समय जब भी असमय
छीन लेता है
कुछ मासूम चेहरों से
मुस्कराहट,
आवृत सा कुछ होता है,
जो बनता है मौन ताकत …… !!
धीरे धीरे कड़ी जुड़ती है ,
इस मौन ताकत में ,
प्राची के पट खुलते ही ,
होने लगता है शोर
इस ताकत का
तब टूटने लगता है मौन …
उदासी का ...!
आहत मन सुनता है
आहट जीवन की …!!
और चल पड़ती है ज़िन्दगी फिर......!!
तब सुनाई देती है ,
वही प्रार्थनारत आवाज़ें ,
अगर मेरे शब्दों में ताकत है
अगर मेरी प्रार्थना में बल है
तो दर्द लेकर भी ह्रदय में अपने,
सुनकर मेरे शब्दों की सदा ,
तुम्हें फिर उठना होगा ,
तुम्हें फिर हँसना होगा …
ओ मासूम ज़िन्दगी। ....!!
छीन लेता है
कुछ मासूम चेहरों से
मुस्कराहट,
आवृत सा कुछ होता है,
जो बनता है मौन ताकत …… !!
धीरे धीरे कड़ी जुड़ती है ,
इस मौन ताकत में ,
प्राची के पट खुलते ही ,
होने लगता है शोर
इस ताकत का
तब टूटने लगता है मौन …
उदासी का ...!
आहत मन सुनता है
आहट जीवन की …!!
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तब सुनाई देती है ,
वही प्रार्थनारत आवाज़ें ,
अगर मेरे शब्दों में ताकत है
अगर मेरी प्रार्थना में बल है
तो दर्द लेकर भी ह्रदय में अपने,
सुनकर मेरे शब्दों की सदा ,
तुम्हें फिर उठना होगा ,
तुम्हें फिर हँसना होगा …
ओ मासूम ज़िन्दगी। ....!!