ये गीत एक ऐसी शख्सियत के लिए ....जिसने मुझे गाना सिखाया ....जीना सिखाया ...हँसाना सिखाया ....स्वाभाव से एकदम फक्कड़ ....जिन्दादिली की जीती जागती मिसाल ....
...अच्छे लोगों को भगवन भी अपने पास ही रखना चाहते हैं ....
खैर .....
This song is dedicated to you ....MUNI MAMA....
...अच्छे लोगों को भगवन भी अपने पास ही रखना चाहते हैं ....
खैर .....
This song is dedicated to you ....MUNI MAMA....
आज अगर माँ और मुनि मामा जिन्दा होते तो पापा के फ़ोन का बिल पता नहीं कितना आता .....!!जीवन में आगे बढ़ते हुए उन लोगों को ज़रूर याद करता है मेरा मन जो अब आँखों के सामने नहीं हैं ,प्रभु के पास हैं ........उन्हीं लोगों को याद करते हुए ....
आज ये गीत आपको सुनाने का मन है ...!
कृपया थोड़ा बफरिंग के बाद सुने तब नहीं अटकेगा ..
श्रद्धांजलि देने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता |बधाई|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और प्यारी आवाज है ,और गीत भी शानदार है | ढेर साड़ी बधाईयाँ ,अनुपमजी|
ReplyDeleteयह गीत बड़ा प्यारा है, मुनि मामा को समर्पण योग्य, स्मृति पुष्प।
ReplyDeleteआनंद आ गया आदरणीय अनुपमा जी...
ReplyDeleteबीच में कुछ अटक रहा है... शायद सर्वर की समस्या हो...
सादर आभार
प्यारा गाना....प्यारी आवाज़.....प्यारी सूरत....
ReplyDeletegreat combination
:-)
आँखें नम हो गयीं .
ReplyDelete.श्रद्धांजलि ...
kalamdaan.blogspot.in
बेहद प्यारा गीत और प्यारी श्रद्धांजलि प्यारे लोगों को.
ReplyDeletegreat presentation.ये वंशवाद नहीं है क्या?
ReplyDeleteमामा जी को नमन।
ReplyDeleteगीत बहुत अच्छा लगा।
वाह!!!बहुत बढ़िया प्रस्तुति,इससे अच्छी सुंदर श्रद्धांजलि हो ही नही सकती,...अनुपमा जी
ReplyDeleteRESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
सुंदर गीत ... मामा के लिए समर्पण की भावना अच्छी लगी ...
ReplyDeleteवाह ....अच्छा लगा सुनकर ... शुभकामनायें अनुपमाजी
ReplyDeleteओये होए ....
ReplyDeleteअनुपमा जी ये तो मेरा पसंदीदा गीत है ......
हम प्यार में जलने वालों को चैन कहाँ.....
फिर आती हूँ सुनने ....
आपने गया है ....?
सुन्दर गीत. मामाजी को नमन.
ReplyDeleteवल्लाह क्या बात हैं अनुपमा जी ...खुबसूरत सूरत की खुबसूरत आवाज़ ! यानी सोंदर्य की देवी और सरस्वती दोनों एक ही जगह ..क्या बात हैं ! गीत की सुन्दरता और भी निखर आई हैं?
ReplyDeleteसुन्दर गीत सुनवाने के लिए आभार..
ReplyDeleteमधुर स्वर लिए यह अनुपम गीत ..मामाजी को नमन आपके लिए शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteसुँदर गीत मधुर आवाज़ , मामाजी की स्मृतियों को नमन .
ReplyDeleteजी सुना अनुपमा जी .....
ReplyDeleteआनंद आ गया .....
बहुत प्यारी आवाज़ है आपकी .....
अनुपमा जी, आपकी आवाज बहुत मधुर है और गीत का चुनाव भी सुंदर है...आप स्वयं भी बहुत प्यारी लग रही हैं...आपकी माँ व मामा की स्मृति को सादर नमन !
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
अनुपमा जी गीत बहुत सुन्दर गाया है आपने |बधाई |
ReplyDeleteआशा
bahut hi madhur aawaj hai apki
ReplyDeletegeet bhi bahut badhiya hai ....
हमारे पास यहाँ ऑफिस में स्पीकर नहीं हैं हम फ़ोन में दाल के सुनेंगे आपकी आवाज़.....कुछ लोग जिंदगी को एक दिशा देते हैं जिन्हें हम कभी भुला नहीं पाते।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और मधुर श्रद्धांजली...
ReplyDeleteवाह .. बहुत ही मधुर आवाज़ में गाया है आपने इस गीत को ...
ReplyDeleteबहुत ही मधुर आवाज़ पाई है अनुपमा जी..सुन्दर...
ReplyDeleteबहुत मधुर स्वर...!
ReplyDeleteआभार !
बेहद सुन्दर गीत! आपको सुनना बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteThe melodious voice of yours must have surely reached to them to whose memory it has been dedicated too...!
Lots of love,
Regards,
I ardently wish that ,Anupama ...!!With each of my performance,I miss them from the core of my heart ...!!Thanks dear ...for all ur love and support ....!
Deleteनेट बड़ा स्लो है अभी, इसलिए सुन न पायी...पर पढ़कर ही अंदाजा लग रहा है आपके अनुराग का..
ReplyDeleteनमन..
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसुंदर..........
ReplyDeleteबहुत सुंदर-..
ReplyDeleteआदरणीय गुनी श्रीताओं ,
ReplyDeleteकिसी भी कलाकार के लिए श्रोता ईश्वर स्वरुप होते हैं |आप अपना स्नेह,अपना आशीर्वाद बनाये रखें ....|
बहुत बहुत आभार ...!!
ईश्वर का रूप तो साक्षात् होता है कलाकार में...!
Deleteमाँ शारदे आपके कंठ में यूँ ही निवास करें!
शुभकामनाएं!