''ज़िंदगी एक अर्थहीन यात्रा नहीं है ,बल्कि वो अपनी अस्मिता और अस्तित्व को निरंतर महसूस करते रहने का संकल्प है !एक अपराजेय जिजीविषा है !!''
नमस्कार ....!!आपका स्वागत है ....!!

नमस्कार ....!!आपका स्वागत है ....!!
19 September, 2014
06 September, 2014
तुम्हारे मेरे बीच की कड़ी

सिर्फ एहसास ही नहीं है,
सिर्फ शब्द ही नहीं है,
सिर्फ प्रेम ,ईर्ष्या ,द्वेष या
सिर्फ आक्रोश भी नहीं है
बल्कि संकुलता से परे ,
तुम्हारा वो सशक्त मौन है ,
मेरे चारों तरफ ,
जो तुम्हारे होने का प्रमाण देता है
अपनी ऊर्जस्वितता में,
और बांधे रखता है सदा ,
दुख सुख में ,
हमे इस अटूट बंधन में...!!
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