नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

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05 March, 2013

तुम आज भी जीवित हो वैसी ही ....हृदय में मेरे ....!!



निष्प्राण .....निस्तेज ....
यूँ ज़मीन पर क्यों पड़ी हो ....???
तुम पत्थर  क्यों हुईं ....?
बोलो न माँ ...

पत्थर  बनी ...ईश्वर स्वरूप ......
अब तुम ही संबल हो मेरा ....
स्थापित मंदिर में मूरत तुम्हारी ....
अनमिट थकान से भरी ...
अब भी  तुम ही से करती हूँ संवाद ...
और पा जाती हूँ ...
जीवन की हर अनबूझ पहेली का हल ....
जननी मेरी ....तुम ही तो करती हो...
पल पल रक्षा  ....मेरे अस्तित्व की ....मेरे मातृत्व की भी .....
तुम आज भी जीवित हो वैसी ही ...
हृदय में मेरे ....!!





याद आता है ....5 मार्च 2000 .......आज 5 मार्च 2013 ...... माँ की तेरहवीं पुण्यतिथी पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ......!





32 comments:

  1. हम भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं ....

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  2. माँ के लिये विनम्र श्रद्धांजलि ...
    सादर

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  3. चिंता निर्वारणी ...माँ !
    नमन !

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  4. माँ की ही प्रतिछाया हैं हम तो वो हम में ही हैं न.. मेरा भी नमन माँ को.

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  5. हमेशा माँ की यादें जीवित रहती हैं ....मान को विनम्र श्रद्धांजलि

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  6. सशरीर साथ नहीं ....मगर माँ अकेली छोड़ सकती ही नहीं. माँ को विनम्र नमन.

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  7. हरी दूर्वा सी ,छाया बरगद सी ,
    कभी रामायण ,कभी गीता सी
    सदा पावन माँ
    माँ कहीं जाती नहीं हैं
    वो तो हमेशा के लिए
    अपनी बेटियों में समाहित
    हो जाती हैं.....आ.आंटी को मेरे श्रध्हा-सुमन.....

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  8. सादर श्रद्धांजलि

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  9. विनम्र श्रद्धांजलि

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  10. कृतज्ञता सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है... भावपूर्ण कविता

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  11. मां की यादें कभी नही जाती, विनम्र श्रंद्धाजलि.

    रामराम.

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  12. स्मृतियाँ सदा ही बनी रहेंगी, विनम्र श्रद्धांजलि

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  13. माँ और उसकी ममता दोनों अमर है
    विनम्र नमन !

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  14. विनम्र श्रद्धांजलि ...

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  15. हृदय से आभार प्रदीप जी ....!!

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  16. विनम्र श्रद्धांजलि

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  17. अनु....माता पिता की कमी जीवन भर अखरती तो है...पर फिर भी यह अहसास हमेशा जीवित रहता है ..की वे हमारे आसपास ही हैं...हमारी रक्षा कर रहे हैं...दुःख में हमें सांत्वना दे रहे हैं...हमारे सुख से खुश हो रहे हैं...बस यही काफी है

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  18. माँ को नमन ,सच में माँ की जगह कोई नहीं ले सकता|

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  19. माँ हमेशा बच्चों में ही जीवित है और रहेगी
    latest post होली

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  20. माँ को मेरी ओर से भी श्रधांजली और नमन.

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  21. अनुपमा जी, माँ कभी पत्थर जैसी नहीं होती, पूज्या माँ कि स्मृति को नमन..सुंदर भावांजलि !

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    1. अनीता जी आपकी बात समझ कर मैंने सी हटा दिया है ।किन्तु मृत्यु के सोला घंटे
      बाद उनको स्पर्श किया तो यही भाव उमड़े थे ।लगा माँ को नहीं किसी पत्थर को छूआ है !अब वही पत्थर ईश्वर स्वरुप मन में बसता है !!
      बहुत आभार आपका अपने विचार देती रहिएगा ...!!

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  22. माँ ........ रूह होती है
    वह कहाँ जाती है
    पुण्यतिथि में पास आकर छू जाती है
    सबको आशीष दे जाती है

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  23. माँ ........ रूह होती है
    वह कहाँ जाती है
    पुण्यतिथि में पास आकर छू जाती है
    सबको आशीष दे जाती है

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  24. smriti shesh rah jati hai...

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  25. माँ ही शक्ति माँ ही प्रेरणा. माँ को शत-शत नमन और श्रधांजलि!

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!