टोकरी .... ...!!

एकत्रित कर ..
स्मृति के सुमधुर क्षणों को ...
बीन- बीन बटोर लायी हूँ ...
सूखे सूखे पुष्पों को ..
तोड़-तोड़ पंखुड़ी......
लबालब भर ली ....
बांस की टोकरी...!!

यादों के सूखे फूल...
और ये लबालब भरी ...
बांस की टोकरी ...
अहा ...सुगंध  से भर गया  ...
मन घर आँगन ...!!
और ....
हर्ष से भर गया है जीवन ...

कितनी शक्ति  है ..
इन सूखे हुए पुष्पों में भी ...
सूख कर भी महकाते हैं ....
चितवन ....
चमक जाते हैं नयन ...!!
उठा कर जहाँ भी रख दूँ..
ये बांस की टोकरी .....
खुशबू से भर भर देती है ... ...
मन घर आँगन ....!!

50 comments:

  1. ये टोकड़ी सदा ही भरी रहे..लबालब!
    शुभकामनाओं सहित,
    सादर

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  2. फूलों का सुवासित सानिंध्य और सुवासित भावनाएं ...

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  3. काश, बाँस की टोकरी सदा ही लबालब भरी रहे, मधुर स्मृतियों से।

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  4. ये बांस की टोकरी .....
    खुशबू से भर भर देती है ... ...
    मन घर आँगन !!

    ........बहुत सच कहा है बेहतरीन प्रस्तुति...आभार

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  5. ऐसी बांस की टोकरी...और सूखे फूल और पंख्ररियाँ शायद सब के पास होतीं हैं ना???

    सुंदर भाव अनुपमा जी.
    सस्नेह.

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  6. जी खुशबू यहाँ तक आ रही है...:-)
    बहुत ही सुन्दर...सुकून भरा आभास कराती
    अत्यंत सुन्दर रचना...:-)

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  7. अतीत की महक और बीते पलों के रंगों से भरी हुई बांस की टोकरी..अति सुन्दर!!

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  8. खुशबू हूँ मैं फूल नही हूँ जो मुरझाऊंगा....
    जब जब मौसम लहराएगा, मैं आ जाऊंगा...

    यही हैं यादें.... सुंदर रचना....
    सादर।

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  9. ये बांस की टोकरी .....
    खुशबू से भर भर देती है ... ...
    मन घर आँगन ....!!

    मन मोहक सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,

    MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,

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  10. सार्थक बिंब है, सूखे फूल और बांस की टोकरी!! सारगर्भित अभिव्यक्ति!!

    निरामिष: शाकाहार संकल्प और पर्यावरण संरक्षण (पर्यावरण दिवस पर विशेष)

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  11. सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,

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  12. बहुत खुबसूरत सारगर्भित यादों की टॊकरी .......सुन्दर अभिव्यक्ति..अनुपमा जी

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  13. बस यही कामना है कि इसकी यही उपयोगिता बची रहे, बनी रहे।

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  14. कितनी शक्ति है ..
    इन सूखे हुए पुष्पों में भी ...
    सूख कर भी महकाते हैं ....
    चितवन ....
    चमक जाते हैं नयन ...!!
    उठा कर जहाँ भी रख दूँ..

    क्या खूब लिखा है आपने ....
    अति सुंदर खुशबू बिखेरती हुई रचना ...
    बधाई !!

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  15. कितनी शक्ति है ..
    इन सूखे हुए पुष्पों में भी ...
    सूख कर भी महकाते हैं ....
    चितवन ....

    गहरी बात....उत्कृष्ट अभिव्यक्ति

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  16. मिठास का बोध तो अपना ही होता है। वह बचा रहे,तो पुष्पहीन वृक्ष भी सुगंधित महसूस होता है।

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  17. बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति

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  18. साधु-साधु

    उम्दा

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  19. खूबसूरत यादों की टोकरी , सूखे फूलों से सजकर भी खूबसूरत ही रही !
    मीठी सी लगी !

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  20. स्मृतियाँ .........कितना बड़ा योगदान होता है जीवन में इनका ......सुन्दर अभिव्यक्ति

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  21. जीवन रुपी बांस की टोकरी और महकती यादें ...बस सुरभित रखें जीवन

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  22. ये बांस की टोकरी .....
    खुशबू से भर भर देती है ... ...
    मन घर आँगन ....!!
    ...
    पुष्पों की तारीफ करूँ या उन पुष्पों को चुनने वाले की
    प्रणाम दी !

