मेहनत रंग लाई!!(लघुकथा )
सुनील को उसके काम की वजह से बहुत इज़्ज़त मिलती है | प्यारी सी मुनिया को पा सुनील मिस्त्री बहुत खुश था |अब दूसरा बच्चा नहीं चाहिए | सुरेखा भी सिलाई करके कुछ पैसे कमा लेती थी सर्व गुण संपन्न ,आठ साल की मुनिया कॉन्वेंट में पढ़ती है | पढ़ने में अव्वल |
कल मुनिया ने पापा से पूछ ही लिया ,''पापा आप ने क्या पढ़ाई की है ?'' सुनील ने बात टाल दी | उसे लगा अगर मुनिया को डॉक्टर बनाना है तो उसे पढ़ाई करनी ही पड़ेगी | उसने मैट्रिक का फॉर्म भर दिया | मेहनत रंग लाती है | आज मुनिया डॉक्टर है ,सुनील का काम बढ़िया चल रहा है और घर के बाहर बोर्ड लगा है सुनील मिस्त्री ,बी ए ,एल.एल बी !!
अनुपमा त्रिपाठी
"सुकृति "
वाह , क्या बात ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ।
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-4-22) को "संस्कार तुम्हारे"(चर्चा अंक 4411) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
सादर धन्यवाद कामिनी जी!!
Deleteसुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत अच्छी कहानी।सादर प्रणाम
ReplyDeleteमेहनत के महत्व को बताती सुंदर कहानी, बच्चों से बड़े कितना कुछ सीख सकते हैं
ReplyDeleteसच इंसान की पहचान उसके काम से होती है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
वाह!सच मेहनत रंग लाती है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
सादर
बहुत सुंदर लघुकथा।
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