नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

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05 July, 2011

स्वप्निल जीवन ......!!

मेरे मीत ....!!
निर्मल मन के-
भावों सी हो.......
अपनी उज्जवल  प्रीत .....
ज्यों थाट बिलावल  सा .....
शुद्ध स्वरों सा-
 मेरा संगीत .....

शुद्ध अनिल सा ..
मलयानिल सा ..
चाहूँ जीवन .... 
नित साधे है तन .....
आतुर ये मन ....
आओ चलें 
उस ओर जहाँ ......
मंद पवन 
अमंद विचार हों ....
स्वप्निल बयार 
की ही बहार हो .....!!
बरसों के
उज्जवल प्रयास से ..
तुम से मुझ से अपने तप से .....
अपने मन मंदिर में ....
मेरे घर आँगन में ....
वृंदा का वन
बन वृन्दावन ..
मन सावन बन ..
बदरा  प्रेम बौछार  ही बरसे ...
तृषा से मन कभी न तरसे ....
आओ चलें उस ओर जहाँ...
श्याम की गैया ...
सोन चिरैया सा ....
स्वप्निल जीवन हो .......!!!!!!!!!!!!

38 comments:

  1. इस अनुपम सुन्दर अभिव्यक्ति में आपके निर्मल भक्तिपूर्ण हृदय के दर्शन हो रहें हैं,अनुपमा जी.
    उज्जवल कोमल भाव हैं आपके.
    शानदार प्रस्तुति के लिए आभार.

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  2. आओ चलें उस ओर जहाँ...
    श्याम की गैया ...
    सोन चिरैया सा ....
    स्वप्निल जीवन हो
    man moh liya aapki sundar abhivyakti v chitro ne badhai anupma ji.

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  3. तृषा से मन कभी न तरसे ....
    आओ चलें उस ओर जहाँ...
    श्याम की गैया ...
    सोन चिरैया सा ....
    स्वप्निल जीवन हो

    मन को सुकूँ देती रचना ... सुन्दर अभिव्यक्ति

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  4. आओ चलें उस ओर जहाँ...
    श्याम की गैया ...
    सोन चिरैया सा ....
    स्वप्निल जीवन हो .......!!!!!!!!!!!!

    बहुत सुंदर भाव..... हृदयस्पर्शी रचना

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  5. वृन्दा के वन में, चन्दा नन्दलाल।

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  6. संगीत , भक्ति , और प्रकृति का सुन्दर समन्वय हुआ है .

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  7. ek aadhyatmik ehsaas hota hai aur anayaas mann gokul chala jata hai...

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  8. बदरा प्रेम बौछार ही बरसे

    भक्त भगवान् की कृपा रूपी बारिश का ही तो इन्तजार करता है ....आपका आभार

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  9. सुन्दर प्रस्तुति ||

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  10. शुद्ध अनिल सा ..
    मलयानिल सा ..
    चाहूँ जीवन ....
    नित साधे है तन .....
    आतुर ये मन ....
    आओ चलें
    उस ओर जहाँ ......
    मंद पवन
    अमंद विचार हों ....
    स्वप्निल बयार
    की ही बहार हो .....!!

    दीदी इतने सपने बांटती हो आप कि मन विचलित हो उठता है ..आँखों में आंसू के साथ साथ सपने तैरने लगते हैं.

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  11. khubsurat bhawon bhari rachna...badhai..!
    kabhi hamare blog pe aayen

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  12. सुन्दर कल्पना.सुन्दर रचना.

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  13. भक्ति भाव व प्रेम रस में डूबी सुकृति !

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  14. क्या बात.. बहुत सुंदर रचना

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  15. भक्ति भाव से भरी सुन्दर प्रस्तुति।

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  16. बिलावल ठाट की तरह....
    वाह...
    सुन्दर उपमा....
    बिलावल ठाट की तरह ही है आपकी रचना...
    सादर...

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  17. आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है!

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  18. बहुत सुन्दर प्रस्तुति , बधाई

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  19. आओ चलें उस ओर जहाँ...
    श्याम की गैया ...
    सोन चिरैया सा ....
    स्वप्निल जीवन हो
    kya khub ukera hai aapne apne man ke ander ke jajbato ko.sach me bahut hi komal aur bahut hi sunder bhav...........baadhai.......

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  20. आओ चलें उस पार जहां ,
    श्याम की गैया ,सों चिरैया सा स्वप्निल जीवन हो .सुन्दर कविता भाव प्रधान अनुभूति से संसिक्त .

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  21. भक्तिभाव से भरपूर रचना |बधाई
    आशा

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  22. मेरे घर आँगन में ....
    वृंदा का वन
    बन वृन्दावन ..
    मन सावन बन ..
    बदरा प्रेम बौछार ही बरसे ...
    तृषा से मन कभी न तरसे ....
    निर्मल भक्तिपूर्ण कोमल प्रेममयी रचना ..कोटि कोटि अभिनन्दन

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  23. आओ उस और चलें जहाँ स्वप्निल जीवन हो ...
    कितने सुन्दर सपने और आपका मधुर आह्वान ...घूम आये हम भी इस स्वप्न नगरी में !

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  24. खूबसूरत और निर्मल भाव सुन्दर शब्द चयन !
    हार्दिक शुभकामनायें !

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  25. चित्र के साथ साथ बहुत सुन्दर और लाजवाब रचना! शानदार प्रस्तुती!

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  26. सुन्दर भावाभिव्यक्ति .......

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  27. अन्यन्त सुन्दर, मधुरिम!!

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  28. भक्ति भाव से भरी सुन्दर प्रस्तुति।

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  29. मन उज्ज्वल कर दे ऐसी प्यारी कविता।

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  30. आओ चलें उस ओर जहाँ...
    श्याम की गैया ...
    सोन चिरैया सा ....
    स्वप्निल जीवन हो ....
    bahut madhur madhur si pavitr si anktiyan
    bahut suder
    rachana

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  31. अत्यधिक हर्ष है मुझे ...मेरा ''स्वप्निल जीवन " आप सब ने सराहा ....''सोने की चिड़िया ''तो हमारा देश था ही .... मुझे विश्वास है कि हम अगर अपनी संस्कृती से जुड़े रहें ...तो ये स्वप्निल जीवन भी यथार्थ हो सकता है ...!!
    आभार आप सभी का इस धारा में मेरे साथ जुड़ने का ...!!

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  32. बहुत सुंदर हृदयस्पर्शी रचना ...

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नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!