आज शुभ प्रभात ...आया ..
नव वर्ष नवल नील रस लाया ....
रोम-रोम कैसा हुलसाया ...
जब जागा मन ...
अब लागा मन ..!
नील रस भर-भर लाया ...
आज शुभ प्रभात आया ...!!
जागृत हुई आस ..
प्रभु ..आज तुम आस-पास ...
दिखते हो हर दृश्य में ..
बसते हो मेरे भीतर भी ....
जागृत चेतना में ...!!
मेरी भावनाओं में ...!!
देख सकती हूँ मैं तुम्हे ...
अपने समक्ष ..
अपने चहुँ ओर ..
प्रशांत ..प्रखर ....प्रत्यक्ष
सुदूर प्रचार प्रसार ..में ..
दिव्य अनुभूति देते हुए ...
ऐसे दिव्य दर्शन में .....
सुलभ कराते हुए
अलभ्य प्रतिभा में .. ..!
जब नील अम्बर पर ..
उड़ते पंछी ..
झूम कर ...गाते जयजयवंती ......
पोर-पोर ,भीग-भीग बरसे ..
नील सुर धार धरा पर ..!!
रास रचें ....रसना ..!!
मन रमे ..रचें ..मन ..रचना ..!!
डूबकर ले .. लेकर ..
नूतन नील रस धार ..!!
नील ..श्याम वर्ण हुआ मन ...!!
नीलिमा की ...
कुसुम की ..
रस की ....
आई ,छाई नील नील बहार ...!!
आज एक रंग में ..
रंगा सृजन है ....
अचरज से भरा ...
घिरा ..ये मन है ...!!
कैसे उड़-उड़ कर पाखी ...
आसमान में ..
ले-लेकर ..
नील व्योम रंगधारा..
चहके चातक का सुर .. रिषभ...
और ..बहे पाखी सुरधारा..
गुनती जाती भावधारा ..
अभिव्यक्त करती जीवनधारा ..
किलक हो ... बजता मन इकतारा ....
जब रस की छाई ऐसी ..
नूतन नील-नील बहार ..
मगन मन प्रभु मे लागा ......
मन लागा ..
प्रभु कृपा से ..नील वर्ण चंद्रमुखी ...!! |
आज राग विभास गुन -गुन गाया ...
ऐसा .. शुभ प्रात ...आया ..!!
*चातक पक्षी का सुर रिषब(रे) होता है ..!
*जयजयवंती -एक राग का नाम है .
*विभास-राग का नाम है .
बृहद अरण्यक उपनिषद् से ...
''ॐ असतो मा सद्गमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मा अमृतं गमय ......!!''
प्रभु से यही प्रार्थना करते हुए ..
आप सभी को नव वर्ष ''2012'' की ढेरों शुभकामनायें...!!
नीलमय आकाश की नीलिमा सबके लिये मंगलमय हो।
ReplyDeleteनव-वर्ष आपको व आपके समस्त परिवार के लिये मंगलकारी हो इसी शुभकामना के साथ।
ReplyDeleteअवश्य पढ़ियेगा... आज की ताज़ा रंगों से सजीनई पुरानी हलचल बूढा मरता है तो मरे हमे क्या?
आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteकृष्ण का रंग भी नीला है.. अम्बर नीला है.. कमल भी नीला है.. आपने नीले रंग की कैसी छटा बिखेरी है आज साल के पहले दिन... शांति का प्रतीक नीलवर्ण सभी के लिये सुखमय हो...
ReplyDeleteनव वर्ष की असीम शुभकामनाये आपको और आपकी समर्थ लेखनी को .
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
ReplyDeleteतेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
बहूत सुंदर रचना है...
ReplyDeleteनववर्ष कि शुभकामनाये.....
A very happy new year di :-)
ReplyDeleteप्यारे भाव, प्यारी कविता।
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
nav varsha ke swagat main ati sunder rachna !!! prakriti ke anginat rango ko bikherti adbhut shabdawali main bhor ka varnan kya khub kiya hai !!! nav varsha ki bahut baht badhai !!!
ReplyDeleteसुमन आप चाहें तो मेरे ब्लॉग से ही हिंदी में लिख सकतीं हैं ....मैंने आपका कमेन्ट हिंदी में लिख दिया है ...
