नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

30 March, 2013

भांति भांति के रंग ....


जोगिया रंग ...
भर लाया  प्रभास ....
फैला उजास ....

छू कर मन ....
भाँती भाँती के रंग ....
भरते उमंग 
***

कागा सुहाए ...
द्वार सँदेसा लाये ...
जिया हर्षाए
***

स्वर्ग धरा ..
सुरभित सुमन .....
बांवरा मन ....

***


भोर की बेला ....
धुंधलका मिटाये .....
मन रमाए ......
***
ह्रदय शक्ति ...
अँधियारा मिटाए  ...
प्रभात खिले ..

***


स्निग्ध  ज्योत्सना ...
झर-झर बरसे ...
मन उमगे ...
***
निज घट  ..
जब  भोर मुस्काए ...
प्रकाश छाए 

***
मन मंदिर ....
प्रज्ज्वल ज्योति  जले 
जियरा  खिले ....
***
भोर जगाये ...
अंतःकरण खिले ....
मनवा गाये ...
***
धूप छाँव सा ...
है सबका जीवन ....
मन क्यूँ डरे ....?
***                                          




विविध रंग ....
सब मन में बसें ....
जीवन खिले ...
***
रंग चुरा लूं ....
भर  दे जो जीवन ....
घट-घट में ....

***
ये वसुंधरा ......
विविध रंग भरी ...
सहेजो इसे ...
***
रंगों से भरी ....
है प्रकृति  सबकी ... ..... 
संवारो  इसे ....
***




जीवन यात्रा ....
भटकूँ बन बन  .....
घने बिपिन .....


***                    





ओस से भरा ....
जीवन अनमोल ...
प्रेम में  पगा ...
***
ह्रदय सिक्त ...
मन प्रेम ही प्रेम ....
प्रकृति खिले .....

***
हृदय भक्ति  ....
मन ओस की बूंद ...
पावन लगे ...

32 comments:

  1. एकदम रंगारंग रचना :) इतने रंग न होते तो जीवन कितना बेरंग होता.

    ReplyDelete
  2. बहुत बहुत सुन्दर....
    प्रकृति के सभी रंग एक साथ....
    मानों इन्द्रधनुष धरती पर उतर आया हो...
    सादर
    अनु

    ReplyDelete
  3. रंग बिरंगे सुन्दर हाइकू..

    ReplyDelete
  4. ओस से भरा ....
    जीवन अनमोल ...
    प्रेम में पगा ........बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  5. रंग भरी,
    दुनिया कहे,
    जो रहे।

    ReplyDelete
  6. रंगों को बिम्बित करते सुंदर शब्द

    ReplyDelete
  7. बेहतरीन हाइकू | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (31-03-2013) के चर्चा मंच-1200 पर भी होगी!
    सूचनार्थ...सादर!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर बहुत आभार शास्त्री जी चर्चा मंच पर मेरी रचना को स्थान दिया .....!!

      Delete
  9. waah...haaiku kahan apne aap men behad mushkil kaam hai..main to kai baar koshish kar ke haar chuka hun..aapse kuch seekhna hoga..bahut bahut badhai.

    ReplyDelete
  10. धूप छाँव सा ...
    है सबका जीवन ....
    मन क्यूँ डरे ....?

    विविध वर्णी चित्र जीवन के ,भाव जगत के दर्शन के स्पंदन लिए हैं ये हाइकू .बेहद सजीव प्रस्तुति .ताजगी देती सी .

    ReplyDelete
  11. वाह अद्भुत सुन्दर प्रस्तुति हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  12. धूप छाँव सा ...
    है सबका जीवन ....
    मन क्यूँ डरे ....?reality se bharpoor...

    ReplyDelete
  13. हृदय भक्ति ....
    मन ओस की बूंद ...
    पावन लगे.....
    पावन एहसास बिखेरती उम्दा कृति ....

    ReplyDelete
  14. वाह ! अनुपमा जी, अंतर का प्रेम प्रकृति के रंगों के साथ घुलमिलकर कैसा अनोखा सृजन करवा रहा है..शुभकामनायें..!

    ReplyDelete
  15. रंग चुरा लूं ....
    भर दे जो जीवन ....
    घट-घट में ....

    सभी हाइकु होली के रंग से विभिन्न भावों में रँगे हुए. बहुत भावपूर्ण. बधाई.

    ReplyDelete
  16. समेट रही हूँ आपके हर रंग को और रंग रही हूँ उसी में..

    ReplyDelete
  17. Bahut sundar, I loved the 'Kagha suhai':)

    ReplyDelete
  18. प्राकृतिक उपमा से सुसज्जित सुन्दर रचना।

    ReplyDelete
  19. रंगों की मधुर आभा लिए ... शब्द ओर चित्र ....
    बहुत ही अनुपम भाव लिए ...

    ReplyDelete
  20. प्रकृति के रंग.
    शब्दों में बिखेर दिये आपने
    चुटकियों के संग!

    ReplyDelete
  21. हृदय भक्ति ....
    मन ओस की बूंद ...
    पावन लगे ...
    वाह ... बहुत खूब सभी हाइकु एक से बढ़कर एक
    आभार

    ReplyDelete
  22. जीवन रंग
    भर दिये शब्दों में
    हाइकु संग ....

    बहुत सुंदर हाइकु ...

    ह्रदय शक्ति ...
    अँधियारा मिटाए ...
    प्रभात खिले .. सच मन की शक्ति ही खुशियों के रंग बिखेरती है ...

    ReplyDelete
  23. प्रकृति के सहज रंगों को उकेरती अद्भुत हाइकु

    ReplyDelete
  24. मनभावन हाईकू की यह सचित्र यात्रा बहुत सुखद लगी !
    सुमन खिले
    शब्दों की सुरभि उड़े
    हृदय जुड़े !
    बहुत प्यारे हाईकू अनुपमा जी ! सचमुच जियरा जुड़ा गया !

    ReplyDelete
    Replies
    1. वाह साधना जी .....बहुत सुन्दर हाइकु आपका भी ...!!मन खुश हो गया ...!!बहुत बहुत आभार ...!!

      Delete
  25. वाह अनु...बहुत सुन्दर लगे यह सतरंगी...प्रेमासक्त.... हाइकू

    ReplyDelete
  26. रंग भरे ये रंग ।

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!