नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

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नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

31 December, 2024

मेरा दीवानापन .......!!!!!!!!!!!!


दूर...... तक फैली हुई

तन्हाईयाँ ......
बर्फ की चादर में -
लिपटी हुई- सिमटी हुई-
ये खामोशियाँ .....
सर्द हवाओं  सी .......
सर्द एहसास  को हवा देतीं हैं ....!!!!!

फिर ढूँढती हैं 
मेरी नज़रें ...
मेरी साँसे ....
सांस  लेने  का  सबब ....
वो इक  नायाब सुबह का मंज़र ........!!
देख  कर जिसको.....
फिर खिल-खिल  उठे...
बेबाक .......
मेरा दीवानापन .......!!!!!!!!!!!!

अनुपमा त्रिपाठी
 'सुकृति '