शब्द शब्द कहती है !!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEglf8-6nHjDouNyxQe8w8hucnoY7o91r50_DA7jtZjVtcbl4aWuIUgVLNS7OAGBF9oLJhSmnI9PlsC6bIuqZt_34dL187iCWFU-ZHGmBU71DfdruUWB7trF4nmRRPlOUWJG1EB2Id2zvMEG/s1600/images+%252822%2529.jpg)
पेड़ों की झुरमुठ में
चहकते हुए पंछी
और
अनायास झरती
बूंदों की लड़ी ,
वो घड़ी ,
साँसों की सरगम में ,
भावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhFARC4s3b1NSszBkM6iUEwV2d_IbnaQl7fz3B2zN7p6XFtYeZYtAuRHbalaWjelQUf7y9C4CZPx1Fpz0lpWGSY25qfPwK8W02jKb2MwNQWmQqEA3jGiaSIO9CRfQNeT_jKOR7EGfWkj9p-/s200/Planting-Under-Trees-J011360.jpg)
शब्दकार के शब्दों में
जब अनगढ़ से भावों को
गढ़ती है
तब
मेरी कविता मुझसे
शब्द शब्द कहती है !!
अनुपमा त्रिपाठी
"सुकृति "
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार २ दिसंबर २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
धन्यवाद श्वेता जी👍👍❤
Deleteसाँसों की सरगम में ,
ReplyDeleteभावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
मनमोहक
सादर
साँसों की सरगम में ,
ReplyDeleteभावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
मनमोहक
सादर
आदरणीया मैम, सादर प्रणाम। बहुत सुंदर कविता, माँ प्रकृति की निकटता हमें रचनात्मक और काव्यात्मक होने के लिए प्रेरित करती है। बहुत प्यारी लगी आपकी यह रचना। आपसे अनुरोध है, मेरे भी दो ब्लॉग हैं, कृपया आ कर अपना आशीष दीजिये।
ReplyDeleteभावों को गढ़ सुंदर कविता सृजित की है ।
ReplyDeleteसाँसों की सरगम में ,
ReplyDeleteभावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
शब्दकार के शब्दों में
जब अनगढ़ से भावों को
गढ़ती है////
अनकहे को जो सहजता से कह जाये वही कविता है।भावपूर्ण अभिव्यक्ति प्रिय अनुपमा जी।सस्नेह शुभकामनाएं 🙏
बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर कविता
ReplyDeleteसच ! ऐसे सुंदर भावभीने दृश्यायावलोकन पर कविता गुनागुनाएगी ही ! बहुत सुंदर लिखा है ।
ReplyDeleteबोलती हुई कविता ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteबोलती हुई कविता ... लाजवाब ...
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