किसलय अनुभूति देती .....
सागर सी ...
सुनील तरंग ...
सुशील उमंग ..!!!!
रंग भर भर ... झर-झर निर्झर बहें....!
निसर्ग झूम झूम गाए...
सुमंगल स्वस्तिवाचन ....!!!!!
हुआ स्वर्ग सा विस्तार नयनाभिराम ...
सुलक्षण सुमन ..सुविकसित सुवास ....
खिली खिली धरा ...
पा गई ....सुनिधि सुहास ....!!!!
सुपर्ण सुनियोजित ....
प्रभास अनंत
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXcHwRRyqsYErnnqtq22iR9YHh7lY4_9q8FH7UPSyZaVuDgcmBbTJKg8pZ76Q8D_Nrsd5ugaH97PCukH1xXliINz9KFqPP5JXiHTTm9f0BfZhKnmQfWm8ME0NgA1GxNUb189b5yLqikc9B/s320/559866_10200118148650840_37456661_n.jpg)
अहा ...आयो बसंत ....
मन भायो बसंत ....
अब मन छायो बसंत ...
सागर सी ...
सुनील तरंग ...
सुशील उमंग ..!!!!
रंग भर भर ... झर-झर निर्झर बहें....!
निसर्ग झूम झूम गाए...
सुमंगल स्वस्तिवाचन ....!!!!!
हुआ स्वर्ग सा विस्तार नयनाभिराम ...
सुलक्षण सुमन ..सुविकसित सुवास ....
खिली खिली धरा ...
पा गई ....सुनिधि सुहास ....!!!!
सुपर्ण सुनियोजित ....
प्रभास अनंत
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXcHwRRyqsYErnnqtq22iR9YHh7lY4_9q8FH7UPSyZaVuDgcmBbTJKg8pZ76Q8D_Nrsd5ugaH97PCukH1xXliINz9KFqPP5JXiHTTm9f0BfZhKnmQfWm8ME0NgA1GxNUb189b5yLqikc9B/s320/559866_10200118148650840_37456661_n.jpg)
अहा ...आयो बसंत ....
मन भायो बसंत ....
अब मन छायो बसंत ...
मन को भा गया पोस्ट ...
ReplyDeleteबहुत सरस प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट!
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार!
मन में कहीं गहरे उतर गया बसंत ,
ReplyDeleteमधुऋतू ने जो ली अंगडाई .
डाल -डाल हरियाली छाई..........
अनुपमा ,सुंदर शब्दों में
गुथी मनमोहिनी रचना .
साभार..............
आहा आयो बसंत ...
ReplyDeleteसुगंध फैलाती रचना.
मधुर सा बासंती माहौल रच दिया आपने, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
मधुर सा बासंती माहोल रच दिया है आपने, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
सुन्दर रचना...
ReplyDeleteसादर
अनु
बासंती रंग से पूरी तरह रंग दिया
ReplyDeleteसादर !
बढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरेया-
किसलय जैसा सुंदर शब्द अब कविता से स्थगित हो गया है, इसकी कविता में पुनः उपस्थिति बसंत के आगमन की तरह लग रही है। सुंदर कविता आभार
ReplyDeleteसुन्दर एह्साह वसंत का
ReplyDeletelatest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
बसंत की बहुत सुंदर उपस्थिति दर्ज कराती पोस्ट,,,,,,
ReplyDeleteबीबी बैठी मायके , होरी नही सुहाय
साजन मोरे है नही,रंग न मोको भाय..
.
उपरोक्त शीर्षक पर आप सभी लोगो की रचनाए आमंत्रित है,,,,,
जानकारी हेतु ये लिंक देखे : होरी नही सुहाय,
संगीत बन बजते शब्द, गाकर भी सुन्दर लगेंगे।
ReplyDeleteआभार प्रवीण जी ....ज़रूर कोशिश करूंगी ....!!
ReplyDeleteबहुत बहुत सुंदर.....
ReplyDeleteसुपर्ण सुनियोजित ....प्रभास अनंत ....
ReplyDeleteअहा ...आयो बसंत ....
मन भायो बसंत ....
मन के अंतस को छूते शब्द ... बसंत की खुसबू महक गई जैसे ...
bahut sundar..
ReplyDeleteसुंदर चित्रों के साथ सुंदर कविता । आहा आयो वसंत ।
ReplyDeleteबिलकुल बसंती हवा सी सुकून देती कविता. बहुत प्यारे शब्द.
ReplyDeleteबसंतोत्सव का स्वागत है ..
ReplyDeleteबधाई !
सुन्दर..मनमोहक..चेतना का संचार..
ReplyDeleteबसंत के खुशनुमा अहसास को मन भरती हुई कविता .
ReplyDeleteपूरी रचना में एक अनुप्रासिक छटा बिखरी हुई है जो एक नाद सौन्दर्य रचती है .
ReplyDeleteSpring is such a beautiful season. Lovely read :)
ReplyDeleteसुमधुर, सुवास भरी सुंदर सुरुचिपूर्ण शब्दावली और गुलाबी चित्र से सजी सुंदर पोस्ट...बधाई अनुपमा जी.
ReplyDeleteमधुर अहसास
ReplyDeleteमन ,उमंग ,तरंग सब बसंती कर दिया आपकी रचना ने ।
ReplyDeleteवाह अद्भुत...!!!!
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचना | बधाई |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
किसलय अनुभूति देती .....
ReplyDeleteसागर सी ...
सुनील तरंग ...
सुशील उमंग ..!!!!
रंग भर भर ... झर-झर निर्झर बहें....!
निसर्ग झूम झूम गाए...
सुमंगल स्वस्तिवाचन ....!!!!
very heart touching lines based on BASANT with great emotions.
वाह ! क्या वसंती सा वसंत ......
ReplyDeleteमित्रवर ....गुणीजन ....आप सभी का ह्रदय से आभार ....!!
ReplyDeleteअहा .... छा ही गया बसंत .... बहुत सुंदर
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