ReplyDeleteनव वर्ष के स्वागत में अति सुंदर रचना !!! प्रकृति के अनगिनत रंगों को बिखेरती अद्भुत शब्दावली में भोर का वर्णन क्या खूब किया है !!! नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई !!!
नव वर्ष की शुभकामनाएं .
ReplyDeleteजागृत हुई आस ..
ReplyDeleteप्रभु ..आज तुम आस-पास ...
दिखते हो हर दृश्य में ..
बसते हो मेरे भीतर भी ....
जागृत चेतना में ...!!
मेरी भावनाओं में ...!!
जय हो ... जय हो...
अनुपमा जी आपकी जय हो.
अनुपम भक्तिरस से ओतप्रोत प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
बहुत बहुत शुभकामनाएँ जी.
आपको नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
ReplyDeleteनववर्ष का स्वागत करती सदा की तरह अनुपम रचना | नीली आभा से वर्णित नए वर्ष का अभिनन्दन है ,मानों इन्द्रधनुष धरा पर उतर आया हो |
ReplyDeleteनव वर्ष का स्वागत करती सुंदर रचना,...
ReplyDeleteनया साल सुखद एवं मंगलमय हो,..
आपके जीवन को प्रेम एवं विश्वास से महकाता रहे,
मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--
बहुत प्यारी रचना..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति...
नव वर्ष की इन्द्रधनुषी शुभकामनाये आपके लिए...
आपको नव वर्ष 2012 की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
ReplyDeleteसादर
नील ..श्याम वर्ण हुआ मन ...!!
ReplyDeleteनीलिमा की ...
कुसुम की ..
रस की ....
आई ,छाई नील नील बहार ...!!
नूतन वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाए ...
सुन्दर रचना के लिये बधाई एवं नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत नयी आशा नयी मुराद के साथ ये नया साल खुशियों भरा हो|
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें. छलके सुख, समृद्धि का मंगलघट. आये जीवन में आपके हर्ष, उल्लास और खुशियाँ अपार.
ReplyDeleteसादर,
हिमकर
जागृत हुई आस ..
ReplyDeleteप्रभु ..आज तुम आस-पास ...
दिखते हो हर दृश्य में ..
बसते हो मेरे भीतर भी ....
जागृत चेतना में ...!!
मेरी भावनाओं में ...!!
सार्थक व प्रेरणात्मक अभिव्यक्ति ... नववर्ष की अनंत शुभकामनाएं ।
nav varsh ,nav prabhat, nav vichar liya naveen sunder kavita, sunder chitro ke sath. Nav varsh apke aur apke pariwar ke liya ati mangalmay ho.
ReplyDeleteप्रभु ..आज तुम आस-पास ...
ReplyDeleteदिखते हो हर दृश्य में ..
बहुत ही खुबसूरत..... सादर बधाई और नूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं
बहूत सुंदर रचना|
ReplyDeleteनववर्ष की अनंत शुभकामनाएं|
यह कविता सिर्फ सरोवर-नदी-सागर, फूल-पत्ते-वृक्ष आसमान की चादर पर टंके चांद-सूरज-तारे का लुभावन संसार ही नहीं, वरन जीवन की हमारी बहुत सी जानी पहचानी, अति साधारण चीजों का संसार भी है। यह कविता उदात्ता को ही नहीं साधारण को भी ग्रहण करती दिखती है।
ReplyDeleteवाह नववर्ष के सुन्दर भाव!!
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनाएँ.
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
ReplyDeleteउम्दा रचना!
कैसे उड़-उड़ कर पाखी ...
ReplyDeleteआसमान में ..
ले-लेकर ..
नील व्योम रंगधारा..
चहके चातक का सुर .. रिषभ...
और ..बहे पाखी सुरधारा..
गुनती जाती भावधारा ..
अभिव्यक्त करती जीवनधारा ..
किलक हो ... बजता मन इकतारा .... अम्बर पनघट से कितने मनोरम दृश्य भर लायी हो -
बहुत सुंदर,प्रस्तुति,..
ReplyDeleteनए वर्ष में आपका मेरे पोस्ट में स्वागत है,
--"नये साल की खुशी मनाएं"--
आभार ...नए साल पर शुभकामनाओं के लिए ....
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