दाना चुगती ...
चिड़िया भर लाती ...
अनोखे शब्द ....
उडती जाऊं ...
खलिहान पहुँचूं......
शब्द समेटूं ....
बीन बटोर .....
शब्द शब्द कुमुद ...
गुंथी है माला ...
शब्द तिनके ...
बीन लाई हूँ जैसे ...
सजे सृजन ..
नीड़ बनाऊँ ....
बीन बटोर लाऊँ ...
शब्द सजाऊँ ...
अर्पण करूँ ....
प्रभु तुमरे द्वार ....
शब्द संसार .....
शब्दों से प्रभु ...
सजादो मेरा मन ....
कविता खिले ...
शब्द की कथा ....
बने मन की व्यथा ....
भावना बहे ....
मन की व्यथा ...
बूँद सी कोरों पर ...
बनी सविता
व्यथा मुखर ....
शब्द हुए प्रखर .....
काव्य निखर .....
चिड़िया भर लाती ...
अनोखे शब्द ....
उडती जाऊं ...
खलिहान पहुँचूं......
शब्द समेटूं ....
बीन बटोर .....
शब्द शब्द कुमुद ...
गुंथी है माला ...
शब्द तिनके ...
बीन लाई हूँ जैसे ...
सजे सृजन ..
नीड़ बनाऊँ ....
बीन बटोर लाऊँ ...
शब्द सजाऊँ ...
अर्पण करूँ ....
प्रभु तुमरे द्वार ....
शब्द संसार .....
शब्दों से प्रभु ...
सजादो मेरा मन ....
कविता खिले ...
शब्द की कथा ....
बने मन की व्यथा ....
भावना बहे ....
मन की व्यथा ...
बूँद सी कोरों पर ...
बनी सविता
व्यथा मुखर ....
शब्द हुए प्रखर .....
काव्य निखर .....
मनभावन हाइकू..शब्द शब्द बिखरते हुए..
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (16-07-2017) को "हिन्दुस्तानियत से जिन्दा है कश्मीरियत" (चर्चा अंक-2668) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना को शामिल करने हेतु सादर आभार आदरणीय शास्त्री जी !
Deleteलाजवाब हाईकू, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteहर हाइकु
ReplyDeleteनिखर निखर के
शब्द समेटे .
वाह दी सुंदर प्रशंसनीय हाइकू !!
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "सात साल पहले भारतीय मुद्रा को मिला था " ₹ " “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteप्रभावी लिंक्स |मेरी रचना को शामिल करने हेतु सादर आभार शिवम् !
Deleteसुंदर हाइकू,फूलों पर ओस की बूँदों से निखरे बिखरे शब्द!
ReplyDeleteप्रभावी लिंक्स |मेरी रचना को शामिल करने हेतु सदर आभार आदरणीय दिग्विजय जी !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु।
ReplyDelete