केसर रंग पोर पोर ......
हियरा में उठत हिलोर ....
प्रेम प्रीत पिचकार बनाई..
होरी आई सब रंग ,रंग लाई ...
श्याम तुम रंगे सब रंग ...
मैं कैसे खेलूं होरी श्याम के संग ...
रंगूँ तुम्हें अब किस विध अपने रंग ...?
होरी कैसे खेलूं श्याम के संग ...?
आज मैं ही रंग जाऊं श्याम के प्रेम रंग ...!!
तुम से लिप्त ...
तुम में लिप्त ...
ऐसी खो जाऊं ...
तुम रक्षक प्रभु मेरे ...
बांस की बाँसुरिया नेक बजाऊं ......
तुमरी तान मगन जब गाऊं ...
सुध-बुध बिसराऊं ...
प्रेम राग, भर अनुराग ,फाग सुनाऊं ......
आज मान दो इतना ...
युगों-युगों तक ...
मैं ही बस ..
तुमरी राधा रह जाऊं .. .....!!!!
होरी कैसे खेलूं श्याम के संग ...?
आज मैं ही रंग जाऊं श्याम के प्रेम रंग ...!!
तुम से लिप्त ...
तुम में लिप्त ...
ऐसी खो जाऊं ...
तुम रक्षक प्रभु मेरे ...
बांस की बाँसुरिया नेक बजाऊं ......
तुमरी तान मगन जब गाऊं ...
सुध-बुध बिसराऊं ...
प्रेम राग, भर अनुराग ,फाग सुनाऊं ......
आज मान दो इतना ...
युगों-युगों तक ...
मैं ही बस ..
तुमरी राधा रह जाऊं .. .....!!!!
हर नारी मन में ये आस पलती है कि कान्हा संग होली खेलूं...
ReplyDeleteऔर रंग जाऊं उसके रंग में....
डूब गयी आपके शब्दों में...
होली शुभ हो!!!!
आज मान दो इतना ...
ReplyDeleteयुगों-युगों तक ...
मैं ही बस ..
तुमरी राधा रह जाऊं .. .....!!!!
वाह..!! कितना प्यार बरस रहा है...!!
एक छोटा सा शब्द "तुमरी" कैसे वाक्य में एक अलग सा भाव ला रहा है..
बहुत प्यारी सी रचना...
कमेन्ट में कह नहीं पा रहा हूम की कैसे अपने शब्दों को रखूं... होली की शुभकामनायें....
अनुपम भाव संयोजन के साथ उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteसुन्दर!
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteसुंदर रंग-बिरंगी फाल्गुनी प्रस्तुति.... . स:परिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं.......
ReplyDeleteआज मान दो इतना ...
ReplyDeleteयुगों-युगों तक ...
मैं ही बस ..
तुमरी राधा रह जाऊं .. ..आध्यात्मिक समर्पित रंग
एक स्नेहिल रंग हमारी तरफ से ...
श्याम और होली का तो जनम जन्मांतर का नाता है ... उसका आभास कर के ही होली की शुरुआत हो जाती है ...
ReplyDeleteआपको और आपके समस्त परिवार को होली की मंगल कामनाएं ...
राधा बन मनभावन की,
ReplyDeleteसुध होली के आवन की..
.
ReplyDeleteइतनी सुंदर रचना पढ़ कर
हृदय आनंदानुभूति से भर गया …
आभार आपका …
बहुत बेहतरीन प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति....वाह!!!!क्या बात है
ReplyDeleteअनुपमा जी,...होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
भक्तिरस में सराबोर होली के रंग कविता में बिखरे है. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति| होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत रंगों से भरा हो आपका होली का त्यौहार.....
ReplyDeleteपढ़कर एक आध्यात्मिक अनुभूति हुई!
ReplyDeleteहैप्पी होली।
आपको सपरिवार होली की मंगलकामनाएँ!
ReplyDeleteसुन्दर गीत .होली मुबारक.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर....होली की मंगलकामनाएँ..
ReplyDeleteHappy Holi.
ReplyDeleteप्रेम रंग में डूबी रचना ... सुंदर भाव संयोजन ...होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत शुभ भावना और कामना...होली की शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत बढिया
ReplyDeleteहोली की ढेर सारी शुभकामनाएं
सुन्दर आत्मिक अध्यात्मिक रस सिक्त पंक्तियाँ . आनंद आया पढ़कर . रंग पर्व की शुभकामनायें ..
ReplyDeleteसुंदर कोमल भावो कि अभिव्यक्ती
ReplyDeleteबहूत-बहूत सुंदर रचना...
होली का पर्व आपके जीवन में अपार खुशिया लाये
आपके भक्तिमय पावन हृदय से
ReplyDeleteस्पंदित इस भावपूर्ण अनुपम प्रस्तुति
को हृदय से नमन.
भक्ति रस में डुबो दिया है आपने.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
कितनी पावन,मन-भावन कामना है !
ReplyDeleteहोली की रंगभरी शुभकामनाएँ.
श्याम के अनुराग के रंग में रंगी यह भावपूर्ण अर्चना विभोर कर गयी अनुपमा जी ! होली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteआपकी पोस्ट चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-812:चर्चाकार-दिलबाग विर्क>
आपका आभार ...इस रचना को चर्चा मंच पर लेने के लिए ....!!
Deleteरंगों भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएं..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!
ReplyDeleteहोली मुबारक!!
होली की शुभकामनाओं के साथ सुन्दर रचना के लिए बधाई..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हृदयस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें !