नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

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13 January, 2012

पिया गुनवंत आवन को हैं ...!!

सप्त स्वरों के
 पंख लगा कर ..
मन को मन की
चाह बना कर ...
तीव्र मध्यम को -
मार्ग विहाग का मार्ग दिखा कर ...
लो उड़ चली मैं ....

उड़-उड़
भर रहा है मन ...
स्वरों में सर्वप्रथम ..
रम-रम
 प्रभु का अज्ञेय स्मरण  ..
गूँज गूँज
भंवरें का अथाह गुंजन ...
लहर लहर
 लहरों का अजेय स्पंदन ..
कल कल कल
नदिया का अमिय वंदन...
या मस्त पवन का
आनंदातिरेक  अगाध आलिंगन ..

अब घर आई ..
चतुरंग की चतुराई ...
भज मन भजन की शहनाई ..
बड़े ख़याल सी रुकी रुकी ठहरी ठकुराई ...
छोटे ख़याल सी अल्हड़ चपलाई चंचलताई ....
कजरी की अकुलाई  तरुणाई...
आली मोरे अंगना आज ...
पिया गुनवंत आवन को हैं ...
प्रिय  के रंग चूनर रंगाई....
आज मोरे मन ने सुरों के  रंगों से
  रंगोली भी सजाई .....!!


*मार्ग विहाग -राग का नाम है जिसमे तीव्र मध्यम का प्रयोग होता है .
चतुरंग -शास्त्रीय संगीत में गीत का एक प्रकार है .बंदिश के बोल,सरगम,त्रिवट और तराना ....इन सभी का मिश्रण हो तो चतुरंग बनता है और चतुराई से ही गाना पड़ता है |बड़ा ख्याल ठहर ठहर कर गया जाता है ....छोटा ख्याल चंचलता से और कजरी को गाते हुए तरुनाई जैसे ही कुछ भाव होने चाहिए .....!!

आप सभी को संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें.
सूर्य देवता ने अपना मार्ग बदल लिया है ....!!उत्तरायण की ओर अब चल पड़े हैं  ...!
आज के दिन तिल गुड़ खाएं और गुड़ की ही तरह मीठा बोलें ....पता नहीं किस रूप में होगी पर ...प्रभु कृपा ज़रूर होगी ....!!ज़रूर होगी .......

46 comments:

  1. मकर संक्रांति के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
    आशा

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  2. bahut badhiya kavita.... makar sankranti kee hardik shubhkaamna !

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  3. आपको भी मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएँ!

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  4. शब्द थाप कर रहे जाप,
    भावों के लय में गुँथे आप,

    अद्भुत प्रवाह..

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  5. aapko bhi bahut bahut hardik badhai makar sankranti ki

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  6. makar sankranti ki hardik badhaai.hamesha ki tarah achchi,anupam rachanaa badhaai aapko.

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  7. संगीत की ले में बंधी अद्भुत रचना ..

    मकरसंक्रांति की शुभकामनायें

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  8. बहुत ही बढि़या प्रस्‍तुति ... शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

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    Replies
    1. आज तो आपने यथानाम तथागुण को पूरी तरह से सिद्ध कर दिया ! इतनी अनुपम संगीतमय प्रस्तुति ने मन मोह लिया ! मकर संक्रांति की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें ! आपके साथ मुझे भी विश्वास है कि चाहे जिस रूप में हो प्रभु की कृपा ज़रूर होगी !

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  9. गुड़ खा लिया है ... न भी खाती तो कहती की तुमने सबकुछ मीठा मीठा लिखा है

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  10. Replies
    1. खूब-सूरत प्रस्तुति |
      बहुत-बहुत बधाई ||

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  11. ..अब घर आई ..
    चतुरंग की चतुराई ...
    भज मन भजन की शहनाई ..
    बड़े ख़याल सी रुकी रुकी ठहरी ठकुराई ...
    छोटे ख़याल सी अल्हड़ चपलाई चंचलताई ....
    कजरी की अकुलाई तरुणाई...
    आली मोरे अंगना आज ...
    पिया गुनवंत आवन को हैं ...
    प्रिय के रंग चूनर रंगाई....
    आज मोरे मन ने सुरों के रंगों से
    रंगोली भी सजाई .....!!
    उत्तरायण की हार्दिक बधाई |अति मनभावन रचना है

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  12. संगीत अपनी समझ से परे है हाँ सुनने में आनंद आता है |

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  13. बहुत खूब ...........लोहड़ी की बधाई स्वीकार करने

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  14. त्वरितर पर आपका संदेशवाहक @hamarivani हमारीवाणी.कॉम
    anupama's sukrity.: पिया गुनवंत आवन को हैं ...!! fb.me/1DU7zBw8W कजरी की याद दिलाती हुई , फिर मिर्ज़ापुर घूम आने को जी चाहता है

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  15. वाह वाह सुन्दर...अद्वितीय रचना.बहुत ही सुन्दर

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  16. बहुत बढ़िया!
    लोहड़ी पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ!

