सुश्री महादेवी वर्मा जी द्वारा लिखी कविता ''मैं नीर भरी दुख की बदली ''
इसे सुनिए मेरी आवाज़ में....यहाँ से भी लिंक पर जा सकते हैं अगर नीचे दिया हुआ लिंक न खुले ....!!
..http://www.divshare.com/download/24362521-b6b
हमेशा एक ही नम्र निवेदन ....हैड फोन से सुनिएगा वरना आवाज़ फैलती है .....!!
स्वरबद्ध मैंने किया है ....।
आशा है आपको पसंद आएगा ....
इसे सुनिए मेरी आवाज़ में....यहाँ से भी लिंक पर जा सकते हैं अगर नीचे दिया हुआ लिंक न खुले ....!!
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हमेशा एक ही नम्र निवेदन ....हैड फोन से सुनिएगा वरना आवाज़ फैलती है .....!!
स्वरबद्ध मैंने किया है ....।
आशा है आपको पसंद आएगा ....

बहुत अच्छा गाया है और कविता तो लाजवाब है ही. वैसे बिना हेडफोन के भी आवाज़ बिलकुल नहीं फ़ैलती है.
ReplyDeletebhaut hi acchi....
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर.
ReplyDeleteरामराम.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया !
latest post नेताजी सुनिए !!!
latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
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लाजबाब गायन,सुनकर आनंद आ गया ,,,बधाई अनुपमा जी,,
ReplyDeleteRECENT POST : तस्वीर नही बदली
अहा! मंत्रमुग्ध कर दिया..
ReplyDeleteहम तो मंत्र मुग्ध होगए..बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आवाज माँ सरस्वती की कृपा बनी रहे सुन्दर पंक्तियों का गायन बधाई
ReplyDeleteअति सुंदर … सादगी एवं मधुरता का खूबसूरत संगम …
ReplyDeleteaapki gayki aur ye sundar rachna ati sundar....................
ReplyDeleteपता नहीं, पर कोई आवाज ही नहीं आ रही है..देखता हूँ..
ReplyDeleteहाँ ...यहाँ नहीं आ रही है ...दुबारा एम्बेड करती हूँ ....fb पर मेरी वाल पर भी लिंक है ...वहाँ से भी सुन सकते हैं ...जब तक मैं पुनः प्रयत्न करती हूँ .....!!
Deleteआभार बताने का ...
आवाज की दिक्कत है.....
ReplyDeleteमहेंद्र जी अब चल रहा है ....सुन के देखिएगा ....:))
Deleteबहुत सुंदर गायन ...
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ReplyDeleteमैं नीर भरी दुख की बदली
तबीअत से पूरा गीत सुन कर सचमुच आनंद आ गया ... आदरणीया अनुपमा जी ! अच्छा स्वरबद्ध किया है आपने ।
आपका स्वर-माधुर्य मन में रमता है ।
हार्दिक आभार और बधाई !
#(हां, संगीत के लिए संगतकार साथ में हैं ,उनका परिचय ?)
शुभकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार