नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

20 June, 2015

तुझ से ही हूँ मैं .....!!

तुझ से ही हूँ मैं,
तेरे दो आंसू
मेरी वेदना का समुंदर !!
 तेरा हँसना ,
समग्र सृष्टि का होना है !!
आँगन में तेरा होना
समग्र सृष्टि का खिलना है !!
ह्रदय में तेरा होना ही मेरी सम्पूर्णता है !!
हाँ .....तुझ से ही हूँ मैं !!

12 comments:

  1. बहुत खूबसूरत कविता

    ReplyDelete
  2. आपकी इस पोस्ट को शनिवार, २० जून, २०१५ की बुलेटिन - "प्यार, साथ और अपनापन" में स्थान दिया गया है। कृपया बुलेटिन पर पधार कर अपनी टिप्पणी प्रदान करें। सादर....आभार और धन्यवाद। जय हो - मंगलमय हो - हर हर महादेव।

    ReplyDelete
    Replies
    1. तुषार रस्तोगी जी ह्रदय से आभार आपने मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन पर लिया !!

      Delete
  3. सुन्दर भावमय रचना ...

    ReplyDelete
  4. ऑसू ,हंसी,का अनूठा जुडाव कविता की चेतना हैं ।बधाई ।

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!