नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!

नमष्कार !!आपका स्वागत है ....!!!
नमष्कार..!!!आपका स्वागत है ....!!!

22 February, 2012

जीवन अनमोल है ...!!

जीवन यात्रा चल रही है ...
मोम लम्हों सी  पिघल रही है ...
ले आई है आज मुझे  ..
समुंदर के किनारे ... ...
देख रही हूँ ...
अपना अपना चुनाव लिए ..
कैसे बनता है ...बिगड़ता है ...
कैसे खिलता है जीवन यहाँ ....
शांत ...किन्तु फिर भी ...कुछ आवाजें आती तो हैं ....
अपने आप को खोजता हुआ मन .....
उठती लहरें ....
लहरों की किनारों से टकराती आवाजें ....
बेख़ौफ़ ...अपनी ही धुन में ...
अपनी ही मस्ती में जीवन ...
अपनी अपनी बस्ती से दूर .....
कुछ की अपनी बस्ती...अपनी हस्ती ...
 अभी भी साथ चल रही है ...!!
लहराते ऊँचे-ऊँचे नारियल के पेड़ यहाँ ...
ले रहें हैं जीवन का अद्भुत आनंद ...!!

कुछ फिरंगी शराब में डूबे ...
कुछ युगल वासना  में डूबे ...
कुछ परिवार सुख संतोष  में डूबे ..
जीवन यात्रा चल रही है ...
मोम लम्हों सी पिघल रही है ...
देखती हूँ ...
सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ ...
महँगी  है मन की हस्ती यहाँ ...
जीवन का क्या मोल है ...?
या ..........
जीवन अनमोल है ...!!

31 comments:

  1. लम्हों में ही जी जाती है... अनमोल है यह..., विवेक जाग जाए फिर सार्थक भी हो जाती है!

    ReplyDelete
  2. जीवन भरपूर जिया ..तो अनमोल..
    वरना क्या मोल!!!

    सार्थक कविता..

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया,बेहतरीन अनुपम अच्छी प्रस्तुति,.....
    अनुपमा जी,अपने तो मेरे पोस्ट में आना ही बंद कर दिया,...ऐसी भी क्या नारजगी,...

    MY NEW POST...काव्यान्जलि...आज के नेता...

    ReplyDelete
  4. सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ ...
    महँगी है मन की हस्ती यहाँ ...
    जीवन का क्या मोल है ...?
    या ..........
    जीवन अनमोल है ...!!bahut badiyaa.jeevan ke saar ko byakt kiya hai aapne apni rachana main bahut badhaai aapko.

    ReplyDelete
  5. प्रकृति के इस सुन्दर स्वरूप में सब अपने मन के भाव खोज लेते हैं।

    ReplyDelete
  6. महँगी है मन की हस्ती यहाँ ...

    हमेशा एक जीवन दर्शन और विचार मन में छोड़ जाती है आपकी रचना.... हमेशा की तरह , अति सुंदर

    ReplyDelete
  7. गहरे भाव लिए सुंदर रचना।

    ReplyDelete
  8. सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ ...
    महँगी है मन की हस्ती यहाँ ...
    जीवन का क्या मोल है ...?
    या ..........
    जीवन अनमोल है ...!!


    कितना कुछ कह दिया है आपने .....

    बहुत ही प्रभावशाली, सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  9. सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ,
    महँगी है मन की हस्ती यहाँ!

    सुन्दर रचना!
    सादर

    ReplyDelete
  10. वाह! बहुत सुन्दर लगी आपकी यह रचना.
    जीवन वास्तव में अनमोल है.
    आभार.

    ReplyDelete
  11. सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ ...
    महँगी है मन की हस्ती यहाँ ...
    जीवन का क्या मोल है ...?
    या ..........
    जीवन अनमोल है ...!!
    naa ho chain agar jeevan mein ?
    to hai sab bhram yahaan
    jeevan anmol hai

    ReplyDelete
  12. rachna me prakarti ke swaroop ka apne bhaavon ke madhyam se bahut sundar chitran kiya hai.

    ReplyDelete
  13. जीवन सचमुच अनमोल है, पर ऐसे जीवन को जो नशे में गंवा रहे हैं...उन्हें यह नजर नहीं आता...जो वास्तव में जी रहे हैं उनके लिये ही है जीवन, बाकी तो मरने का उपाय खोज रहे हैं...

    ReplyDelete
  14. जो ढूंढता है खुद को , वहां जीवन बाकि है, ... जो अपनी धुन अपने स्वार्थ में है - वहां खोज , न कुछ शेष

    ReplyDelete
  15. अनुपम भाव संयोजन लिए ... उत्‍कृष्‍ट रचना ।

    ReplyDelete
  16. जीवन का मोल है तभी तो अनमोल है।

    ReplyDelete
  17. बढ़िया,बेहतरीन भाव लिए अच्छी प्रस्तुति !

    ReplyDelete
  18. क्या अनुपमा जी ..... आप गोवा हो कर आई हैं क्या ? :):)

    सार्थक चिंतन करती खूबसूरत रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही पहचाना संगीता जी ....
      अपना जीवन अपने हाथ में ही है न ...!सब तरह के लोग दिख रहे थे वहां .....जीवन क्या है ...जीवन का असली रूप क्या है ...हम क्यों जीते हैं ...किसके लिए जीते हैं ...बहुत सारी परतें खुल जाती हैं ...
      गोवा भ्रमण का ही नतीजा है यह कविता ....

      Delete
  19. जिन्दगी के यथार्थ को बताती सार्थक अभिवयक्ति....

    ReplyDelete
  20. नजरिया है अपना अपना........कहीं अनमोल है कहीं बेमोल है ।

    ReplyDelete
  21. सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ,
    महँगी है मन की हस्ती यहाँ!
    बहुत ही ऊँचे भाव है
    इन पंक्तियों में ,,,
    बहुत ही सुन्दर रचना है...:-)

    ReplyDelete
  22. prakriti ke saath jivan ko saakshi bhaave dekhna kabhi kabhi sukhad bhi lagta hai. sundar rachna, badhai.

    ReplyDelete
  23. bahut hi sundar rachna ----------aapke blog par pahli baar pahunchi hu.

    ReplyDelete
  24. सार्थक चिंतन करती खूबसूरत रचना| धन्यवाद।

    ReplyDelete
  25. समुन्दर के किनारे भी आपके मन ने जीवन के भावों को पकड़ा ..सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  26. सस्ती है जीवन की मस्ती यहाँ ...
    महँगी है मन की हस्ती यहाँ ...
    जीवन का क्या मोल है ...?
    या ..........
    जीवन अनमोल है ...!!
    ...
    जिसका जो चुनाव हो उस हिसाब से ...महंगे के साथ जाना है तो मोल तो लगेगा ही .... अलबत्ता अनमोल होना है तो मस्ती को ही चुनना होगा !

    ReplyDelete

नमस्कार ...!!पढ़कर अपने विचार ज़रूर दें .....!!