जीवन यात्रा अनवरत ...चलता चल ॥...रे मन ....!!
आँख मूँद लेने से निशा नहीं होती ...
न ही पलक खोलने से प्रात का दिव्य स्पर्श होता है ....
समय के साथ ही हर रात की प्रात होती है ...
शाश्वत सत्य को समेटे ......
अहर्निश अपने निर्धारित मार्ग पर चलती प्रकृति .....
भावना को रूप देती ...
शब्द को स्वरूप देती ....
आस्था को मान देती प्रकृति ....
जेठ की दुपहरी में भी ....
घनी छांव देती प्रकृति ....!!
निर्लिप्त विस्तृत ....नील वितान ....
नीले आसमान की ....
इस सुरमई साँझ के मौन में ....
बैलों की घंटी सी .....
मन को विश्रांति देती प्रकृति ......
पतझड़ के झड़ने में ......
मन के भटकने में ......
नीरव से एकांत में.....
कोई आहट सी ...
पत्तों की सरसराहट सी ...
मारवा सी राग गाती प्रकृति....
पतझड़ में भी मन वीणा को-
संवेदना के तार देती प्रकृति ...
हर भावना को रूप देती प्रकृति.....
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प्रकृति की गोद मेँ हर पल नयी उम्मीद है .......जीवन अग्रसर है ....
नूतन वर्ष सहर्ष .....
रंग और खुशबू लिपटाए ......
आप सभी के जीवन से पतझड़ हर ले जाये ....
बसंत ही बसंत लाये ....
नवल हर्ष ...नवल पुष्प लाये ............
धरा खिली ...अंजुरी भर पंखुरी ..... ...गणनायक के गुण गाये .....
आप सभी को नूतन वर्ष की मंगलकामनाएं ........
नव-वर्ष की हादिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteप्रकृति की गोद मेँ हर पल नयी उम्मीद है
ReplyDelete................................
बेहद ही खूबसूरत रचना
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
prakriti ko shabdo me utaar diya aapne :)
ReplyDeleteसुना था इक्कीस दिसम्बर को धरती होगी खत्म
पर पाँच दिन पहले ही दिखाया दरिंदों ने रूप क्रूरतम
छलक गई आँखें, लगा इंतेहा है ये सितम
फिर सोचा, चलो आया नया साल
जो बिता, भूलो, रहें खुशहाल
पर आ रही थी, अंतरात्मा की आवाज
उस ज़िंदादिल युवती की कसम
उसके दर्द और आहों की कसम
हर ऐसे जिल्लत से गुजरने वाली
नारी के आबरू की कसम
जीवांदायिनी माँ की कसम, बहन की कसम
दिल मे बसने वाली प्रेयसी की कसम
उसे रखना तब तक याद
जब तक उसके आँसू का मिले न हिसाब
जब तक हर नारी न हो जाए सक्षम
जब तक की हम स्त्री-पुरुष मे कोई न हो कम
हम में न रहे अहम,
मिल कर ऐसी सुंदर बगिया बनाएँगे हम !!!!
नए वर्ष मे नए सोच के साथ शुभकामनायें.....
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http://jindagikeerahen.blogspot.in/2012/12/blog-post_31.html#.UOLFUeRJOT8
प्रकृति की गोद मेँ हर पल नयी उम्मीद है .......जीवन अग्रसर है ....
ReplyDeleteनूतन वर्ष सहर्ष .....
भावविभोर करते शब्द ... अनुपम शब्दों का संगम
शुभ दिन के साथ अनंत शुभकामनाएं
सादर
प्राकृतिक हरीतिमा सी भावनाएं शुभकामनायें लिए .......... हर कामना फलीभूत हो
ReplyDeleteबहुत खूब..
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक बधाई !!!
नव वर्ष 2013 की बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteअच्छी रचना
ReplyDeleteनया वर्ष आपके लिए बहुत बहुत मंगलमय हो
बहुत ही अच्छी लगी ..नव वर्ष की समस्त शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteप्रकृति को समर्पित नववर्ष पर एक बेहतरीन रचना!!
ReplyDeleteFresh and beautiful poem.
ReplyDeleteWish you and your family a very happy new year.
आपकी इतनी सुन्दर, मधुर, सुरीली शुभकामनाएं आज की सुबह को पुलकित व आनंदित कर गयीं अनुपमा जी ! नव वर्ष की आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteप्रकृति के विभिन्न उपादानों के समेटे कवित के भाव अच्छे लगे।
ReplyDeleteनूतन वर्ष की मंगलकामनाएं।
सुन्दर रचना. ताज़ा कर गया मन.प्रकृति का निर्मल एहसास दे गया. नव वर्ष की शुभकामनायें.
ReplyDeleteबहुत उम्दा श्रृजन,,,,भावना को रूप देती ...
ReplyDeleteशब्द को स्वरूप देती ....
आस्था को मान देती प्रकृति ....
जेठ की दुपहरी में भी ....
घनी छांव देती प्रकृति ....!!
प्रकृति नित नूतन......आपको भी नव वर्ष की हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteफूलों की सुन्दर पंखुरियों से खिले शब्द... मनभावन रचना... आपको भी नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनायें
ReplyDeleteप्रकृति की गोद मेँ हर पल नयी उम्मीद है .......जीवन अग्रसर है ....
ReplyDeleteनूतन वर्ष सहर्ष .....
रंग और खुशबू लिपटाए ......
आप सभी के जीवन से पतझड़ हर ले जाये ....
बसंत ही बसंत लाये ....
नवल हर्ष ...नवल पुष्प लाये ............
धरा खिली ...अंजुरी भर पंखुरी ..... ...गणनायक के गुण गाये .....
आपको भी नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनायें
आँख मूँद लेने से निशा नहीं होती..
ReplyDeleteधरा खिली ...अंजुरी भर पंखुरी
बहुत ही सुन्दर! आपको भी शुभकामनाएं!
सादर
मधुरेश
प्रकृति की गोद में निशंक हो सो जाएँ
ReplyDeleteजब जी उदास हो उस से बतिया लें...सुंदर भाव ! आपको भी नव वर्ष मुबारक हो..
प्यारी सी रचना...
ReplyDeleteसुन्दर सी भावना....
पूर्ण हो हर कामना......
नववर्ष मंगलमय हो अनुपमा जी...
सस्नेह
अनु
प्रकृति का कितना सुन्दर सौम्य वर्णन ...:)
ReplyDeleteप्रकृति का कितना सुन्दर सौम्य वर्णन ...:)
ReplyDeleteप्रकृति के रूप में जीवन को सराबोर करती सुंदर रचना
ReplyDeleteअदभुत--बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
nav varsh me nav kamal ke tahrah khile raho!!!!!
ReplyDeletebahut bahut badhaie......
nav varsh me nav kamal ke taherah khile raho!!!sunder kavita aur nav varsh ke bahut bahut badaie,,,,,
ReplyDeleteबहुत आभार आप सभी का .....नव वर्ष की शुभकामनाओं के लिए ....
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