अतीत प्रतीत होता है -
प्रतिपल मेरी प्रत्येक
कृति में मुझे -
परिमार्जित-
परिलक्षित-
करता हुआ -
मेरी सोच-
निबद्ध है सदा ही -
मेरे वर्तमान से -
उंगली पकड़कर -
साथ -साथ चलता है -
प्रतिपल प्रतिफल उसका -
अब परिभाषित करता हुआ -
मुझे ....!!
निमृत होतीं हैं -
नवल दिशाएँ -
प्रबल आशाएं-
प्रबल आशाएं-
भविष्य की ..........!!
कृति से सुकृति -
दर्शन से सुदर्शन की ओर-
अतीत वर्तमान को थामे -
अनुपमा त्रिपाठी
''सुकृति "
भविष्य की ..........!!
ReplyDeleteकृति से सुकृति -
दर्शन से सुदर्शन की ओर-
अतीत वर्तमान को थामे -
अब बढ़ रहा है भविष्य की ओर
जीवन यही है ..हमें आगे बढ़ना चाहिए ..लेकिन जीवन का लक्ष्य साथ रहना चाहिए ....आध्यात्मिक भावों से सजी आपकी कविता गहरे अर्थ सम्प्रेषित करती है ...आपका आभार
बहुत सुन्दर भाव ...अतीत से भविष्य की ओर जाते हुए ..
ReplyDeleteमेरा आचरण -
ReplyDeleteनिबद्ध है सदा ही -
मेरे वर्तमान से -
उंगली पकड़कर -
साथ -साथ चलता है -
प्रतिपल प्रतिफल उसका - bahumulya khyaal
बहुत ही सुंदर पोस्ट अनु जी होली की रंग विरंगी शुभकामनाएं |
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
अतीत का प्रभाव जीवन में बना रहता है, जब कम होता है तो हमें नयी दिशायें मिल जाती हैं, जब अधिक होता है तो वही भाव गहन हो जाते हैं।
ReplyDeleteसुन्दर भावमय करते शब्द ।
ReplyDeleteचलना ही जीवन है
ReplyDeleteशुभकामनाये
शानदार प्रस्तुति... अतीत से होकर वर्तमान से गुजरते हुए भविष्य की ओर ले जाती हुई ।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित...
टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (17-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
andhkar se prakash, nirasha se aasha...bahut sunder rachna.
ReplyDeleteबेहतरीन!
ReplyDeletevandana ji bahut bahut dhanyavad meri rachna ko charcha -manch par lene ke liye.
ReplyDeleteअनुपमा जी होली की रंगभरी शुभकामनाएं |
ReplyDeleteदर्शन से सुदर्शन की ओर-
ReplyDeleteअतीत वर्तमान को थामे -
अब बढ़ रहा है भविष्य की ओर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
दर्शन से सुदर्शन की ओर-
ReplyDeleteअतीत वर्तमान को थामे -
अब बढ़ रहा है भविष्य की ओर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
past and present together make the future.... very deep and beautiful poem.Good Anupama and keep going.
ReplyDeletepast and present together make the future.... very deep and beautiful poem.Good Anupama and keep going.
ReplyDeletewonderful narration of journey from past to future. which find expressions in present.
ReplyDeleteआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
ReplyDeleteआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
बहुत सुन्दर भाव और उनकी अभिव्यक्ति..होली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteअतीत ऐसे ही वर्तमान को थामे और वर्तमान जब ज़रूरत हो अतीत का साथ दे ... कितना प्रेम मेय जीवन हो जाएगा ...
ReplyDeleteआपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
भविष्य की आधारशिला वर्तमान है ओर वर्तमान की जड़ें अतीत में होती हैं।
ReplyDeleteयह काल यात्रा निरंतर गतिमान रहे।
होली पर्व की अशेष शुभकामनाएं।
vartaman ,ateet aur bhavisya ke samanway ka sundar samayojan...
ReplyDeletebahut khoob...
सार्थक प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleteहोली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं।
धर्म की क्रान्तिकारी व्या ख्याa।
समाज के विकास के लिए स्त्रियों में जागरूकता जरूरी।
जैसा हम सोचते हैं या जो करते हैं उसके परिणाम से हम भाग नहीं सकते |हमारा भविष्य हमारे अतीत के प्रतिफल से प्रतिपल जुड़ा रहता है |यही भाव से ये कविता लिखी है |मेरी इस कविता पर अपने विचार देने के लिए आप सभी का आभार |
ReplyDeleteSundar bhavo ko vykt karti hui..aabhar
ReplyDeleteanupma Ji,
ReplyDeletesambhavtaya pahli baar aapko padhne ka saubhagya mila..sabhi rachnayen man ke kareeb pahunchi hain..bahumulya aur sarthak lekhan..bahut bahut shubkamnayen..
अतीत वर्तमान को थामे -
ReplyDeleteअब बढ़ रहा है भविष्य की ओर
और यह भविष्य बहुत सुखद हो, स्वर्णिम हो और आशाओं से भरपूर हो यही कामना है !