![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfH6HcbhFNaeGQh4x6MlGzcRp0fjK0v4HfAiyksp8nrBVn8ryCQk2l_PsBu7ZoPewedbfsk1wBuybBPx4yQdRB4-YkCyO1i_tZJUK-Rzj1Av-Ul3ZShDGDtw8JsjrIts8UzdzBkS44_Sm-/s1600/download+%252810%2529.jpg)
चाँद रौशन हुआ ,
मन का जब दीप जला,
पथ प्रदर्शित हुआ !!
मन चिन्मयानन्द हुआ …!!
बहती हवाओं में ,
फिर मेरा मैं चलता ही रहा ,
वो दीप जलता ही रहा …!!
माँ की दुआओं से ,
मन के अडिग विश्वास से ,
सदाओं का तेल भरता ही गया ,
असर ऐसा रहा ,
वो दीप जलता ही रहा
मेरा मैं
अपनी राह चलता ही रहा …
और …
और भोर हो गई ...!!