नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

31 March, 2015

लीला धरते शब्द लीलाधर .....!!

लीला धरते शब्द लीलाधर .....!!

कभी जुलाहा बन
बुनते अद्यतन मन ....
समय  से जुड़े ,
बनाते  विश्वसनीय सेतु,


कभी खोल गठरी कपास की
बिखरे तितर बितर,
चुन चुन फिर सप्त स्वर,
शब्द उन्मेष
गाते गुनगुनाते,
बुनते धानी  चादर
गुनते जीवन
अद्यतन मन.......!!

शब्द फिर सहर्ष अभिनंदित,
स्वाभाविक स्वचालित,
सुलक्षण सुकल्पित,
रंग भरते मन
पुलक आरोहण ,
मनाते उत्स
रचते सत्व ,
लीला धरते शब्द लीलाधर .....!!

13 comments:

  1. जीवन के शब्द-शब्द में चमत्कार, सम्मोहन व आनंद है। सुन्दर भाव संयोजन।

    ReplyDelete
  2. मन कवि हो तो शब्द प्राण बन जाते हैं. जब-तब आनंद का निर्माण कर जाते हैं. आह्लादित करती है यह रचना.

    ReplyDelete
  3. वाह ! बहुत सुंदर भाव और उतने ही सार्थक शब्द बिम्ब...

    ReplyDelete
  4. अन्तर्राष्ट्रीय नूर्ख दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (01-04-2015) को “मूर्खदिवस पर..चोर पुराण” (चर्चा अंक-1935 ) पर भी होगी!
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  5. Nice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us. Government Jobs.

    ReplyDelete
  6. Nice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us. Government Jobs.

    ReplyDelete
  7. वाह बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  8. शब्द और ध्वनि ... जीवन और सुजान अवस्था को माया लोग में खींच ले जाते हैं ... पता नहीं ये लीलाधर की लीला है या कुछ और ...

    ReplyDelete
  9. शब्द और भाव का सुंदर संगम

    ReplyDelete
  10. लीला धरते शब्द लीलाधर ...वाह!!

    ReplyDelete
  11. शब्दों को बोलते देर नहीं लगी जब लीलाधर की माया हो ..
    बहुत सुन्दर रचना ...

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर रचना ...

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!