षडज का स्वर ...
दिए की कंपकंपाती लौ सा ...
घंटों ...परिश्रम...
बस षडज पर खड़े रहना ...
और इस कम्पन के
स्थिर होने का इंतज़ार करना.....!!
मूँद कर पलकों को .
चंचल बन ..
लो उड़ चला मन ..
चंचल बन ..
लो उड़ चला मन ..
केसरिया सा .. ...
षडज के शुभ्र मेघ के संग संग ...
आज आई हूँ तुम्हारे देस ..
यहाँ सब शुभ्र..श्वेत ...स्निग्ध है ...
किन्तु चंचल है प्रकृति मेरी ....
जैसे राग देस की ...
बरसों इंतज़ार के बाद ...
छोटा ख्याल और मध्य लय....
अब पहुँच गयी हूँ तुम्हारे आँगन ..
अच्छा लगा इन राहों से गुज़रना ...
थम कर थाम लेना उंगली स्वरों के ...
मन के भावों की ...
रुक कर रोक लेना बहती हुई हवा को ....
सुरों की तरंगों को ...!!
भीग कर भिगो देना
अपने रंग में तुम्हारा अंगना ...
जैसे रंग बिरंगे फूलों पर ..
उड़ती हुई...
सफ़ेद तितलियों को ..
सफ़ेद तितलियों को ..
अपने भावों के स्पर्श से ...
रंग बिरंगा कर दिया है मैंने ....
तुम्हारा मौन बोलता है अब...
तुम्हारा मौन बोलता है अब...
तुम्हारे मन के किसी एक कोने में..
मुझे अपना रंग दिखता है अब ...
और यहाँ पहुँच कर ...
श्वेत कमल......!! |
मेरा मन अब श्वेत है ...सब रंग लिए .......
अपनी झोली में ....!!
हर्षित है मन ..
षडज भी स्थिर है अब ...!!
हर्षित है मन ..
षडज भी स्थिर है अब ...!!
*षडज-सा को शास्त्रीय संगीत में षडज कहते हैं.
*देस- राग का नाम है और इसकी प्रकृति चंचल है इसलिए उपशास्त्रीय संगीत में इसका बहुत उपयोग होता है ।चंचल प्रकृति होने के कारण ....शास्त्रीय संगीत मैं मध्य लय की बंदिशें ही हैं ।
*देस- राग का नाम है और इसकी प्रकृति चंचल है इसलिए उपशास्त्रीय संगीत में इसका बहुत उपयोग होता है ।चंचल प्रकृति होने के कारण ....शास्त्रीय संगीत मैं मध्य लय की बंदिशें ही हैं ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचन लगी .अनुपमा जी
ReplyDeleteWELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
आपकी रचनाएं इन दिनों नई ऊंचाइयां छू रही हैं। संगीत के क्षेत्र से बिम्बों का अद्भुत प्रयोग मैंने पहली बार कविताओं में पाया है।
ReplyDeleteमेरा मन अब श्वेत है ...सब रंग लिए .......
ReplyDeleteकितने ही अर्थ उगते हुए से इस एक पंक्ति से!
बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति!
base ho sab rang jis ke rang mein
ReplyDeletekhushkismat hotaa
मन श्वेत और स्थिर .... सुंदर बिम्ब और गहरे भाव
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को गणतन्त्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - गणतंत्र दिवस विशेष - जय हिंद ... जय हिंद की सेना - ब्लॉग बुलेटिन
सुंदर रचना।
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....
जय हिंद... वंदे मातरम्।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteमेरा मन अब श्वेत है ...सब रंग लिए .......
ReplyDeleteअपनी ओली में ....!!
हर्षित है मन ..
षडज भी स्थिर है अब ...!!... मन को स्थिरता देती रचना
बेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
ReplyDelete----------------------------
कल 27/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत आभार यशवंत ...
Deleteभीग कर भिगो देना
ReplyDeleteअपने रंग में तुम्हारा अंगना ...
जैसे रंग बिरंगे फूलों पर ..
बेहद सुन्दर भाव लिये बेहतरीन कविता
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........
अर्थपूर्ण एवं सार्थक अभिव्यक्ति.......
ReplyDeleteकृपया इसे भी पढ़े-
क्या यही गणतंत्र है
एक नया लोक बनाती ,हमें डुबाती-उतराती आपकी रचनाएँ विचार-शून्य की स्थिति में ले आती है..जो की अच्छा लगता है..
ReplyDeleteसहज ,स्थिरता लिए हुए शान्ति प्रदान करती एक भावपूर्ण अभिव्यक्ति...अभार
ReplyDeleteमन के भावो बताती सुन्दर अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteमन के कम्पन स्थिर कर लेना, उसमें जीवन का प्रकाश ढूढ़ लेना, कुछ श्वेत सा...
ReplyDeleteअत्यन्त सारगर्भित अभिव्यक्ति...
मेरा मन अब श्वेत है ...सब रंग लिए .......
ReplyDeleteअपनी ओली में ....!!
हर्षित है मन ..
षडज भी स्थिर है अब ...!!
गहन,सुंदर भावाभिव्यक्ति।
एक संगीतज्ञ की भावाव्यक्ति...मधुर लगी..
ReplyDeleteसुन्दर भाव संयोजन ।
ReplyDeleteगहरे भाव।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति।
अनुपमा जी, आपकी आज की यह पोस्ट देखकर मन में कितने भावों का जन्म हो रहा है... शब्द, चित्र, और संगीत का ज्ञान आपकी कविताओं को एक नया रंग देता है, मन श्वेत हुआ...यह पंक्ति अनुपम है, बधाई!
ReplyDeleteआपके इस उत्कृष्ठ लेखन के लिए आभार ।
ReplyDeleteसुमधुर सुरमयी रचना!
ReplyDeleteवसंत पंचमी की शुभकामनाएं!
सुन्दर कविता और सुन्दर चित्र भी|
ReplyDeleteWelcome to www.funandlearns.com
ReplyDeleteYou are welcome to Fun and Learns Blog Aggregator. It is the fastest and latest way to Ping your blog, site or RSS Feed and gain traffic and exposure in real-time. It is a network of world's best blogs and bloggers. We request you please register here and submit your precious blog in this Blog Aggregator.
Add your blog now!
Thank you
Fun and Learns Team
www.funandlearns.com
सभी का ह्रदय से आभार ....!!
ReplyDeleteमन को विभोर करती, सुन्दर कविता
ReplyDelete