''ज़िंदगी एक अर्थहीन यात्रा नहीं है ,बल्कि वो अपनी अस्मिता और अस्तित्व को निरंतर महसूस करते रहने का संकल्प है !एक अपराजेय जिजीविषा है !!''
नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
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नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!
28 February, 2015
23 February, 2015
मान्यताएँ ....(क्षणिकाएं)
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बंधे हैं उससे ,
समय के साथ ,
समय की क्षणभंगुरता जानते हुए भी,
वृक्ष नहीं हिलता
अपने स्थान से ,
बल्कि जड़ें निरंतर
माटी में और सशक्त
और गहरी पैठती चली जाती हैं !!
आस्था गहराती है ,
छाया और घनी होती जाती है !!
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सदियों से ...
चूड़ी बिछिया पायल पहना ,
बेड़ियों मे जकड़ा ,
अपनों का भार वहन करता
ये कैसा संकोच है ,
निडर ...स्थिर,एकाग्र चित्त ...!!
अम्मा के सर के पल्ले की तरह ........
सरकता नहीं अपनी जगह से कभी ....!!
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बहती धारा से ,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiYDY05pKBFBI6dd43J7JuNMe_WHw-zqmOUzfQTyb6j5_Xtdx3vex0tFZ4F3BL3bEqSli6Ro2RqAOAybQ57kYCBZLpEwrYm1e4XMYHbCRlOI_psJ2MHrrPE00kPQC7x7gJbqpMzc7PbeW5R/s1600/10404877_706341679401872_4692406526900899275_n.jpg)
उम्मीद भरे शब्द
शक्तिशाली होते हैं
प्रभावशाली प्रवाहशाली होते हैं
स्वत्व की चेतना जगा ,
जुडते हैं नदी के प्रवाह से इस तरह
के बहती जाती है नदी
कल कल निनाद के साथ
फिर रुकना नहीं जानती ........!!
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