नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

08 March, 2013

फागुन की ऋतु घर आई .....!!

प्रकृति गाये  मधुवंती ....
और बहार राग ...
हरसूँ ऐसा छिटका ....
फाग के अनुराग का पराग ...

हृदय छंद हुए स्वच्छंद  ....
मंद मंद महुआ की गंध ......
तोड़ती मन तटबंध ....
निशा  रागवन्ती दिवस परागवंत ....
अलमस्त  मधुमास देख  .....
...वनिता लाजवंत ........
 पलाश मन रंग रंगा ...
पुष्प पंखुड़ियों से रंगोली सजाई ...
फागुन की ऋतु  घर आई .....!!

39 comments:

  1. स्वागत ऋतुराज का ..

    ReplyDelete
  2. bahut sundar phagun ki bahar hai.............

    ReplyDelete
  3. सुन्दर और रंगभरा स्वागत..

    ReplyDelete
  4. पलाश मन रंग रंगा ...
    पुष्प पंखुड़ियों से रांगोली सजाई
    वाह ... अनुपम भाव

    ReplyDelete
  5. फागुन ऋतू का रंग भरा स्वागत करती रचना,,,

    Recent post: रंग गुलाल है यारो,

    ReplyDelete
  6. रंग बिखर गए फिजाओं में :)

    ReplyDelete
  7. हृदय छंद हुए स्वछंद ....
    मंद मंद महुआ की गंध ......
    ----------------------
    फाग के अनुराग का सुन्दर चित्रण

    ReplyDelete
  8. alankaro se mukt hoti ja rahi kavita ka punah sunder shringar

    ReplyDelete
  9. मंद मंद महुआ की गंध ......
    तोड़ती मन तटबंध ....
    निशा रागवन्ती दिवस परागवंत ....
    अलमस्त मधुमास देख .....bahut mnmohak varnan ....

    ReplyDelete
  10. वाह...फागुन की ऋतु घर आई...स्वागत है...मधुर शब्दों के संग|

    ReplyDelete
  11. बिखरी पराग गंध ,
    पुलकित है मन ...........
    अनुपम स्वागत......मधुमास का
    साभार..........


    ReplyDelete
  12. बहुत ही सुन्दर रचना। सुन्दर शब्दों से इस ऋतु का सौंदर्य और भी बढ़ गया है ..
    सादर
    मधुरेश

    ReplyDelete
  13. हृदय छंद हुए स्वछंद ....
    मंद मंद महुआ की गंध ......
    तोड़ती मन तटबंध ....
    निशा रागवन्ती दिवस परागवंत ....
    अलमस्त मधुमास देख .....
    ...वनिता लाजवंत ........
    पलाश मन रंग रंगा ...
    पुष्प पंखुड़ियों से रांगोली सजाई ...

    ऋतुराज के स्वागत में खोल दिए सब बंध

    ReplyDelete
  14. अनुपम स्वागत....... खूबसूरत रचना......!!

    ReplyDelete
  15. (स्वच्छंद ,रंगोली )

    बढ़िया कसावदार वर्रण प्रधान प्रस्तुति झरने सी कल कल बहती धार सी .

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत आभार |सुधार कर दिया है |आशीर्वाद बनाये रखें .
      सादर .
      अनुपमा .

      Delete
  16. स्वागत ऋतुराज का,बहुत ही सुन्दर चित्रण.

    ReplyDelete
  17. पलाश मन रंग रंगा ...
    पुष्प पंखुड़ियों से रांगोली सजाई ...
    मंद-मंद खुशबू के झोंके सी सुन्दर मनमोहक रचना .....

    ReplyDelete

  18. वाह .... विभिन्न ऋतुओं की छटाओं की .....उल्ल्हास भरे अहसासों की यह होली ...बहुत ही भाई....

    ReplyDelete
  19. फागुन है मनभावन ....
    सुन्दर ..

    ReplyDelete
  20. बहुत सुंदर गीत, शुभकामनाएं.

    रामराम.

    ReplyDelete
  21. वाह मधुमय मन हो गया कविता पढ़! सुन्दर काव्य रचना.

    ReplyDelete
  22. ....और घर के कोने-कोने को बहकाई..अति सुन्दर..

    ReplyDelete
  23. रागों के बारे में तो आपको ही अधिक जानकारी होगी अनुपमा जी ...:))
    बहुत सुंदर रचना .....!!

    ReplyDelete
  24. अनुपमा जी, फागुनी गुनगुनाहट लिए बहुत सुंदर कृति..

    ReplyDelete
  25. अनुपमा जी यह विनम्रता और सुधार की ललक हरेक में है नहीं .हम से लोग चिढ़ जाते हैं .जबकि हमारा मकसद किसी को आहत करना कभी नहीं होता ,अपना एक परिवार है हम सब उसके सह -ब्लोगर हैं सब बराबर हैं एक दूसरे से सीखते हैं .

    ReplyDelete
  26. फगुनाहट छाना शुरू हो गई ब्लॉग पर भी ...वाह ।

    ReplyDelete
  27. तुम्हारे शब्द शब्द सुर साधते से लगते हैं

    ReplyDelete
  28. आभार आप सभी का ...हृदय से .....!!

    ReplyDelete
  29. अहा! कितने खूबसूरत शब्द-भाव...

    ''तोड़ती मन तटबंध ....''

    मन प्रफुल्लित हुआ, बधाई.

    ReplyDelete
  30. फागुन का शब्द चित्र सी कविता !

    ReplyDelete
  31. faalgun ki aa gayee bahar.. shabdo me khil gaya guljaar :)
    behtareen..

    ReplyDelete
  32. वसंतोत्सव की ख़ुशी दुगुनी हो गई आपकी कृति पढ़ कर :))
    शुभकामनायें !!

    ReplyDelete
  33. रंग बिखेरती बहुत सुन्दर रचना..

    ReplyDelete
  34. Palash ke khilne se holi ke aane ka abhash hota hai. Good poem

    ReplyDelete
  35. खूबसूरत शब्द रचना

    ReplyDelete
  36. फाल्गुन हो और रागों का साथ तो क्या बात है .... बहुत सुंदर

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!