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  17. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !

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  18. पिया गुनवंत आवन को है ...
    शास्त्रीय राग पर आधारित गीत ने भर भर भिगोया , इसका आनंद लेने के लिए शास्त्रीय संगीत की समझ कहाँ आवश्यक है , यह तो प्रकृति का निर्मल संगीत सा है ...
    बेहद खूबसूरत भाव !

    ReplyDelete
  19. पिया गुनवंत आवन को है ...
    शास्त्रीय राग पर आधारित गीत ने भर भर भिगोया , इसका आनंद लेने के लिए शास्त्रीय संगीत की समझ कहाँ आवश्यक है , यह तो प्रकृति का निर्मल संगीत सा है ...
    बेहद खूबसूरत भाव !

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  20. बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ..
    मकर सक्रांति की बहुत -बहुत बधाई

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  21. बहुत सुन्दर...
    आपकी वाणी भी मीठी...लेखनी भी मीठी..
    मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ.

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  22. bahut khuub, makarsankraanti kii shubhakaamanaaye

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  23. आली मोरे अंगना आज ...
    पिया गुनवंत आवन को हैं ..बेहतरीन

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  24. बहुत सुन्दर...लोहड़ी और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  25. बहुत ही बढि़या प्रस्‍तुति ...

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  26. लोहरी की बहुत -बहुत शुभकामनाए ..और संक्रांति की भी ..

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  27. यह संगीतमय कविता और कविता का संगीत बहुत देर तक मन में गूंजता रहा। संगीत से जुड़े बिम्ब साकार हो उठे हैं।
    संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं।

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  28. शब्द-शब्द में घुला हुआ मधुर संगीत
    भाव-भाव में छिपी-छिपी-सी लय
    और
    बंदिश में माँ सरस्वती का पावन आशीर्वाद ..
    ऐसा ही सब कुछ
    इस प्रभावशाली रचना में समाया हुआ है ..वाह !
    अभिवादन स्वीकारें .

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  29. हमें तो ऐसी रचनाओं में ईश्वरीय शक्ति की अनुभूति होती है ! हर एक शब्द मानो शब्द नहीं बल्कि अपने आप में एक अलग रचना है ! बहुत सुन्दर... मन में बस गया !
    मेरी नई पोस्ट पे पधारें और दिशा निर्देशन दें !
    आभार !

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  30. सुन्दर अभिव्यक्ति !
    मकर संक्रांति की शुभकामनायें !

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  31. आपकी पंक्तियाँ आनंदातिरेक में डुबोती है . मकर संक्रांति की शुभकामनायें

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  32. anupma ji
    itni shandaar prastuti aapki hai ki main shbdon me bayan nahi kar sakti.
    waqai kammal ka likha hai aapne.
    is prastuti me sangeet ki jo aapne swar-lahriyan lahraai hain ,shabdo ka addhbhut milaap v samanjasy sabhi bahut -bahut atulniy.
    hardik badhai
    poonam

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  33. बहुत खूब...मकर संक्रांति की शुभकामनायें !

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  34. संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है आपकी यह कृति ....हार्दिक शुभकामनायें

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  35. बेहतरीन, आपको भी शुभकामना।

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  36. मधुरं! हर्षित करने वाली लहरियां हैं इसमें

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  37. आभार ...इस रंगोली को आपने पसंद किया ....!!

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  38. आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (२६) मैं शामिल की गई है /आप मंच पर आइये और अपने अनमोल सन्देश देकर हमारा उत्साह बढाइये /आप हिंदी की सेवा इसी मेहनत और लगन से करते रहें यही कामना है /आभार /लिंक है
    http://www.hbfint.blogspot.com/2012/01/26-dargah-shaikh-saleem-chishti.html

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  39. भावो का संगीतमय चित्रण बहुत ही अच्छा लग रहा हे !संक्रांति के तुम्हे भी बहुत बहुत बधाई

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!