नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

09 August, 2021

मुझ तक आ गया !!

समुद्र के किनारे ,

पसरे हुए सन्नाटे के बीच 

मुझसे बोलता हुआ अनहद 

कुछ मुझको दे गया 

जड़ से चेतना ,

संवाद से संवेदना ,

का मार्ग प्रशस्त कर ,

लहरों से बोलता हुआ समुद्र 

यूँ ही
मुझ तक आ गया !!

अनुपमा त्रिपाठी 
 ''सुकृति "

13 comments:

  1. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति है यह्। मुझे भी समुद्र के किनारे खड़े रहकर लहरों को निहारने का शौक़ है और मुझे भी ऐसी ही कुछ अनुभूतियां उस समय होती हैं।

    ReplyDelete
  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 10 अगस्त 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से धन्यवाद आदरणीय दिग्विजय जी ।मेरी रचना को इस मंच पर स्थान दिया गौरवांवित हूँ ।

      Delete
  3. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10-8-21) को "बूँदों की थिरकन"(चर्चा अंक- 4152) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    --
    कामिनी सिन्हा

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद कामिनी जी आपने मेरी रचना का चयन किया चर्चा अंक के लिए ।

      Delete
  4. सागर किनारे...सुंदर भावों और एहसासों का उत्कृष्ट सृजन।

    ReplyDelete
  5. अनन्त तरंग, अनवरत। न जाने क्या कहना चाहे सागर। रोचक भाव।

    ReplyDelete
  6. वाह , अब समुद्र ने भी पहुँच बना ली । बेहतरीन अभिव्यक्ति ।

    ReplyDelete
  7. बहुत सुंदर रचना

    ReplyDelete
  8. वाह बढिया है।

    ReplyDelete
  9. गहरा एहसास जीएवन का .. लहरों के माध्यम से बहुत कहा जाता है ... संवाद हो जाता है ...

    ReplyDelete
  10. गहन रचना बहुत कुछ, कम शब्दों में बयां करती हुई - - अभिनन्दन आदरणीया।

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!