नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

20 December, 2011

कुछ मुस्काने की बात करो .....!!

चलते चलते इन राहों पर ...
 कुछ रुकने की भी बात करो..
तूफानों का मौसम है ..
कुछ थमने की भी बात करो ...!

चुप चुप से क्यों बैठे हो ...
खुशियों का तराना छेड़ भी दो ..
अंदाज़ ए बयाँ अब बदलो भी .. ..
ये बुत सा नखरा छोड़ भी दो ..!

आओ कुछ गाठें  खोल भी दें ...
कुछ मन की बातें बोल भी लें ..

भूलें-बिसरें बीती बातें ...
वो सोच में डूबी सी रातें ..!

यादें  मन को जो देतीं शूल...
एक पल में उनको जाएँ भूल...


ये मौन धरा का देता है ....
झींगुर की सुमधुर तान छेड़ ..
नदिया की कल-कल देती है ..
सुर को एक सुंदर ताल मेल...!

कुछ लहरें .. लेकर लहरों  से
ये पवन दीवाना  बहता  है ..
लहर-लहर लहराए यहाँ ...
है आज यहाँ ,कल  जाये कहाँ ..
हमसे-तुमसे ये  कहता  है ..!


हम साथ जो ऐसे बैठे हैं ..
यही आज ख़ुशी का है अवसर .. ..
वो गीत मेरे जो तुम से हैं ...
वो प्रीती मेरी जो तुमसे है ..
वही  राग पुराना  छेड़ो भी ..
कुछ मुस्काने की  बात करो .....!!

चलते चलते इन राहों पर..
कुछ रुकने की भी बात करो ......!!!!

40 comments:

  1. ये मौन धरा का देता है ....
    झींगुर की सुमधुर तान छेड़ ..
    नदिया की कल-कल देती है ..
    सुर को एक सुंदर ताल मेल...!

    बहुत सुंदर ...मुस्काने की बात होगी तो राहें और आसान हो जायेंगीं.....

    ReplyDelete
  2. क्या बात है, बहुत सुंदर



    आओ कुछ गाठें खोल भी दें ...
    कुछ मन की बातें बोल भी लें ..

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर गीत ...

    चलते चलते इन राहों पर..
    कुछ रुकने की भी बात करो ....

    आज भाग दौड की ज़िंदगी हो गयी है ... बैठा कर आराम से बात भी नहीं होती ..

    ReplyDelete
  4. बैठ कहीं एकान्त अन्त में हम जीवन प्रारम्भ करें अब..

    ReplyDelete
  5. आओ कुछ गाठें खोल भी दें ...
    कुछ मन की बातें बोल भी लें ..
    बहुत सही ...

    ReplyDelete
  6. Waah ...!!
    Sunder rachna sukh ki anubhuti ke saath.

    Bahut aabhaar. . . !!

    ReplyDelete
  7. भावों से नाजुक शब्‍द......बेजोड़ भावाभियक्ति....

    ReplyDelete
  8. चलते चलते इन राहों पर ...
    कुछ रुकने की भी बात करो..
    तूफानों का मौसम है ..
    कुछ थमने की भी बात करो ...!
    वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।

    ReplyDelete
  9. बहुत बहुत सुन्दर..

    वो गीत मेरे जो तुम से हैं ...
    वो प्रीती मेरी जो तुमसे है ..

    बहुत प्यारी रचना.

    ReplyDelete
  10. चुप चुप से क्यों बैठे हो ...
    खुशियों का तराना छेड़ भी दो ..
    अंदाज़ ए बयाँ अब बदलो भी .. ..
    ये बुत सा नखरा छोड़ भी दो ..!
    बहुत सुंदर रचना है.

    ReplyDelete
  11. बहुत सुन्दर गज़ब के अहसास और लय.

    ReplyDelete
  12. बहुत खूबसूरत पोस्ट|

    ReplyDelete
  13. बहुत अच्छी प्रस्तुति

    Gyan Darpan
    .

    ReplyDelete
  14. अनुपमा जी,...सुंदर लयकारी से बनी भावपूर्ण खुबशुरत रचना,..
    बेहतरीन प्रस्तुति,....बधाई

    मेरी नई पोस्ट के लिए काव्यान्जलि मे click करे

    ReplyDelete
  15. खूबसूरत अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  16. han bas ek baar ye naaz..nakhron ki dewaar hat jaye to baaki sab apne aap ho jayega.

    sunder abhivyakti.

    ReplyDelete
  17. आओ कुछ गाठें खोल भी दें ...
    कुछ मन की बातें बोल भी लें ..
    vah Anupama ji sadar badhai ...

    ReplyDelete
  18. "हम साथ जो ऐसे बैठे हैं ,
    यही आज खुशी का अवसर है "पंक्ति बहुत अच्छी लगी
    बहुत भाव पूर्ण रचना |
    आशा

    ReplyDelete
  19. bahut hi marmsparshi rachna****** badhai

    ReplyDelete
  20. सुन्दर भाव संयोजन्।

    ReplyDelete
  21. ये मौन धरा का देता है ....
    झींगुर की सुमधुर तान छेड़ ..
    नदिया की कल-कल देती है ..
    सुर को एक सुंदर ताल मेल...!

    बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ।


    सादर

    ReplyDelete
  22. हम साथ जो ऐसे बैठे हैं ..
    यही आज ख़ुशी का है अवसर .. ..
    वो गीत मेरे जो तुम से हैं ...
    वो प्रीती मेरी जो तुमसे है ..
    वही राग पुराना छेड़ो भी ..
    कुछ मुस्काने की बात करो .....!!

    वाह बहुत खूब... आज मुस्काने और गाने की ही जरूरत है..बहुत सुंदर गीत!

    ReplyDelete
  23. Bahut hi sundar prastuti.....

    Muskane ki baat karo....kya baat hai...behtareen

    ReplyDelete
  24. बहुत ही खूबसूरत रचना....
    वाह.... सादर बधाई ...

    ReplyDelete
  25. बहुत सुन्दर खूबसूरत गीत ...

    ReplyDelete
  26. ते चलते इन राहों पर ...
    कुछ रुकने की भी बात करो..
    तूफानों का मौसम है ..
    कुछ थमने की भी बात करो .....sach hai jindagi me kuch samay rukna jaruri hai..aakhir ham dharti par aaye kyun hain..bahut he acchi rachna..sadar badhayee aaur amantran kesath

    ReplyDelete
  27. namste Anupmaji, sarvda anupam he aapki rachnayen jab bhi padho aek nya bha samjha jati haen aap..

    ReplyDelete
  28. चलते चलते इन राहों पर..
    कुछ रुकने की भी बात करो ......!!!!
    बहुत सुंदर रचना ...

    ReplyDelete
  29. ज़बरदस्त भावों से लबरेज़.

    ReplyDelete
  30. बहुत सुन्दर भाव... सुंदर रचना ...

    ReplyDelete
  31. …………(¯`O´¯)
    …………*./ | \ .*
    …………..*♫*.
    ………, • '*♥* ' • ,
    ……. '*• ♫♫♫•*'
    ….. ' *, • '♫ ' • ,* '
    ….' * • ♫*♥*♫• * '
    … * , • MERRY' • , * '
    …* ' •♫♫*♥*♫♫ • ' * '
    ' ' • . CHRISTMAS . • ' ' '
    ' ' • ♫♫♫*♥*♫♫♫• * ' '
    …………..x♥x
    …………….♥
    My greetings from France! After visiting your blog, I could not leave without putting a comment.
    I congratulate you on your blog!
    Maybe I would have the opportunity to welcome you on mine too!
    My blog is in french, but on the right is the Google translator!
    good day
    cordially
    Chris
    http://sweetmelody87.blogspot.com/
    MERRY CHRISTMAS TO YOU AND YOUR FAMILY
    http://joyeux-noel-sweetmelody.blogspot.com/

    ReplyDelete
  32. ख़ूबसूरत शब्दों से सुसज्जित उम्दा रचना के लिए बधाई!
    क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

    ReplyDelete
  33. चित्र और भाव दोनों एकदूसरे को सार्थकता देते से...

    बहुत ही भावपूर्ण , बहुत ही सुन्दर...

    ReplyDelete
  34. तूफानों के मौसम में थमकर प्यार भरी बातें करना .. आह ..रोमांच से भरती हुई रचना के लिए बहुत -बहुत बधाई..

    ReplyDelete
  35. आपसभी का आभार .....कुछ मुस्काने की बात करो ...पसंद करने के लिए ...एक पल को भी अगर हम मुस्कराहट बाँट सकें ..जीवन सफल हो जायेगा ....
    प्रभु आशीष मिल जायेगा ....!!
    पुनश्च आभार ...!!

    ReplyDelete
  36. आओ कुछ गाठें खोल भी दें ...
    कुछ मन की बातें बोल भी लें ..

    कुछ दिनों से लैपटॉप और नेट की समस्या के कारण
    बहुत सी पोस्ट् पढ़ने से रह गयीं.संगीता जी की
    हलचल से इस पोस्ट पर आने का मौका मिला.

    आपकी सुन्दर बातें मार्गदर्शक और प्रेरणादायी हैं.
    मेरी किसी भी बात का आपको बुरा लगा हो तो क्षमा
    चाहता हूँ.

    मेरी पोस्ट 'हनुमान लीला भाग-२' पर आप नही आ
    पा रही हैं,यदि इसका कारण मेरे से हुई कोई गल्ती
    हो तो कृपया माफ कीजियेगा.मैंने महीने में बस एक ही
    पोस्ट लिखने की सोचा है.उसपर भी यदि आप जैसे नियमित
    और सुधिजन पाठक न आ पायें तो मैं लिखना बंद करना ही
    श्रेयकर समझूंगा.

    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!