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  23. बहुत सुंदर भाव...स्मृतियाँ खुशबू से भर दें इसका अर्थ है अतीत मधुर था..वर्तमान मधुर हो ही गया इसका अर्थ है भावी भी सुखमय है...बोध कराती सुंदर कविता !

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  24. यादों के सूखे फूल...
    और ये लबालब भरी ...
    बांस की टोकरी ...
    अहा ...खुशबू से आच्छादित ...
    मन घर आँगन ...!!

    ....यादों से भरी खुश्बू फैलाती टोकरी...और क्या चाहिए जीवन में..बहुत सुन्दर रचना...

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  25. बेहद खुबसूरत रचना
    अरुन =arunsblog.in

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  26. यादों के सूखे फूल...
    और ये लबालब भरी ...
    बांस की टोकरी ...
    अहा ...खुशबू से आच्छादित ...
    मन घर आँगन ...!!

    हर्ष से भर गया है जीवन ...

    Very impressive.

    .

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  27. अहा! बांस की टोकरी और सूखे फूलों में जीवन्तता की तलाश करती सार्थक रचना अनुपमा जी - खुद का यह शेर याद आया -

    करते हैं श्रृंगार ईश का समय से पहले तोड़ सुमन
    जो सड़कर बदबू फैलाए मुझको बहुत अखरता है
    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    http://www.manoramsuman.blogspot.com
    http://meraayeena.blogspot.com/
    http://maithilbhooshan.blogspot.com/

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  28. bahut hi badhiya prastuti
    waqi jivan ko aanad se bharna hai sukh -dukh dono ko hi barabar samjhna hoga .
    tabhi to jivan yun hi mahkta rahega baans ki tokari v sukhe pushhpon ki tarah
    bahut hi prerak ----
    poonam

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  29. बांस की टोकरी बहुत पसंद आई।

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  30. लाजवाब । मेर नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  31. सुखद स्मृतियाँ वर्तमान को भी आनद दायक बनाती है . मनभावन कविता

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  32. यादों के सूखे फूल...
    और ये लबालब भरी ...
    बांस की टोकरी ...
    अहा ...खुशबू से आच्छादित ...
    मन घर आँगन ...!!
    अति उत्तम बहुत ही सुन्दर आपकी लेखनी का जवाब नहीं
    आपका बहुत बहुत अभिनन्दन अप मेरे ब्लॉग पे आये और अपने मेरा होसला बढाया

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  33. बांस की टोकरी ....लबा-लब एहसासों से भरी ....

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  34. बांस की टोकरी बहुत ही महत्वपूर्ण है उसके बाद इसकी खुशबू ! सौन्दर्यमयी भावपूर्ण कविता !

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  35. कितनी शक्ति है ..
    इन सूखे हुए पुष्पों में भी ...
    सूख कर भी महकाते हैं ....
    चितवन ....
    चमक जाते हैं नयन ...!!
    उठा कर जहाँ भी रख दूँ..
    खुबसूरत पंक्तियाँ

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  36. सुंदर अभिव्यक्ति........हर्षित जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं,

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  37. आप सभी गुणी जनों का ह्रिदय से आभार ...आपने बांस की टोकरी पसंद की ....!!

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  38. ये बांस की टोकरी .....
    खुशबू से भर भर देती है ... ...
    मन घर आँगन ....!!

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  39. बहुत सुन्दर चित्रमय प्रस्तुति .फूलों का होना अपने आप में एक खूब सूरती है कुछ व्यक्तियों की उपस्तिथि भी माहौल को सौन्दर्य दे जाती है .
    जैसे ये -
    ये बांस की टोकरी .....
    खुशबू से भर भर देती है ... ...
    मन घर आँगन ....!!

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  40. बाँस की टोकरी पंखुड़ियों से भर ली और मन सुगंध से भर गया. सुंदर अहसास की रचना.

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  41. खुशबू से आच्छादित हो रहा है मन और फिजायें..हार्दिक शुभकामनाएं..

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  42. वाह! सुन्दर मनभावन प्रस्तुति.
    बांस टोकरी के सूखे फूलों की खुशबू
    का अहसास हो रहा है.

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!